देहरादून: स्वास्थ्य विभाग के चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी अपनी मांगों को लेकर प्रदेशभर में विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. प्रर्शनकारी कर्मचारियों ने बताया कि वो पिछले 1 हफ्ते से बिना कुछ खाए ड्यूटी कर रहे हैं, लेकिन प्रदेश सरकार उनकी मांगों को लेकर कोई ध्यान नहीं दे रही है. वहीं, अपनी मांगों को कर्मचारियों ने कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज से मुलाकात की और उन्हें अपनी मांगों के संबंध में ज्ञापन सौंपा.
कर्मचारी नेताओं का कहना है कि मांगें पूरी नहीं होने पर वो पिछले 1 हफ्ते से अन्न ग्रहण किए बिना ही ड्यूटी कर रहे हैं. चतुर्थ श्रेणी राज्य कर्मचारी संघ के प्रदेश उपाध्यक्ष नेल्सन अरोड़ा का कहना है कि महानिदेशालय आयुर्वेदिक विश्वविद्यालय कर्मचारियों की मांगों को लगातार नजरअंदाज कर रहा है. उन्होंने कहा कि कोविड महामारी में अग्रिम पंक्ति पर कार्य करने के बावजूद भी उनकी मांगों को अनसुना किया जा रहा है जो कि दुर्भाग्यपूर्ण है
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वहीं, नेल्सन अरोड़ा का कहना है कि कर्मचारियों को पदोन्नति और उद्यान विभाग की तरह उन्हें भी 4,200 रुए ग्रेड पे दिया जाना चाहिए. इसके अलावा स्टाफ नर्स की भांति पौष्टिक आहार भत्ता, 1 माह का मानदेय और जोखिम भत्ता 10 लाख रुपए किया जाना चाहिए. वहीं, उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार उनकी मांगों को लेकर कोई भी कार्रवाई नहीं कर रही है.
उधर, चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी के नेताओं का कहना है कि वो अपनी मांगों को लेकर 14 अगस्त तक इंतजार करेंगे. इस बीच अगर उनकी सभी मांगें पूरी नहीं हुई तो 14 अगस्त के बाद धरना-प्रदर्शन, रैलियां और क्रमिक अनशन के माध्यम से आंदोलन किया जाएगा.