देहरादून: प्रदेश में कर्मकार कल्याण बोर्ड के कथित घोटाले को लेकर कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत ने ईटीवी भारत पर दो टूक चेतावनी दी है. हरक सिंह रावत ने अपने विरोधियों को इस मामले पर ऑडिट के बाद मुंहतोड़ जवाब देने का ऐलान किया है. यही नहीं मंत्री हरक सिंह रावत ने खुलासा किया है कि बोर्ड में 2012 से ऑडिट नहीं हुआ है तो फिर अभी क्यों सवाल खड़े किये जा रहे हैं.
बीजेपी सरकार ने कथित साइकिल घोटाले समेत कर्मकार कल्याण बोर्ड के अबतक के कामों का ऑडिट शुरू कर दिया है. यही नहीं इस मामले में ऑटर्नी जनरल की ऑडिट के बाद स्पेशल ऑडिट और जरूरत पड़ने पर विजिलेंस जांच तक कराए जाने की बात कही जा रही है. जिसके कारण विभागीय मंत्री हरक सिंह रावत भी सभी के निशाने पर दिख रहे हैं. लेकिन इस बीच विभागीय मंत्री हरक सिंह रावत ने कुछ नए खुलासों के साथ अपने विरोधियों को चेतावनी भी दे डाली है.
पढ़ें-CM ने रुड़की में कोविड सेंटर का किया निरीक्षण, बाइपास निर्माण कार्य का भी लिया जायजा
हरक सिंह रावत ने दावा किया है कि कर्मकार कल्याण बोर्ड में साल 2012 से ही ऑडिट नहीं हो पाया है. ऐसे सभी को अब ही इस बोर्ड में ऑडिट नहीं होने की याद क्यों आ रही है. आपको बता दें कि हरक सिंह रावत पर इस बोर्ड की जिम्मेदारी साल 2017 से मिली. जबकि, साल 2012 से 2017 तक कांग्रेस की सरकार थी. हरक सिंह रावत की इन बातों इतना तो स्पष्ट होता है कि अगर हरक सिंह रावत की बातों में सच्चाई है तो फिर ऑडिट को लेकर केवल हरक सिंह रावत के कार्यकाल पर ही क्यों सवाल खड़े किये जा रहे हैं.
पढ़ें- हरिद्वार: CM त्रिवेंद्र ने की मां गंगा की पूजा अर्चना, लिया आशीर्वाद
ईटीवी भारत को दिए बयान में हरक सिंह रावत ने साल 2012 से ऑडिट नहीं होने का खुलासा तो किया है, लेकिन साथ ही बोर्ड में ऑटर्नी जनरल की जांच के बाद किसी स्पेशल ऑडिट की जरूरत नहीं होने की बात भी कही है. हरक सिंह रावत ने कहा कि एजी की जांच देश की सबसे बड़ी जांच है और इसके बाद किसी भी दूसरी स्पेशल ऑडिट की जरूरत नहीं है. यही नहीं हरक सिंह रावत ने अपने विरोधियों को भी दो टूक जवाब दिया है कि वह ऑडिट रिपोर्ट की जांच पूरी होने के बाद सभी का मुंहतोड़ जवाब देंगे.