देहरादून: उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने नेपाल के साथ सीमा विवाद को परस्पर बातचीत के जरिए सुलझाने की पैरवी की है. उन्होंने कहा कि नेपाल के साथ भारत का हमेशा से ही भावनात्मक और नजदीकी संबंध रहा है. सांस्कृतिक रूप से भी दोनों ही देश एक हैं. उन्होंने कहा कि दोनों देशों के बीच शत्रुता पूर्ण संबंध न बने इसके लिए परस्पर बातचीत की जाए.
पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि चीन और पाकिस्तान से जंग लड़ना सरल है, क्योंकि दोनों देश परंपरागत तरीके से हमारे साथ बैर रखते हैं. लेकिन नेपाल से हमारा रोटी और बेटी का रिश्ता है. नेपाल से देवताओं से जुड़ी संस्कृति के साथ ही भावनात्मक संबंध भी हैं, जिसमें माता जानकी का जन्म स्थान भी सम्मिलित है. ऐसी स्थिति में सरकार को गंभीरता से इस बात के प्रयास करने चाहिए कि हमारे और नेपाल के बीच में शत्रुता पूर्ण संबंध ना बने. बल्कि परस्पर बातचीत के जरिए सीमा विवाद को निपटाया जाए.
पढ़ें- 2013 केदारनाथ आपदा में ये मार्ग बना था संकटमोचक, आज इस पर है 'यमराज' का वास
उन्होंने कहा कि नेपाल अगर चीन से विकास में सहायता लेना चाहता है तो इस संवेदनशील मुद्दे पर भी हमें बेहद समझदारी का रवैया अपनाने की जरूरत है. इस समय जो स्थितियां सीमाओं पर बनी हुई हैं उससे लोगों की चिंताएं काफी बढ़ गई हैं. उन्होंने बताया कि नेपाल की सीमाओं में चीन की चौकियां बन रही हैं और चीन के सैनिक वहां निर्माण कार्यों के लिए आ रहे हैं, यह घटनाएं बेहद चिंता पूर्ण हैं.