देहरादून: शुक्रवार को पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने अपने आवास पर माल्टा उत्पादकों की समस्याओं और नंदप्रयाग घाट मोटरमार्ग के चौड़करण को लेकर एक घंटे का उपवास रखा. इस दौरान उन्होंने कहा कि सरकार अगर इन मामलों को गंभीरता से नहीं लेती है तो फरवरी में वे मुख्यमंत्री आवास और सचिवालय में उपवास पर बैठने पर मजबूर हो जाएंगे.
हरीश रावत ने अपने ओल्ड मसूरी रोड स्थित आवास पर सांकेतिक उपवास रखा. उन्होंने कहा कि ये उपवास वे अपने घाट के उन भाई बहनों को समर्पित कर रहे हैं जो क्षेत्र के विकास और अधिकारों के लिए निरंतर संघर्ष कर रहे हैं. हरीश रावत का कहना है कि यह उपवास उन माल्टा उत्पादकों के लिए भी है जिनकी सरकार ने अवहेलना की है. माल्टा उत्पादक आज परेशान हैं. वे पेड़ों को काटने की अनुमति मांग रहे हैं.
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हरीश रावत ने अगस्त्यमुनि के ओरिंग गांव के काश्तकार का जिक्र करते हुए कहा कि काश्तकार अजीत सिंह भंडारी बेबसी के कारण माल्टे के पेड़ों पर आरी चलाना चाहते हैं. उन्होंने शासन से माल्टे के पेड़ों को काटने की अनुमति भी मांगी है. माल्टे के पेड़ लगे पड़े हैं मगर न्यूनतम समर्थन मूल्य इतना कम है कि खरीद केंद्र तक ले जाने की ढुलाई भी उसमें नहीं निकल पा रही है. इसलिए वे घाट के भाई-बहनों और ओरिंग गांव के माल्टा किसान अजीत सिंह भंडारी के साथ एकजुटता जाहिर करने के लिए सांकेतिक उपवास रख रहे हैं.