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राज्य आंदोलनकारियों को क्षैतिज आरक्षण बिल पर हरीश रावत सरकार पर हमलावर, दर्द भी छलका - उत्तराखंड बजट सत्र

उत्तराखंड में जहां एक ओर राज्य आंदोलनकारी 10% क्षैतिज आरक्षण को मंंजूरी मिलने के बाद धामी सरकार का आभार जता रहे हैं, वहीं दूसरी ओर कांग्रेस इस मुद्दे पर सरकार पर हमलावर दिख रही है. कांग्रेस नेता हरीश रावत ने क्षैतिज आरक्षण बिल को मंजूरी मिलने के बाद बीजेपी पर सवाल दागे हैं.

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Published : Mar 21, 2023, 11:11 AM IST

देहरादून: इस बार उत्तराखंड बजट सत्र के दौरान आंदोलनकारियों को 10% क्षैतिज आरक्षण बिल के प्रस्ताव को कैबिनेट ने मंजूरी दे दी है. जिसको लेकर कांग्रेस बीजेपी पर निशाना साध रही है. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व सीएम हरीश रावत ने आंदोलनकारियों को 10% क्षैतिज आरक्षण बिल के प्रस्ताव को कैबिनेट की मंजूरी पर धामी सरकार पर हमला बोला है. साथ ही हरीश रावत अपने सोशल मीडिया पोस्ट से सरकार को नसीहत देते दिखाई दिए.

हरीश रावत ने धामी सरकार को घेरा: हरीश रावत ने अपने सोशल मीडिया हैडल पर लिखा कि वाह! धामी सरकार की चतुराई देखिए. विधानसभा में राज्य आंदोलनकारियों के क्षैतिज आरक्षण का मामला न उठे और उसके लिए सदन में प्रस्तुत अनुपमा रावत का निजी विधेयक न आ पाए, तो मंत्रिमंडल की बैठक बुलाकर सत्र से पहले कह दिया कि क्षैतिज आरक्षण मिलेगा. अच्छी बात है. मगर बिल भी तो ले आते और फिर बिल लाने की आवश्यकता भी क्या है!
पढ़ें-आंदोलनकारियों को 10% क्षैतिज आरक्षण बिल के प्रस्ताव को मंजूरी, विधायक निधि बढ़कर हुई 5 करोड़

क्षैतिज आरक्षण बिल के प्रस्ताव पर कही ये बात: हमारी सरकार के समय में विधानसभा ने बिल पारित कर रखा है जो माननीय गवर्नर के पास भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व के इशारे पर महीनों-महीनों, सालों दबा रहा और अब उसको यूं ही वापस भेज दिया गया! यदि इरादा क्षैतिज आरक्षण देने का है तो फिर उसी विधेयक को राज्यपाल को भेज कर कहते कि महाराज आप इसका अनुमोदन करिए, जो विधि सम्मत होता. खैर अब भी एक रास्ता है, यदि आप इच्छुक हैं, विधेयक नहीं ला पाए हैं, तो ऑर्डिनेंस लाइए और ऑर्डिनेंस के जरिए राज्य आंदोलनकारियों को क्षैतिज आरक्षण जिसकी वो वर्षों से प्रतीक्षा कर रहे हैं, दीजिए.

देहरादून: इस बार उत्तराखंड बजट सत्र के दौरान आंदोलनकारियों को 10% क्षैतिज आरक्षण बिल के प्रस्ताव को कैबिनेट ने मंजूरी दे दी है. जिसको लेकर कांग्रेस बीजेपी पर निशाना साध रही है. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व सीएम हरीश रावत ने आंदोलनकारियों को 10% क्षैतिज आरक्षण बिल के प्रस्ताव को कैबिनेट की मंजूरी पर धामी सरकार पर हमला बोला है. साथ ही हरीश रावत अपने सोशल मीडिया पोस्ट से सरकार को नसीहत देते दिखाई दिए.

हरीश रावत ने धामी सरकार को घेरा: हरीश रावत ने अपने सोशल मीडिया हैडल पर लिखा कि वाह! धामी सरकार की चतुराई देखिए. विधानसभा में राज्य आंदोलनकारियों के क्षैतिज आरक्षण का मामला न उठे और उसके लिए सदन में प्रस्तुत अनुपमा रावत का निजी विधेयक न आ पाए, तो मंत्रिमंडल की बैठक बुलाकर सत्र से पहले कह दिया कि क्षैतिज आरक्षण मिलेगा. अच्छी बात है. मगर बिल भी तो ले आते और फिर बिल लाने की आवश्यकता भी क्या है!
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क्षैतिज आरक्षण बिल के प्रस्ताव पर कही ये बात: हमारी सरकार के समय में विधानसभा ने बिल पारित कर रखा है जो माननीय गवर्नर के पास भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व के इशारे पर महीनों-महीनों, सालों दबा रहा और अब उसको यूं ही वापस भेज दिया गया! यदि इरादा क्षैतिज आरक्षण देने का है तो फिर उसी विधेयक को राज्यपाल को भेज कर कहते कि महाराज आप इसका अनुमोदन करिए, जो विधि सम्मत होता. खैर अब भी एक रास्ता है, यदि आप इच्छुक हैं, विधेयक नहीं ला पाए हैं, तो ऑर्डिनेंस लाइए और ऑर्डिनेंस के जरिए राज्य आंदोलनकारियों को क्षैतिज आरक्षण जिसकी वो वर्षों से प्रतीक्षा कर रहे हैं, दीजिए.

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