देहरादून: कांग्रेस नेता राहुल गांधी की लोकसभा सदस्यता खत्म होने के बाद सरकारी बंगला भी खाली करने को लेकर पूरे देश में सियासत तेज है. कांग्रेस इस मुद्दे को भुनाने में लगे हुए हैं, जबकि भाजपा इसे न्याय पालिका पर सवाल खड़ा करना बता रही है. वहीं कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हरीश रावत ने इन्हीं मामलों को लेकर भाजपा पर हमला बोला है.
हरीश रावत ने अपने सोशल मीडिया हैंडल पर लिखा कि 'सत्ता यदि चाहती है तो वह बड़े से बड़े पेचीदा मामलों को विद्युत गति से निस्तारित कर सकती है. राहुल गांधी के विरुद्ध सूरत, गुजरात की अदालत में मानहानि का मामला इसका ज्वलंत उदाहरण है', उन्होंने आगे लिखा कि 'राहुल गांधी ने दिनांक -13 अप्रैल, 2019 को कोलार में एक आम सभा में ललित मोदी, नीरव मोदी, मेहुल चोकसी के नामों का उल्लेख करते हुए कहा कि ये चोर देश का धन लेकर भाग गए. दिनांक-16 अप्रैल, 2019 को पूर्णेश मोदी, पूर्व मंत्री व विधायक भाजपा ने सूरत में एक मजिस्ट्रेट के यहां इस बयान को समस्त मोदियों का अपमान बताते हुए शिकायत दर्ज कराई.
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राहुल गांधी 2019 में सूरत के मजिस्ट्रेट कोर्ट में समन मिलने पर उपस्थित होते हैं, इसके बाद एक लंबे अंतराल की चुप्पी के बाद पूर्णेश मोदी स्वयं हाईकोर्ट जाते हैं और अपनी शिकायत पर सुनवाई रोकने का निवेदन करते हैं. दिनांक-7 फरवरी 2022 को हाईकोर्ट पूर्णेश की प्रार्थना पर उनकी शिकायत की सुनवाई पर रोक लगा देता है, लगभग 1 साल बाद! दिनांक-7 फरवरी, 2023 को राहुल गांधी लोकसभा में अडानी समूहों से जुड़े हुए मुद्दों पर भाषण देते हैं और आदरणीय प्रधानमंत्री जी से जवाब मांगते हैं! दिनांक-16 फरवरी, 2023 को शिकायतकर्ता पूर्णेश मोदी पुनः हाईकोर्ट जाते हैं और स्टे के लिए लगाई गई अपनी अर्जी वापस लेते हैं और स्टे हट जाता है.
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कल मैं, क्या ये सब मोदी ओबीसी हैं? भाजपा के इस दुष्प्रचार पर भी कुछ कहूंगा और कुछ अपनी समझ का विश्लेषण भी आपसे साझा करूंगा।#india #gujrat #uttarakhand #BJP4IND #BJPGujarat #BJP4UK @narendramodi @INCIndia @priyankagandhi @INCGujarat @INCUttarakhand @KaranMahara_INC
— Harish Rawat (@harishrawatcmuk) April 3, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
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— Harish Rawat (@harishrawatcmuk) April 3, 2023
5 दिन के अंतराल में दिनांक-21 फरवरी, 2023 को मजिस्ट्रेट पुनः सुनवाई प्रारंभ कर देते हैं. दिनांक-17 मार्च, 2023 में सुनवाई पूरी हो जाती है और फैसला सुरक्षित रख दिया जाता है. दिनांक-23 मार्च, 2023 को मजिस्ट्रेट, 168 पेज के फैसले में राहुल गांधी को दोषी बताते हैं और 2 वर्ष अर्थात अपराध के लिए अधिकतम सजा सुनाते हैं. थोड़ी देर बाद स्वयं सजा के विरुद्ध अपील के लिए 1 माह की रोक लगा देते हैं.1 दिन बाद अर्थात दिनांक-24 मार्च, 2023 को लोकसभा सचिवालय ने राहुल गांधी की अयोग्यता को लेकर अधिसूचना जारी कर दी और 2 दिन बाद उनको 1 माह के अंदर आवास खाली करने का नोटिस भी थमा दिया.
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है न चमत्कार ! विद्युत गति की भांति एक महीने में सब कुछ हो गया, क्योंकि कुछ चुनिंदा लोग किसी भी मूल्य पर राहुल गांधी को लोकसभा में नहीं देखना चाहते हैं. यदि राहुल लोकसभा के सदस्य रहते हैं तो उन्हें लोकसभा में उन पर लगाए गए देशद्रोह के आरोपों का नियमत: जवाब देने का अवसर मिलेगा. अवसर देने से टाला नहीं जा सकता है, जो टाला गया. अडानी समूह की लूट और बेपर्दा हो जाएगी. प्रधानमंत्री जी के लिए बातों का जवाब देना कठिन हो जाएगा! आज भी कठिन है.
कल मैं, क्या ये सब मोदी ओबीसी हैं? भाजपा के इस दुष्प्रचार पर भी कुछ कहूंगा और कुछ अपनी समझ का विश्लेषण भी आपसे साझा करूंगा.