देहरादून: उत्तराखंड में अवैध मजारों के बाद अवैध मदरसों पर शुरू हुई कार्रवाई अब राजनीतिक रंग लेती नजर आ रही है. जहां एक ओर मदरसों पर हो रही कार्रवाई पर मदरसा बोर्ड इसे सही बता रहा है, वहीं विपक्षी दल लगातार सवाल खड़े कर रहे हैं. मौजूदा समय में प्रदेश भर में करीब 700 मदरसे हैं, जिसमें से करीब 400 मदरसे, मदरसा बोर्ड में रजिस्टर्ड हैं. बाकी मदरसे स्वत: संचालित हो रहे हैं. यानी ये अवैध रूप से संचालित हो रहे हैं. वही, सरकार ने अवैध रूप से बने मदरसों पर बुलडोजर चलाना शुरू कर दिया है.
अवैध मजारों के बाद अवैध मदरसों पर कार्रवाई: उत्तराखंड सरकार अतिक्रमण पर जोरों से कार्रवाई कर रही है. इसी क्रम में सरकारी जमीनों पर अवैध रूप से बनाए गए करीब 400 धार्मिक स्थलों पर बुलडोजर चलाया था. इसी बीच अक्टूबर महीने में नैनीताल के ज्योलीकोट के वीरभट्टी स्थित अवैध मदरसे में बच्चों के साथ गलत हरकतें समेत तमाम अनियमिताओं का मामला सामने आया था. जिसके बाद धामी सरकार ने प्रदेश में संचालित मदरसों के सत्यापन के निर्देश दिए थे. तब से कई मदरसों पर भी सीलिंग की कार्रवाई की जा चुकी है.
दो अवैध मदरसे किए जा चुके हैं ध्वस्त: ऐसे में अब धामी सरकार में अवैध मजारों के बाद अवैध मदरसों पर बुलडोजर की कार्रवाई शुरू कर चुकी है. हल्द्वानी-रुद्रपुर हाईवे पर टांडा से सटे जंगल में अवैध रूप से मस्जिद और मदरसे का संचालन होना सामने आया. इस पर प्रशासन ने 18 अक्टूबर को अवैध मदरसे समेत एक एकड़ में फैले धार्मिक अतिक्रमण पर बुलडोजर चला दिया. इसी क्रम में नैनीताल जिले के ज्योलीकोट के वीरभट्टी में संचालित अवैध मदरसे पर प्रशासन ने दो नवंबर को बुलडोजर चला दिया. यह वही मदरसा था, जिसमें सबसे पहले बच्चों के साथ गलत व्यवहार का मामला सामने आया था. अभी तक धामी सरकार दो मदरसों पर बुलडोजर चलवा चुकी है.
अवैध मदरसों पर कार्रवाई का मदरसा बोर्ड ने किया समर्थन: उत्तराखंड सरकार की ओर से अवैध मदरसों पर की जा रही कार्रवाई पर उत्तराखंड मदरसा बोर्ड के अध्यक्ष मुफ्ती शमून कासमी ने कहा कि ये सरकार पारदर्शी है. जो सरकार का मूल मंत्र है "सबका साथ, सबका विश्वास, सबका विकास और सबका प्रयास", ये उसके ऊपर एक पहल है. अवैध चीज न भारत बर्दाश्त करेगा और न करना चाहिए. क्योंकि अगर शिक्षण संस्थाओं से किसी भी तरह की गड़बड़ है, तो किसी भी पारदर्शी सरकार का यह कर्तव्य है कि वो उसे ठीक करे. ऐसे में अगर कहीं अनियमिता पाई जाती है तो पहला फर्ज है कि उस पर कार्रवाई करे. फिर भी वो नहीं सुधरते हैं, तो उन पर वैधानिक समेत सभी कार्रवाइयां की जाएंगी. लिहाजा, देवभूमि के अनुरूप मदरसों का आचरण होना चाहिए.
99 फीसदी अवैध कब्जे भाजपाइयों ने किए- हरीश रावत: मदरसों पर हो रही कार्रवाई के सवाल पर पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि अवैध निर्माण पर सरकार जरूर कार्रवाई करे. लेकिन इसकी शुरुआत देहरादून से होनी चाहिए. क्योंकि देहरादून के अंदर रोज अवैध निर्माण हो रहे हैं. नदी नाले सब घेर दिए गए हैं. साथ ही हरदा ने भाजपा पर आरोप लगाते हुए कहा कि सरकारी जमीनों को घेरने वाले 90 फ़ीसदी ही नहीं, बल्कि 99 फीसदी लोग भाजपाई हैं.
धामी सरकार को अतिक्रमण बर्दाश्त नहीं: वहीं, हरीश रावत के बयान पर शहरी विकास मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने कहा कि अवैध कब्जा कहीं पर किसी भी प्रकार का हो और किसी के भी द्वारा हो वो हटना चाहिए. साथ ही कहा कि यह भाजपा और कांग्रेस का विषय नहीं है. लिहाजा, जो भी व्यक्ति अवैध कब्जा करता है, तो सरकार कटिबद्ध है कि अवैध कब्जा हटे. ऐसे में धामी सरकार ने निर्णय लिया है कि अतिक्रमण किसी भी रूप में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.
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