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हरीश रावत बोले- नरेंद्र मोदी दाज्यू, म्यर मुल्कक गुरुजी मुरली मनोहर जोशी ज्यूक नंबर कब आल - Presidential Election 2022

पूर्व सीएम हरीश रावत ने (Former CM Harish Rawat) बीजेपी के कद्दावर नेता मुरली मनोहर जोशी के बहाने पीएम मोदी पर तंज कसा है. हरीश रावत ने उत्तराखंड की गढ़वाली और कुमाऊंनी भाषा में ट्वीट कर लिखा है कि नरेंद्र मोदी दाज्यू (कुमाऊंनी में बड़े भाई को कहा जाता है), म्यर मुल्कक( मेरे क्षेत्र के) गुरुजी मुरली मनोहर जोशी ज्यूक नंबर कब आल (उनका नंबर कब आएगा), उनोंकें बिलकुल ही भूल गछा (उनको बिलकुल ही भूल गए हैं). इसका अर्थ है पीएम नरेंद्र मोदी मेरे उत्तराखंड के गुरुजी मुरली मनोहर जोशी (BJP leader Murli Manohar Joshi) का नंबर राष्ट्रपति के लिए कब आएगा. आप तो उनको बिल्कुल ही भूल गए हैं.

Former CM Harish Rawat
पूर्व सीएम हरीश रावत
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Published : Jun 22, 2022, 1:50 PM IST

Updated : Jun 22, 2022, 2:45 PM IST

देहरादून: कांग्रेस के कद्दावर नेता व पूर्व सीएम हरीश रावत (Former CM Harish Rawat) केन्द्र और राज्य सरकार को घेरने का कोई मौका नहीं छोड़ते हैं. उनके हमलावर अंदाज पर बीजेपी डिफेंड करती नजर आती है. वहीं उनका हमलावर पहाड़ी अंदाज भी काफी चर्चाओं में रहता है. हरीश रावत का कुछ ऐसा ही अंदाज राष्ट्रपति उम्मीदवार को लेकर सामने आया है. उन्होंने इसी बहाने अपने तरकश से एक ऐसा तीर छोड़ा है, जिससे बीजेपी खेमे में खलबली मचनी तय है.

हरीश रावत ने कसा तंज: हरीश रावत ने बीजेपी के कद्दावर नेता मुरली मनोहर जोशी के बहाने पीएम मोदी पर तंज कंसा है. उन्होंने उत्तराखंड की गढ़वाली और कुमाऊंनी भाषा में ट्वीट कर लिखा है कि नरेंद्र मोदी दाज्यू (कुमाऊंनी में बड़े भाई को कहा जाता है), म्यर मुल्कक( मेरे क्षेत्र के) गुरुजी मुरली मनोहर जोशी ज्यूक नंबर कब आल (उनका नंबर कब आएगा), उनोंकें बिलकुल ही भूल गछा (उनके बिलकुल ही भूल गए हैं). इसका अर्थ है पीएम नरेंद्र मोदी मेरे उत्तराखंड के गुरुजी मुरली मनोहर जोशी (BJP leader Murli Manohar Joshi) का नंबर राष्ट्रपति के लिए कब आएगा. आप तो उनको बिल्कुल ही भूल गए हैं. वहीं हरीश रावत ने अपने पोस्ट में गढ़वाली में लिखा है कि नरेन्द्र मोदी भैजी हमरू मुल्कुक गुरुजी मुरली मनोहर जोशी जीक नंबर कबतक आलूं, यूंते तां तुम कते भूल बिलकुल ही बिसर ग्यो बारे.

पढ़ें-स्पीकर ऋतु खंडूड़ी ने मुरली मनोहर जोशी से की मुलाकात, उत्तराखंड के विकास पर हुई चर्चा

राष्ट्रपति उम्मीदवार को लेकर साधा निशाना: बता दें कि राष्ट्रपति चुनाव के लिए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने अपने उम्मीदवार के नाम की घोषणा कर दी है. भाजपा ने आदिवासी महिला नेता को अपना उम्मीदवार बनाया है. द्रौपदी मुर्मू का नाम राष्ट्रपति उम्मीदवार के रूप में ऐलान किया गया है. भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने पत्रकार सम्मेलन में राष्ट्रपति उम्मीदवार की घोषणा की. उन्होंने कहा, 'हमने एनडीए की तरफ से द्रौपदी मुर्मू को राष्ट्रपति पद के लिए उम्मदीवार घोषित किया. 'राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के लिए द्रौपदी मुर्मू के नाम की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पुष्टि की.

बीजेपी के कद्दावर नेता: गौर हो कि भाजपा के सबसे वरिष्ठ नेताओं में से एक मुरली मनोहर जोशी आज भी पार्टी के साथ बतौर मार्गदर्शक जुड़े हुए हैं. उनके पास फिलहाल पार्टी में कोई पद नहीं है. लेकिन आज भी उन्हें भाजपा की तीन धरोहर में से एक माना जाता है. अटल बिहारी वाजपेयी और लालकृष्ण आडवानी के बाद अगला नाम मुरली मनोहर जोशी के रूप में लिया जाता है. खास बात यह भी है कि अटल बिहारी वाजपेयी की हर सरकार में वह कैबिनेट मंत्री रहे. राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) के शासनकाल में वे भारत के मानव संसाधन विकास मंत्री थे.

पढ़ें-अग्निपथ योजना पर बोले पूर्व सीएम हरीश रावत, 'संविदा पर सैनिक' युवाओं के साथ धोखा

कुमाऊं से है गहरा नाता: मुरली मनोहर जोशी का जन्म 5 जनवरी 1934 को नैनीताल में हुआ था. उनके पिता का नाम मनमोहन जोशी था और उनकी पत्नी का नाम तरला जोशी है. मुरली मनोहर जोशी की प्रारंभिक शिक्षा अल्मोड़ा में हुई. उन्होंने इलाहाबाद विश्वविद्यालय से एमएससी किया, जहां प्राध्यापक राजेंद्र सिंह उनके एक शिक्षक थे. यहीं से उन्होंने अपनी डॉक्टरेट की उपाधि भी हासिल की. उन्होंने 1958 में इलाहाबाद विवि से डीफिल की उपाधि भी हासिल की. बाद में इलाहाबाद विश्वविद्यालय में लेक्चरर बनकर अध्यापन के क्षेत्र में उतरे थे.

मुरली मनोहर जोशी और हरीश रावत की रही है तगड़ी प्रतिद्वंदिता: बीजेपी के दिग्गज नेता मुरली मनोहर जोशी और हरीश रावत की पुरानी प्रतिद्वंदिता रही है. आज भले ही हरीश रावत राष्ट्रपति उम्मीदवार के लिए जोशी का नाम नहीं लिए जाने पर बीजेपी पर तंज कस रहे हों, लेकिन 42 साल पहले इन्हीं हरीश रावत ने तब के दिग्गज नेता को चुनाव में पटखनी दी थी. मुरली मनोहर जोशी को लगातार तीन बार हरीश रावत ने अल्मोड़ा सीट पर संसदीय चुनाव में धोबी पछाड़ से पटका था. 1980, 1984 और 1989 में तीन बार लगातार हरीश रावत मुरली मनोहर जोशी को हराकर लोकसभा पहुंचे थे.

देहरादून: कांग्रेस के कद्दावर नेता व पूर्व सीएम हरीश रावत (Former CM Harish Rawat) केन्द्र और राज्य सरकार को घेरने का कोई मौका नहीं छोड़ते हैं. उनके हमलावर अंदाज पर बीजेपी डिफेंड करती नजर आती है. वहीं उनका हमलावर पहाड़ी अंदाज भी काफी चर्चाओं में रहता है. हरीश रावत का कुछ ऐसा ही अंदाज राष्ट्रपति उम्मीदवार को लेकर सामने आया है. उन्होंने इसी बहाने अपने तरकश से एक ऐसा तीर छोड़ा है, जिससे बीजेपी खेमे में खलबली मचनी तय है.

हरीश रावत ने कसा तंज: हरीश रावत ने बीजेपी के कद्दावर नेता मुरली मनोहर जोशी के बहाने पीएम मोदी पर तंज कंसा है. उन्होंने उत्तराखंड की गढ़वाली और कुमाऊंनी भाषा में ट्वीट कर लिखा है कि नरेंद्र मोदी दाज्यू (कुमाऊंनी में बड़े भाई को कहा जाता है), म्यर मुल्कक( मेरे क्षेत्र के) गुरुजी मुरली मनोहर जोशी ज्यूक नंबर कब आल (उनका नंबर कब आएगा), उनोंकें बिलकुल ही भूल गछा (उनके बिलकुल ही भूल गए हैं). इसका अर्थ है पीएम नरेंद्र मोदी मेरे उत्तराखंड के गुरुजी मुरली मनोहर जोशी (BJP leader Murli Manohar Joshi) का नंबर राष्ट्रपति के लिए कब आएगा. आप तो उनको बिल्कुल ही भूल गए हैं. वहीं हरीश रावत ने अपने पोस्ट में गढ़वाली में लिखा है कि नरेन्द्र मोदी भैजी हमरू मुल्कुक गुरुजी मुरली मनोहर जोशी जीक नंबर कबतक आलूं, यूंते तां तुम कते भूल बिलकुल ही बिसर ग्यो बारे.

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राष्ट्रपति उम्मीदवार को लेकर साधा निशाना: बता दें कि राष्ट्रपति चुनाव के लिए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने अपने उम्मीदवार के नाम की घोषणा कर दी है. भाजपा ने आदिवासी महिला नेता को अपना उम्मीदवार बनाया है. द्रौपदी मुर्मू का नाम राष्ट्रपति उम्मीदवार के रूप में ऐलान किया गया है. भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने पत्रकार सम्मेलन में राष्ट्रपति उम्मीदवार की घोषणा की. उन्होंने कहा, 'हमने एनडीए की तरफ से द्रौपदी मुर्मू को राष्ट्रपति पद के लिए उम्मदीवार घोषित किया. 'राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के लिए द्रौपदी मुर्मू के नाम की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पुष्टि की.

बीजेपी के कद्दावर नेता: गौर हो कि भाजपा के सबसे वरिष्ठ नेताओं में से एक मुरली मनोहर जोशी आज भी पार्टी के साथ बतौर मार्गदर्शक जुड़े हुए हैं. उनके पास फिलहाल पार्टी में कोई पद नहीं है. लेकिन आज भी उन्हें भाजपा की तीन धरोहर में से एक माना जाता है. अटल बिहारी वाजपेयी और लालकृष्ण आडवानी के बाद अगला नाम मुरली मनोहर जोशी के रूप में लिया जाता है. खास बात यह भी है कि अटल बिहारी वाजपेयी की हर सरकार में वह कैबिनेट मंत्री रहे. राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) के शासनकाल में वे भारत के मानव संसाधन विकास मंत्री थे.

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कुमाऊं से है गहरा नाता: मुरली मनोहर जोशी का जन्म 5 जनवरी 1934 को नैनीताल में हुआ था. उनके पिता का नाम मनमोहन जोशी था और उनकी पत्नी का नाम तरला जोशी है. मुरली मनोहर जोशी की प्रारंभिक शिक्षा अल्मोड़ा में हुई. उन्होंने इलाहाबाद विश्वविद्यालय से एमएससी किया, जहां प्राध्यापक राजेंद्र सिंह उनके एक शिक्षक थे. यहीं से उन्होंने अपनी डॉक्टरेट की उपाधि भी हासिल की. उन्होंने 1958 में इलाहाबाद विवि से डीफिल की उपाधि भी हासिल की. बाद में इलाहाबाद विश्वविद्यालय में लेक्चरर बनकर अध्यापन के क्षेत्र में उतरे थे.

मुरली मनोहर जोशी और हरीश रावत की रही है तगड़ी प्रतिद्वंदिता: बीजेपी के दिग्गज नेता मुरली मनोहर जोशी और हरीश रावत की पुरानी प्रतिद्वंदिता रही है. आज भले ही हरीश रावत राष्ट्रपति उम्मीदवार के लिए जोशी का नाम नहीं लिए जाने पर बीजेपी पर तंज कस रहे हों, लेकिन 42 साल पहले इन्हीं हरीश रावत ने तब के दिग्गज नेता को चुनाव में पटखनी दी थी. मुरली मनोहर जोशी को लगातार तीन बार हरीश रावत ने अल्मोड़ा सीट पर संसदीय चुनाव में धोबी पछाड़ से पटका था. 1980, 1984 और 1989 में तीन बार लगातार हरीश रावत मुरली मनोहर जोशी को हराकर लोकसभा पहुंचे थे.

Last Updated : Jun 22, 2022, 2:45 PM IST
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