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उत्तराखंड लोकायुक्त की नियुक्ति पर हरीश रावत का तंज, बोले- बीजेपी पर बिल्कुल भी विश्वास नहीं किया जा सकता - हरीश रावत का तंज

Uttarakhand Lokayukta उत्तराखंड हाईकोर्ट के निर्देश पर धामी सरकार ने लोकायुक्त की नियुक्ति के लिए कदम उठाने शुरू कर दिए है. उम्मीद की जा रही है कि लोकसभा चुनाव 2024 से पहले बीजेपी उत्तराखंड में लोकायुक्त की नियुक्ति कर देगी, लेकिन कांग्रेस के इस संशय है और यहीं कारण है कि पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हरीश रावत ने लोकायुक्त की नियुक्ति को लेकर धामी सरकार पर कटाक्ष किया है.

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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Dec 30, 2023, 3:40 PM IST

देहरादून: उत्तराखंड में लोकायुक्त की नियुक्ति को लेकर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हरीश रावत ने धामी सरकार पर एक बार फिर से कटाक्ष किया है. लोकायुक्त की नियुक्ति मामले पर हरीश रावत का कहना है कि बीजेपी के दिखाने के दांत कुछ और है और खाने के दांत कुछ और है.

हरीश रावत ने कहा कि बीजेपी ने आखिर लोकायुक्त की नियुक्ति कहां की है और कही पर की भी है तो वहां लोकायुक्त नहीं है, बल्कि वो मुद्दायुक्त है. हरीश रावत का आरोप है कि बीजेपी पर बिल्कुल भी विश्वास नहीं किया जा सकता है, क्योंकि बीजेपी ने संस्थाओं को पंगु बनाकर रख दिया है.

हरीश रावत ने कटाक्ष करते हुए कहा कि बीजेपी उत्तराखंड में कम से कम इतनी ईमानदारी तो बरत रही है कि प्रदेश में लोकायुक्त नियुक्त नहीं कर रही है और जिन राज्यों में बीजेपी लोकायुक्त नियुक्त करने की पहल कर रही है, वहां बीजेपी सिर्फ छलावा किया जा रहा है.
पढ़ें- दायित्वधारियों के मामले पर दो फाड़ कांग्रेस! संगठन ने सरकार को घेरा, हरदा ने की सीएम धामी की तारीफ

बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने जनता की शिकायतों के निस्तारण के लिए सभी राज्यों में लोकायुक्त और लोकपाल को नियुक्त करने के निर्देश दिए थे, जिसके बाद साल 2011 में तत्कालीन मुख्यमंत्री बीसी खंडूड़ी ने उत्तराखंड लोकायुक्त अधिनियम को मंजूरी दी थी, लेकिन साल 2014 में तत्कालीन सीएम विजय बहुगुणा की सरकार ने इसमें संशोधन कर विधानसभा में पारित किया. इसके बाद इस संशोधन को राज्यपाल ने राष्ट्रपति को भेजा था, लेकिन राष्ट्रपति के यहां से इसे मंजूरी नहीं मिल पाई थी.

इसके बाद सत्ता में आई त्रिवेंद्र सरकार ने साल 2017 में उत्तराखंड लोकायुक्त अधिनियम में संशोधन किए और फिर विधानसभा की प्रवर समीति के हवाले कर दिया. समीति ने 2017 में अपनी सिफारिश सदन के पटल पर रख दी थी, लेकिन इस पर तब से कोई चर्चा नहीं हुआ. हालांकि अब उत्तराखंड हाईकोर्ट के निर्देशों के बाद धामी सरकार इसके गठन के लिए आगे बढ़ रही है.

बेरोजगारी के मुद्दे पर सरकार को घेरेंगे हरदा: पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत बेरोजगारी के मसले पर 6 जनवरी को पदयात्रा निकालने जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि बीजेपी उत्तराखंड के नौजवानों के साथ छलावा कर रही है. सरकारी भर्तियों में उत्तराखंड का नौजवान अपने आप को ठगा सा महसूस कर रहा है. परीक्षाओं को एक-एक साल का वक्त बीत चुका है, लेकिन अभी तक परिणाम नहीं निकले हैं. इस समय प्रदेश का युवा निराशा के गर्त में है, जो बड़ा दुखद है.

देहरादून: उत्तराखंड में लोकायुक्त की नियुक्ति को लेकर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हरीश रावत ने धामी सरकार पर एक बार फिर से कटाक्ष किया है. लोकायुक्त की नियुक्ति मामले पर हरीश रावत का कहना है कि बीजेपी के दिखाने के दांत कुछ और है और खाने के दांत कुछ और है.

हरीश रावत ने कहा कि बीजेपी ने आखिर लोकायुक्त की नियुक्ति कहां की है और कही पर की भी है तो वहां लोकायुक्त नहीं है, बल्कि वो मुद्दायुक्त है. हरीश रावत का आरोप है कि बीजेपी पर बिल्कुल भी विश्वास नहीं किया जा सकता है, क्योंकि बीजेपी ने संस्थाओं को पंगु बनाकर रख दिया है.

हरीश रावत ने कटाक्ष करते हुए कहा कि बीजेपी उत्तराखंड में कम से कम इतनी ईमानदारी तो बरत रही है कि प्रदेश में लोकायुक्त नियुक्त नहीं कर रही है और जिन राज्यों में बीजेपी लोकायुक्त नियुक्त करने की पहल कर रही है, वहां बीजेपी सिर्फ छलावा किया जा रहा है.
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बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने जनता की शिकायतों के निस्तारण के लिए सभी राज्यों में लोकायुक्त और लोकपाल को नियुक्त करने के निर्देश दिए थे, जिसके बाद साल 2011 में तत्कालीन मुख्यमंत्री बीसी खंडूड़ी ने उत्तराखंड लोकायुक्त अधिनियम को मंजूरी दी थी, लेकिन साल 2014 में तत्कालीन सीएम विजय बहुगुणा की सरकार ने इसमें संशोधन कर विधानसभा में पारित किया. इसके बाद इस संशोधन को राज्यपाल ने राष्ट्रपति को भेजा था, लेकिन राष्ट्रपति के यहां से इसे मंजूरी नहीं मिल पाई थी.

इसके बाद सत्ता में आई त्रिवेंद्र सरकार ने साल 2017 में उत्तराखंड लोकायुक्त अधिनियम में संशोधन किए और फिर विधानसभा की प्रवर समीति के हवाले कर दिया. समीति ने 2017 में अपनी सिफारिश सदन के पटल पर रख दी थी, लेकिन इस पर तब से कोई चर्चा नहीं हुआ. हालांकि अब उत्तराखंड हाईकोर्ट के निर्देशों के बाद धामी सरकार इसके गठन के लिए आगे बढ़ रही है.

बेरोजगारी के मुद्दे पर सरकार को घेरेंगे हरदा: पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत बेरोजगारी के मसले पर 6 जनवरी को पदयात्रा निकालने जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि बीजेपी उत्तराखंड के नौजवानों के साथ छलावा कर रही है. सरकारी भर्तियों में उत्तराखंड का नौजवान अपने आप को ठगा सा महसूस कर रहा है. परीक्षाओं को एक-एक साल का वक्त बीत चुका है, लेकिन अभी तक परिणाम नहीं निकले हैं. इस समय प्रदेश का युवा निराशा के गर्त में है, जो बड़ा दुखद है.

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