देहरादून: राजधानी की सड़कों पर सरकार के खिलाफ हल्ला बोल करने के बाद अब हरीश रावत ने अपने गांव में लोगों की मानसिकता और दैत्य चीड़ का सॉल्यूशन तलाश रहे है. जी हां हरदा इन दिनों अपने गांव में है, जहां वे सोशल मीडिया के जरिए लोगों की लोगों की मानसिकता सॉल्यूशन तलाश रहे है. रविवार को उन्होंने इसी को लेकर ट्वीट भी किया है.
हरीश ने अपने ट्वीट में लिखा है कि वे परसों ही अपने गांव मोहनरी पहुंचे हैं. उन्होंने कहा कि वे विशेष तौर पर गैड के खेतों को देखने व ग्रामीणों से बात करने के बाद गांव में उस मॉडल को तलाश रहे हैं जो जौनपुर-रंवाई के ग्रामीण अपने गांव में अपना रहे हैं.
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मैं, परसों फिर अपने #गांव_मोहनरी आया हूं। #जौनपुर के कुछ गांवों में जाने के बाद, विशेष तौर पर गैड के खेतों को देखने के बाद और खेती के विषय में लोगों से बातचीत करने के बाद, मैं अपने गांव में फिर उस मॉडल को तलाश रहा हूं, .......https://t.co/quea24CXeb pic.twitter.com/Xh86omYeef
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— Harish Rawat (@harishrawatcmuk) July 5, 2020
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हरदा आगे लिखते हैं कि वे पिछले डेढ़ साल से अपनी जिंदगी की फिलॉसफी ढूढ़ने का प्रयास कर रहे हैं. हालांकि जब वे इस पर विचार करते हैं तो उनके सामने उन्हें अपना गांव नजर आता है. हरदा का मन है कि जबतक उनके हाथ-पैरे चल रहे हैं वे अपने गांव के लिए एक मॉडल तैयार कर सकें. क्योंकि एक दिन राजनीति से तो सबको निवृत होना है. जिस तरह हमारे माता-पिता हमारे लिए कुछ करके गए उसी तरह वे भी आगे की पीढ़ी के लिए करके जाएं, लेकिन उन्हें दो चीजों का सॉल्यूशन नहीं मिल रहा है, जो बड़ा क्रिटिकल है.
हरदा को जिन दो बातों का सॉल्यूशन नहीं मिल रहा है उनमें से एक तो लोगों की मानसिकता और दूसरा उनके गांव में घुस आया दैत्य चीड़ है. हालांकि इसका हल निकालने के लिए उन्होंने मेरा वृक्ष और मेरा धन योजना शुरू की थी. इसको किस तरह से सस्टेन किया जाए यह प्रश्न है? लेकिन उन्हें लगाता है कि यह लोगों की मानसिकता के ऊपर छा गया.