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Congress Protest: आंदोलनकारी से मिलने जा रहे हरीश रावत-करण माहरा को पुलिस ने रोका, हिरासत में लिया, बाद में छोड़ा - देहरादून में कांग्रेस का प्रदर्शन

कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष करण माहरा, पूर्व सीएम हरीश रावत और विधायक हरीश धामी समेत कई बड़े कांग्रेसी नेताओं को पुलिस ने हिरासत में लिया था और कुछ देर बाद उन्हें छोड़ दिया था. ये सभी नेता उत्तराखंड बेरोजगार संघ के आंदोलनकारी युवाओं से मिलने से शहीद स्मारक जा रहे थे, लेकिन पुलिस ने बीच में ही रोक लिया और जब वो नहीं माने तो पुलिस ने उन्हें हिरासत में लिया था.

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Published : Feb 11, 2023, 5:55 PM IST

Updated : Feb 11, 2023, 10:29 PM IST

हरीश रावत और करण माहरा को पुलिस ने रोका.

देहरादून: बीती 9 फरवरी गुरुवार को देहरादून को सड़कों पर जो बवाल हुआ. उसके बाद सरकार, पुलिस-प्रशासन फूंक-फूंक कर कदम रख रहा है. सरकार ने एक तरफ जहां उत्तराखंड बेरोजगार संघ की कई मांगे मानकर आंदोलनकारियों को शांत कराने का प्रयास किया है तो वहीं दूसरी तरफ पुलिस-प्रशासन के अधिकारी विपक्षी दलों के राजनेताओं के शहीद स्मारक स्थल पर जाने से रोक रहे हैं. ताकि दोबारा से किसी भी तरह की स्थिति न खराब हो. इसी क्रम में शहीद स्मारक स्थल के लिए पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत को पुलिस ने एश्ले हॉल चौक पर रोक दिया था.

वहीं, पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत और उनके साथ आए कांग्रेसियों ने पुलिस की इस कार्रवाई का विरोध किया. हरीश रावत लगातार शहीद स्मारक स्थल पर जाने की जिद पर अड़े रहे और उन्होंने अपनी मांग को लेकर वहीं धरने पर बैठे गए, जिसके चलते एश्ले हॉल पर जाम लग गया था. ऐसे में पुलिस को ट्रैफिक डायवर्ट करना पड़ा.
पढ़ें- Congress Protest: लाठीचार्ज के विरोध में DGP ऑफिस जा रहे कांग्रेसियों को पुलिस ने रोका, हुई धक्का-मुक्की

पुलिस ने पहले शांति से पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत, कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करण माहरा और विधायक हरीश धामी समेत तमाम कांग्रेसियों को समझाने का प्रयास किया, लेकिन जब वो नहीं माने तो पुलिस ने उन्हें जबरन उठाया और हिरासत लिया. इसके बाद पुलिस सभी को गाड़ी में भरकर देहरादून पुलिस लाइन लेकर गई और कुछ घंटे हिरासत में रखने के बाद उन्हें छोड़ दिया.

इस मामले को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि वह नौजवानों से वार्ता करने के लिए शहीद स्थल जा रहे थे, लेकिन पुलिस ने उन्हें रोक दिया. उन्होंने बताया कि बेरोजगारों के एक प्रतिनिधि ने उनसे मुलाकात की है, लेकिन सरकार उनको जबरन शहीद स्थल से उठाने में लगी हुई है. बेरोजगारों की मांग है कि उनके नेता बॉबी पंवार को रिहा किया जाए. क्योंकि बॉबी पंवार जब तक उन्हें उठने के लिए नहीं कहेंगे, वो धरना स्थल से नहीं उठेंगे.

हरीश रावत ने सरकार को चेताया कि आंदोलनरत छात्रों को सरकार बलपूर्वक उठाने की चेष्टा नहीं करें, अन्यथा कांग्रेस छात्रों के साथ मिलकर इस लड़ाई को लड़ेगी. उन्होंने कहा कि शासन-प्रशासन यदि उनसे बॉबी पंवार के बारे में ऑथेंटिक जानकारी या उनसे वार्ता करवा देता है तो वह शहीद स्मारक जाने का अपना विचार त्याग देंगे.
पढ़ें- Patwari Recruitment: आंदोलन के बीच पटवारी भर्ती परीक्षा देने रवाना हुए युवा, बस स्टैंड पर उमड़ा हुजूम

वहीं, कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष करण माहरा ने हरीश रावत समस्त कांग्रेसी कार्यकर्ताओं को जबरन शहीद स्मारक जाने से रोके जाने का विरोध किया है. उन्होंने कहा कि यह जानकारी मिली कि शहीद स्थल में धरने पर बैठे आंदोलनकारियों की तबीयत ठीक नहीं है और वहां हालात बहुत खराब हैं. उन हालातों का जायजा लेने कांग्रेस के नेता जा रहे थे, लेकिन पुलिस उन्हें आगे बढ़ने से रोक रही है.

करण माहरा के मुताबिक यह जानकारी भी नहीं मिल पा रही है कि बॉबी पंवार और उनके साथियों के साथ किस तरह का बर्ताव किया जा रहा है. यह भी पता चला है कि कंडीशनल बेल सिर्फ 6 नौजवानों को दी जा रही है. उन्होंने कहा कि परीक्षा निरस्त होनी चाहिए और जांच के बाद ही सरकार को परीक्षाएं आयोजित करानी चाहिए, लेकिन सरकार हठधर्मिता अपनाते हुए बेरोजगारों का दमन कर रही है. कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष का कहना है कि परसों हुई अप्रिय घटना के बावजूद सरकार उस घटना से कोई सबक नहीं ले रही है.
पढ़ें- Congress Protest: बेरोजगारों पर लाठीचार्ज के खिलाफ प्रदर्शन, सोमेश्वर में कांग्रेसियों ने सीएम का फूंका पुतला

हरीश रावत और करण माहरा को पुलिस ने रोका.

देहरादून: बीती 9 फरवरी गुरुवार को देहरादून को सड़कों पर जो बवाल हुआ. उसके बाद सरकार, पुलिस-प्रशासन फूंक-फूंक कर कदम रख रहा है. सरकार ने एक तरफ जहां उत्तराखंड बेरोजगार संघ की कई मांगे मानकर आंदोलनकारियों को शांत कराने का प्रयास किया है तो वहीं दूसरी तरफ पुलिस-प्रशासन के अधिकारी विपक्षी दलों के राजनेताओं के शहीद स्मारक स्थल पर जाने से रोक रहे हैं. ताकि दोबारा से किसी भी तरह की स्थिति न खराब हो. इसी क्रम में शहीद स्मारक स्थल के लिए पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत को पुलिस ने एश्ले हॉल चौक पर रोक दिया था.

वहीं, पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत और उनके साथ आए कांग्रेसियों ने पुलिस की इस कार्रवाई का विरोध किया. हरीश रावत लगातार शहीद स्मारक स्थल पर जाने की जिद पर अड़े रहे और उन्होंने अपनी मांग को लेकर वहीं धरने पर बैठे गए, जिसके चलते एश्ले हॉल पर जाम लग गया था. ऐसे में पुलिस को ट्रैफिक डायवर्ट करना पड़ा.
पढ़ें- Congress Protest: लाठीचार्ज के विरोध में DGP ऑफिस जा रहे कांग्रेसियों को पुलिस ने रोका, हुई धक्का-मुक्की

पुलिस ने पहले शांति से पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत, कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करण माहरा और विधायक हरीश धामी समेत तमाम कांग्रेसियों को समझाने का प्रयास किया, लेकिन जब वो नहीं माने तो पुलिस ने उन्हें जबरन उठाया और हिरासत लिया. इसके बाद पुलिस सभी को गाड़ी में भरकर देहरादून पुलिस लाइन लेकर गई और कुछ घंटे हिरासत में रखने के बाद उन्हें छोड़ दिया.

इस मामले को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि वह नौजवानों से वार्ता करने के लिए शहीद स्थल जा रहे थे, लेकिन पुलिस ने उन्हें रोक दिया. उन्होंने बताया कि बेरोजगारों के एक प्रतिनिधि ने उनसे मुलाकात की है, लेकिन सरकार उनको जबरन शहीद स्थल से उठाने में लगी हुई है. बेरोजगारों की मांग है कि उनके नेता बॉबी पंवार को रिहा किया जाए. क्योंकि बॉबी पंवार जब तक उन्हें उठने के लिए नहीं कहेंगे, वो धरना स्थल से नहीं उठेंगे.

हरीश रावत ने सरकार को चेताया कि आंदोलनरत छात्रों को सरकार बलपूर्वक उठाने की चेष्टा नहीं करें, अन्यथा कांग्रेस छात्रों के साथ मिलकर इस लड़ाई को लड़ेगी. उन्होंने कहा कि शासन-प्रशासन यदि उनसे बॉबी पंवार के बारे में ऑथेंटिक जानकारी या उनसे वार्ता करवा देता है तो वह शहीद स्मारक जाने का अपना विचार त्याग देंगे.
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वहीं, कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष करण माहरा ने हरीश रावत समस्त कांग्रेसी कार्यकर्ताओं को जबरन शहीद स्मारक जाने से रोके जाने का विरोध किया है. उन्होंने कहा कि यह जानकारी मिली कि शहीद स्थल में धरने पर बैठे आंदोलनकारियों की तबीयत ठीक नहीं है और वहां हालात बहुत खराब हैं. उन हालातों का जायजा लेने कांग्रेस के नेता जा रहे थे, लेकिन पुलिस उन्हें आगे बढ़ने से रोक रही है.

करण माहरा के मुताबिक यह जानकारी भी नहीं मिल पा रही है कि बॉबी पंवार और उनके साथियों के साथ किस तरह का बर्ताव किया जा रहा है. यह भी पता चला है कि कंडीशनल बेल सिर्फ 6 नौजवानों को दी जा रही है. उन्होंने कहा कि परीक्षा निरस्त होनी चाहिए और जांच के बाद ही सरकार को परीक्षाएं आयोजित करानी चाहिए, लेकिन सरकार हठधर्मिता अपनाते हुए बेरोजगारों का दमन कर रही है. कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष का कहना है कि परसों हुई अप्रिय घटना के बावजूद सरकार उस घटना से कोई सबक नहीं ले रही है.
पढ़ें- Congress Protest: बेरोजगारों पर लाठीचार्ज के खिलाफ प्रदर्शन, सोमेश्वर में कांग्रेसियों ने सीएम का फूंका पुतला

Last Updated : Feb 11, 2023, 10:29 PM IST
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