देहरादून: पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत अपने ट्वीट को लेकर आए दिन चर्चाओं में रहते हैं. कांग्रेस के दिग्गज नेता हरीश रावत गाहे-बगाहे विरोधियों पर हमला बोलते रहते हैं. जिससे विरोधी खेमे में हलचल मचना तय होती है. वहीं हरीश रावत ने ट्वीट कर बीजेपी पर निशाना साधा है. साथ ही हरदा ने लिखा कि तीन तिगाड़ा काम बिगाड़ा इसका सबसे बड़ा उदाहरण है. साथ ही वो इसी बहाने नसीहत भी देते दिखाई दिए.
पूर्व सीएम हरीश रावत ने ट्वीट कर लिखा कि तीन तिगाड़ा काम बिगाड़ा इसका सबसे बड़ा उदाहरण है. इंदिरा अम्मा कैंटीनों का बंद होना और जो बंद नहीं हुई हैं वो भी बंद जैसी ही हैं. हमारी सरकार ने 4 लक्ष्यों को लेकर पहला हमारे शहरी क्षेत्रों में लोगों को सस्ते दाम पर 20 रुपये और 25 रुपये में जैविक अन्न आधारित पौष्टिक खाना मिल जाए. दूसरा लक्ष्य उत्तराखंड के परंपरागत अन्न से बनाये हुये व्यंजन प्रसिद्धि पाएं. तीसरा उद्देश्य महिला स्वयं सहायता समूहों को कुछ रोजगार मिले. चौथा उद्देश्य उत्तराखंड के व्यंजनों को प्रचारित-प्रसारित करना.
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सरकार प्रत्येक थाली पर 5 रुपये सब्सिडी देती थी और लोग बहुत प्रसन्नता से चाव के साथ इंदिरा अम्मा भोजनालयों के अन्न का स्वाद ग्रहण करते थे. सरकार बदली, सरकार ने पहले सब्सिडी देना बंद किया फिर हतोत्साहित किया और अब हालत ऐसी है कि लड़खड़ाते-लड़खड़ाते कुछ इंदिरा अम्मा कैंटीनें चल रही हैं, कुछ बंद हो गयी हैं. हमारा लक्ष्य था राज्य के अंदर कम से कम ऐसे 100 इंदिरा अम्मा भोजनालय खोलने का, लगभग 30 भोजनालय हम खोलकर के गए थे. इस लक्ष्य के साथ हमारा एक बड़ा लक्ष्य भी था कि हम नेशनल हाइवेज में उत्तराखंडी स्ट्रीट व्यंजन शालाएं/ व्यंजन कुटीरें स्थापित करें.
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जहां पर्वतीय शैली में बने हुए बांस और निगाल से बने हुये ढाबों में महिलाएं उत्तराखंड का व्यंजन तैयार करें और लोग उन व्यंजनों का आनंद उठाएं. इस तरीके के महिला फूड स्ट्रीट जो कई देशों में हैं, हम उसका उत्तराखंड में भी अनुसरण करना चाहते थे. मगर सरकार ने बीच में ही पूरे लक्ष्य को भटका दिया. इसलिये मैंने हमने कहा, "तीन तिगाड़ा-काम बिगाड़ा, अब उत्तराखंड में नहीं आएगी, भाजपा दोबारा.