देहरादून: हरिद्वार में होने जा रहे पंचायत चुनाव (Haridwar Panchayat Election 2022) में इस बार मुकाबला बेहद रोमांचक होने जा रहा है. उत्तराखंड के सबसे बड़े जिले हरिद्वार में होने जा रहे जिला पंचायत के चुनाव की महत्ता आप इसी बात से लगा सकते हैं कि जिला पंचायत जैसे चुनाव के लिए भी पार्टी आलाकमान बेहद एक्टिव है. दिल्ली से उत्तराखंड प्रभारी दुष्यंत गौतम को देहरादून भेजा गया है और उनकी देखरेख में दिनभर चली माथापच्ची के बाद भारतीय जनता पार्टी ने अपने 44 प्रत्याशियों के नाम घोषित किए हैं.
दरअसल, ये चुनाव न केवल भाजपा के लिए बल्कि कांग्रेस और बसपा के लिए भी बेहद महत्वपूर्ण है. कांग्रेस और बीजेपी दोनों राष्ट्रीय पार्टियां हैं और ये जिला पंचायत चुनाव तय करेगा कि साल 2024 में होने जा रहे लोकसभा चुनावों में इस बार किसका झंडा बुलंद रहेगा. हालांकि, मौजूदा हालातों को देखें तो हरिद्वार की तमाम विधानसभा सीटों पर भारतीय जनता पार्टी हाल ही में हुए विधानसभा चुनावों में भी अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाई थी. ऐसे में बीजेपी के लिए यह चुनाव साख का विषय भी बना हुआ है.
बीजेपी की साख का प्रश्न बना हरिद्वार पंचायत चुनाव: हरिद्वार जिला पंचायत (Haridwar Panchayat Election 2022) के लिए बीते दिनों अधिसूचना जारी की गई थी. 26 सितंबर 2022 को हरिद्वार जिला पंचायत में चुनाव के लिए मतदान होगा. इस चुनाव में कांग्रेस के लिए जहां जिले में मौजूदा वर्चस्व को कायम रखने की बड़ी चुनौती होगी, वहीं बीजेपी के लिए भी ये चुनाव इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि जिस हरिद्वार जिले में बीजेपी ने 2017 के विधानसभा चुनाव में 8 सीटें हासिल की थीं वो 2022 चुनाव में घटकर मात्र तीन रह गई हैं.
ये हैं बीजेपी के उम्मीदवार
हिंदुत्व का गढ़ कहा जाने वाला हरिद्वार बीते सालों से बीजेपी के पाले से खिसकता नजर जा रहा है. यही कारण है कि इस बार के चुनाव में बीजेपी कुछ भी करके न केवल जीत हासिल करना चाहती है, साथ ही हरिद्वार पंचायत चुनाव से जुड़ा एक मिथक भी तोड़ना चाहती है. दरअसल, मिथक ये है कि आज तक हरिद्वार जिला पंचायत में बीजेपी का कभी बोर्ड नहीं बना है. उसके साथ ही 2022 विधानसभा चुनावों में 5 सीट गंवाने की भरपाई भी बीजेपी करना चाहती है.
बीजेपी ने 7 सितंबर को अपने 44 उम्मीदवारों की लिस्ट जारी की है, जिसमें जातीय समीकरण के साथ-साथ सोशल इंजीनियरिंग भी साफ देखी जा रही है. बीजेपी ने अपने प्रत्याशियों के नाम तय करने में न केवल समय लगाया, बल्कि उनकी गहनता से जांच भी की है.
पंचायत के चुनावों में दिखेंगे दिल्ली के बड़े नेता: इस बारे में बीजेपी के प्रवक्ता शादाब शम्स कहते हैं कि बीजेपी के लिए कोई भी चुनाव छोटा या बड़ा नहीं होता है. बीजेपी इस चुनाव में बेहतर प्रदर्शन करने जा रही है. पार्टी ने जिन कार्यकर्ताओं को टिकट दिया है वो जिताऊ और पार्टी के कर्मठ लोग हैं. शम्स मानते हैं कि अबतक हरिद्वार के ग्रामीण क्षेत्रों में होने वाले इन चुनावों में बीजेपी का बोर्ड नहीं बना है, लेकिन पार्टी ने इस बार राज्य में कई मिथक तोड़े हैं और वो आगे भी चुनावों में कई मिथक तोड़ने जा रही हैं. जब उनसे पूछा गया कि बड़े नेताओं के लिए ये चुनाव बहुत हद तक मायने नहीं रखते. इस पर वो कहते हैं कि चुनाव तो चुनाव होता है. बीजेपी उमीदवारों के लिए पार्टी का बड़ा नेता भी प्रचार करेगा और छोटा कार्यकर्ता भी मैदान में दिखेगा.
बता दें, पंचायत चुनाव के लिए बीजेपी ने कुछ इस तरह से बिसात बिछाई है कि पूर्व केंद्रीय मंत्री और सीएम रहे रमेश पोखरियाल निशंक से लेकर दिल्ली के बड़े-बड़े नेता भी दूसरे दलों के नेताओं को बीजेपी में शामिल करवाने के लिए देहरादून पहुंच रहे हैं. मतलब साफ है, बीजेपी इस चुनाव को भी ठीक वैसे ही लड़ेगी जैसे वो अन्य चुनावों को लड़ती है.
ये हैं कांग्रेस के उम्मीदवार
क्या है मौजूदा समीकरण
- हरिद्वार जिले में मौजूदा समय में बहादराबाद में 72 ग्राम पंचायतें हैं. कुल गांवों की संख्या 151 है.
- रुड़की में 39 ग्राम पंचायतें हैं. टोटल गांवों की संख्या 116 है.
- भगवानपुर में 53 ग्राम पंचायतें हैं. यहां 87 कुल गांव हैं.
- नारसन में 61 ग्राम पंचायतें हैं. यहां 123 गांव हैं.
- लक्सर में 50 ग्राम पंचायतें हैं. 113 गांव हैं.
- खानपुर में 23 ग्राम पंचायतें हैं. यहां कुल 53 गांव हैं.
- जिले में कुल 308 ग्राम पंचायतें हैं और कुल गांव 643 हैं.
ऐसे में एक बड़ा तबका है जो किसी भी पार्टी को राहत प्रदान कर सकता है. कांग्रेस और बसपा के लिए तो इसलिए भी इस बार कुछ कर गुजरने का समय है क्योंकि हाल के विधानसभा चुनावों में बसपा को दो सीटें मिली हैं और कांग्रेस ने भी जिले की 5 सीटों पर अपना दमखम दिखाया है.
ऐसे में दोनों पार्टियां यहां मजबूत हैं और ये बात बीजेपी भी बेहतर तरीके से जानती है. खासकर तब जब हरिद्वार ग्रामीण की ज्वालापुर जैसी विधानसभा सीट पर कांग्रेस का कब्जा है. वहीं, लक्सर और मंगलौर जैसी सीट पर बसपा ने बाजी मारी है. ऐसे में ग्रामीण क्षेत्रों में फिलहाल इन दोनों पार्टियां का अच्छा वर्चस्व बना हुआ है.
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बसपा ने भी अपने 27 उमीदवार घोषित कर दिए हैं. 6 सितंबर से नामांकन शुरू हुए थे जो 8 सितंबर तक चले. 9 से 11 सितंबर तक नामांकन पत्रों की जांच, 12 सितंबर को नामांकन वापसी की तिथि होगी. 13 सितंबर को चुनाव चिन्हों का आवंटन किया जाएगा. 26 सितंबर को मतदान और 28 को मतगणना होगी. हरिद्वार जिला पंचायत चुनाव की एक खासबात ये भी है कि हरिद्वार जिला पंचायत का चुनाव बाकी जिलों से अलग होता है. यानी अन्य जिलों के साथ नहीं होता. ऐसा राज्य गठन के बाद से ही लगातार चला आ रहा है. परिसीमन और आरक्षण की व्यवस्था के चलते हमेशा से ही ऐसा होता आया है.