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मंत्री हरक सिंह रावत की दो टूक, ऊर्जा निगम के कर्मचारी न करें नेतागिरी - energy corporation employees strike

हड़ताल से पहले ऊर्जा निगम के कर्मचारियों को मंत्री हरक सिंह ने दो टूक चेतावनी दी है. बता दें कि, अपनी विभिन्न मांगों को लेकर ऊर्जा निगम कर्मचारियों ने 26 जुलाई के मध्य रात्रि से हड़ताल पर जाने वाले हैं.

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हड़ताल से पहले ऊर्जा कर्मचारियों को हरक सिंह की दो टूक
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Published : Jul 25, 2021, 9:08 PM IST

Updated : Jul 25, 2021, 9:30 PM IST

देहरादून: उत्तराखंड में ऊर्जा निगमों के कर्मचारियों ने 26 जुलाई रात 12 बजे से हड़ताल का ऐलान कर दिया है. यही नहीं आम लोगों को भी कर्मचारियों ने टॉर्च और मोमबत्ती की उचित व्यवस्था करने की सलाह दी है. हड़ताल से ठीक 24 घंटे पहले ऊर्जा मंत्री हरक सिंह रावत ने कर्मचारियों को दो टूक चेतावनी दे डाली है. जिसके बाद हड़ताल को लेकर अब स्थितियां ज्यादा खराब होने की आशंका है.

ऊर्जा कर्मचारियों ने आज आम लोगों के लिए एक पत्र जारी किया. जिसमें उन्होंने लोगों से जरूरी व्यवस्थाएं करने की बात कहते हुए घर में मोमबत्ती और टॉर्च की व्यवस्था करने की सलाह दी है. कर्मचारियों के इस पत्र से साफ है कि आने वाले 24 घंटे में कर्मचारी हड़ताल करने का पूरा मूड बना चुके हैं.

मंत्री हरक सिंह रावत की दो टूक

पढ़ें- सीएम धामी का नगला में जोरदार स्वागत, शहीद स्मारक जाकर दी श्रद्धांजलि

वहीं, सोमवार को ऊर्जा मंत्री हरक सिंह रावत ने ऊर्जा सचिव सौजन्य को कर्मचारियों से बात करने के निर्देश दिये हैं. इससे पहले ही कर्मचारियों के रवैए से जाहिर है कि वे हड़ताल करके रहेंगे. इन्हीं स्थितियों को देखते हुए ऊर्जा मंत्री हरक सिंह रावत में अब कर्मचारियों को दो टूक चेतावनी दे दी है. ऊर्जा मंत्री हरक सिंह रावत ने कहा कर्मचारियों की जायज मांगें मानी जाएंगी, उन्होंने कहा मुझे अभी मंत्रालय में केवल 10 दिन हुए हैं, ऐसे में कर्मचारी यदि सरकार पर केवल दबाव बनाने की राजनीति करना चाहते हैं तो मैं इससे इत्तेफाक नहीं रखता.

पढ़ें- उत्तराखंड: ग्रेड पे को लेकर पुलिसकर्मियों के परिजन मुखर, प्रदर्शन कर जताया विरोध

हरक सिंह रावत ने तीखे स्वर में कहा कर्मचारी इस मामले में नेतागिरी न करें. हरक सिंह रावत ने कहा कर्मचारियों को उनसे बात करनी चाहिए. बात करने के बाद ही किसी भी मुद्दे का हल निकल सकता है.

कर्मचारियों की हड़ताल से 24 घंटे पहले हरक सिंह रावत के इस बयान से कर्मचारियों में भी हड़कंप मच गया है. विद्युत अधिकारी कर्मचारी संघर्ष मोर्चा के संयोजक इंसारूल हक ने मंत्री हरक सिंह रावत के इस बयान पर तीखी बयानबाजी करने के बजाए अपनी जायज मांगों को मनवाने पर अडिग दिखाई दिए. उन्होंने कहा उनकी मांगें सालों पुरानी हैं. कुछ मांगें प्रबंधन स्तर पर पूरी होनी हैं. ऐसे में उनकी तरफ से पहले ही तमाम मांगों पर हर स्तर से चर्चा की गई है. लिहाजा उत्तराखंड के योद्धा हरक सिंह रावत को इन मांगों को मानने की तरफ ध्यान देना चाहिए.

26 जुलाई से प्रदर्शन: अपनी विभिन्न मांगों को लेकर ऊर्जा निगम कर्मचारियों ने 26 जुलाई के मध्य रात्रि से हड़ताल पर जाने का निर्णय लिया है. इसके लिए बाकायदा उत्तराखंड विद्युत अधिकारी कर्मचारी संयुक्त संघर्ष मोर्चा की ओर से लोगों को अपील भी जारी कर दी गई है कि 26- 27 जुलाई की मध्य रात्रि से होने वाली हड़ताल के मद्देनजर मोबाइल फोन चार्जिंग, टॉर्च आदि की व्यवस्था कर लें. ताकि विद्युत बाधित होने की सूरत में किसी को अप्रिय घटना का सामना ना करना पड़े.

अपनी मांगों को लेकर उत्तराखंड विद्युत अधिकारी कर्मचारी संयुक्त संघर्ष मोर्चा के तत्वाधान में पदाधिकारियों की बैठक आयोजित की गई. बैठक में मोर्चा के प्रतिनिधियों के साथ ऑल इंडिया पावर इंजीनियर फेडरेशन के अध्यक्ष भी शामिल हुए.

बैठक में यह तय हुआ कि ऊर्जा प्रबंधन और सरकार द्वारा किसी भी ऊर्जा कार्मिक का प्रताड़ित या उत्पीड़न किया जाता है या उन्हें गिरफ्तार करने की कोशिश की जाती है तो राज्य के सभी ऊर्जा कर्मी जेल भरो आंदोलन करने के लिए बाध्य हो जाएंगे. जिसकी पूरी जिम्मेदारी ऊर्जा प्रबंधन और सरकार की होगी.

ऊर्जा निगम के कर्मचारियों का कहना है कि वर्ष 2017 में ऊर्जा निगम के कार्य में आंदोलनरत थे, तब 22 दिसंबर 2017 को कार्मिकों के संगठनों तथा सरकार के बीच द्विपक्षीय समझौता हो गया था. लेकिन, आज तक उस समझौते पर कोई कार्रवाई नहीं की गई है.

देहरादून: उत्तराखंड में ऊर्जा निगमों के कर्मचारियों ने 26 जुलाई रात 12 बजे से हड़ताल का ऐलान कर दिया है. यही नहीं आम लोगों को भी कर्मचारियों ने टॉर्च और मोमबत्ती की उचित व्यवस्था करने की सलाह दी है. हड़ताल से ठीक 24 घंटे पहले ऊर्जा मंत्री हरक सिंह रावत ने कर्मचारियों को दो टूक चेतावनी दे डाली है. जिसके बाद हड़ताल को लेकर अब स्थितियां ज्यादा खराब होने की आशंका है.

ऊर्जा कर्मचारियों ने आज आम लोगों के लिए एक पत्र जारी किया. जिसमें उन्होंने लोगों से जरूरी व्यवस्थाएं करने की बात कहते हुए घर में मोमबत्ती और टॉर्च की व्यवस्था करने की सलाह दी है. कर्मचारियों के इस पत्र से साफ है कि आने वाले 24 घंटे में कर्मचारी हड़ताल करने का पूरा मूड बना चुके हैं.

मंत्री हरक सिंह रावत की दो टूक

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वहीं, सोमवार को ऊर्जा मंत्री हरक सिंह रावत ने ऊर्जा सचिव सौजन्य को कर्मचारियों से बात करने के निर्देश दिये हैं. इससे पहले ही कर्मचारियों के रवैए से जाहिर है कि वे हड़ताल करके रहेंगे. इन्हीं स्थितियों को देखते हुए ऊर्जा मंत्री हरक सिंह रावत में अब कर्मचारियों को दो टूक चेतावनी दे दी है. ऊर्जा मंत्री हरक सिंह रावत ने कहा कर्मचारियों की जायज मांगें मानी जाएंगी, उन्होंने कहा मुझे अभी मंत्रालय में केवल 10 दिन हुए हैं, ऐसे में कर्मचारी यदि सरकार पर केवल दबाव बनाने की राजनीति करना चाहते हैं तो मैं इससे इत्तेफाक नहीं रखता.

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हरक सिंह रावत ने तीखे स्वर में कहा कर्मचारी इस मामले में नेतागिरी न करें. हरक सिंह रावत ने कहा कर्मचारियों को उनसे बात करनी चाहिए. बात करने के बाद ही किसी भी मुद्दे का हल निकल सकता है.

कर्मचारियों की हड़ताल से 24 घंटे पहले हरक सिंह रावत के इस बयान से कर्मचारियों में भी हड़कंप मच गया है. विद्युत अधिकारी कर्मचारी संघर्ष मोर्चा के संयोजक इंसारूल हक ने मंत्री हरक सिंह रावत के इस बयान पर तीखी बयानबाजी करने के बजाए अपनी जायज मांगों को मनवाने पर अडिग दिखाई दिए. उन्होंने कहा उनकी मांगें सालों पुरानी हैं. कुछ मांगें प्रबंधन स्तर पर पूरी होनी हैं. ऐसे में उनकी तरफ से पहले ही तमाम मांगों पर हर स्तर से चर्चा की गई है. लिहाजा उत्तराखंड के योद्धा हरक सिंह रावत को इन मांगों को मानने की तरफ ध्यान देना चाहिए.

26 जुलाई से प्रदर्शन: अपनी विभिन्न मांगों को लेकर ऊर्जा निगम कर्मचारियों ने 26 जुलाई के मध्य रात्रि से हड़ताल पर जाने का निर्णय लिया है. इसके लिए बाकायदा उत्तराखंड विद्युत अधिकारी कर्मचारी संयुक्त संघर्ष मोर्चा की ओर से लोगों को अपील भी जारी कर दी गई है कि 26- 27 जुलाई की मध्य रात्रि से होने वाली हड़ताल के मद्देनजर मोबाइल फोन चार्जिंग, टॉर्च आदि की व्यवस्था कर लें. ताकि विद्युत बाधित होने की सूरत में किसी को अप्रिय घटना का सामना ना करना पड़े.

अपनी मांगों को लेकर उत्तराखंड विद्युत अधिकारी कर्मचारी संयुक्त संघर्ष मोर्चा के तत्वाधान में पदाधिकारियों की बैठक आयोजित की गई. बैठक में मोर्चा के प्रतिनिधियों के साथ ऑल इंडिया पावर इंजीनियर फेडरेशन के अध्यक्ष भी शामिल हुए.

बैठक में यह तय हुआ कि ऊर्जा प्रबंधन और सरकार द्वारा किसी भी ऊर्जा कार्मिक का प्रताड़ित या उत्पीड़न किया जाता है या उन्हें गिरफ्तार करने की कोशिश की जाती है तो राज्य के सभी ऊर्जा कर्मी जेल भरो आंदोलन करने के लिए बाध्य हो जाएंगे. जिसकी पूरी जिम्मेदारी ऊर्जा प्रबंधन और सरकार की होगी.

ऊर्जा निगम के कर्मचारियों का कहना है कि वर्ष 2017 में ऊर्जा निगम के कार्य में आंदोलनरत थे, तब 22 दिसंबर 2017 को कार्मिकों के संगठनों तथा सरकार के बीच द्विपक्षीय समझौता हो गया था. लेकिन, आज तक उस समझौते पर कोई कार्रवाई नहीं की गई है.

Last Updated : Jul 25, 2021, 9:30 PM IST
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