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केदारनाथ आपदाः इस नेता ने पानी की टंकी पर उतार दिया था हेलिकॉप्टर, चारों ओर थीं लाशें ही लाशें

हरक सिंह रावत ने केदारनाथ आपदा को याद करते हुए बताया कि आपदा के बाद धाम में चारों तरफ लाशें ही लाशें थी. उन्होंने भी एक रात केदारनाथ में गुजारी. उस समय के एक किस्से को याद करते हुए हरक सिंह रावत कहते हैं कि जब वे आपदा के बाद केदारनाथ गये थे तो उन्होंने हेलिकॉप्टर एक पानी के टैंक के ऊपर उतारा था.

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Published : Jun 16, 2019, 9:16 PM IST

Updated : Jun 17, 2019, 1:00 PM IST

केदारनाथ आपदा को याद करते हरक सिंह रावत.

देहरादून: केदारनाथ धाम में 16-17 जून को आई विकराल आपदा को आज 6 साल पूरे हो गए हैं. उस भीषण आपदा का किस्सा हर उस व्यक्ति की जुबां पर है, जिसने उस दौर में तबाही के मंजर को काफी करीब से देखा था. उन्हीं में से एक शख्स राज्य के वन मंत्री हरक सिंह रावत भी हैं, जो आपदा के तुरंत बाद केदारनाथ गए थे.

हरक सिंह रावत ने केदारनाथ आपदा को याद करते हुए बताया कि उस समय आपदा के बाद वहां सब कुछ तहस-नहस हो चुका था. जमीन पर लाशें ही लाशें दिख रही थी. उन्होंने बताया कि इस आपदा ने केदारनाथ धाम में सब कुछ तबाह कर दिया था. जिसको देखकर उन्हें लगा कि जीवन कुछ नहीं है.

पढ़ें- उत्तराखंड आपदा: कुदरत के कहर का खौफनाक मंजर, जल विभीषिका लील गई थी सैकड़ों जिंदगियां

हरक सिंह रावत ने बताया कि आपदा के बाद जब वे केदारनाथ गये तो कहीं भी हेलिकॉप्टर उतारने की जगह नहीं थी. आखिरकार एक अंडरग्राउंड पानी का टैंक उन्हें नजर आया, जिस पर हेलिकॉप्टर को उतारने का सोचा गया. हरक सिंह रावत पहले हेलिकॉप्टर से टैंक के ऊपर कूदे और टैंक की मजबूती का जायजा लिया. जिसके बाद हेलिकॉप्टर को टैंक पर उतारा गया.

केदारनाथ की यादों को बयां करते हरक सिंह

हरक सिंह रावत ने उस समय के किस्सों को याद करते हुए बताया कि घायलों को रेस्क्यू करने के लिए वे केदारनाथ में ही रहे. उन्होंने बताया कि एक बार मौसम खराब होने के बाद कोई हेलिकॉप्टर केदारनाथ नहीं आया और उन्होंने एक-दो दिनों तक वहीं लाशों के बीच टेंट में रात गुजारी.

उन्होंने उस मंजर को याद करते हुए कहा कि उस दौरान एक दिन पहले ही एक हेलिकॉप्टर क्रैश हुआ था. सभी लोग डरे हुए थे. बावजूद इसके उन्होंने जगंल चट्टी में पैदल रास्ते पर हेलिकॉप्टर को लैंड करवाया. जिसके बाद एयर फोर्स के लोगों ने भी वहीं से रेस्क्यू किया.

देहरादून: केदारनाथ धाम में 16-17 जून को आई विकराल आपदा को आज 6 साल पूरे हो गए हैं. उस भीषण आपदा का किस्सा हर उस व्यक्ति की जुबां पर है, जिसने उस दौर में तबाही के मंजर को काफी करीब से देखा था. उन्हीं में से एक शख्स राज्य के वन मंत्री हरक सिंह रावत भी हैं, जो आपदा के तुरंत बाद केदारनाथ गए थे.

हरक सिंह रावत ने केदारनाथ आपदा को याद करते हुए बताया कि उस समय आपदा के बाद वहां सब कुछ तहस-नहस हो चुका था. जमीन पर लाशें ही लाशें दिख रही थी. उन्होंने बताया कि इस आपदा ने केदारनाथ धाम में सब कुछ तबाह कर दिया था. जिसको देखकर उन्हें लगा कि जीवन कुछ नहीं है.

पढ़ें- उत्तराखंड आपदा: कुदरत के कहर का खौफनाक मंजर, जल विभीषिका लील गई थी सैकड़ों जिंदगियां

हरक सिंह रावत ने बताया कि आपदा के बाद जब वे केदारनाथ गये तो कहीं भी हेलिकॉप्टर उतारने की जगह नहीं थी. आखिरकार एक अंडरग्राउंड पानी का टैंक उन्हें नजर आया, जिस पर हेलिकॉप्टर को उतारने का सोचा गया. हरक सिंह रावत पहले हेलिकॉप्टर से टैंक के ऊपर कूदे और टैंक की मजबूती का जायजा लिया. जिसके बाद हेलिकॉप्टर को टैंक पर उतारा गया.

केदारनाथ की यादों को बयां करते हरक सिंह

हरक सिंह रावत ने उस समय के किस्सों को याद करते हुए बताया कि घायलों को रेस्क्यू करने के लिए वे केदारनाथ में ही रहे. उन्होंने बताया कि एक बार मौसम खराब होने के बाद कोई हेलिकॉप्टर केदारनाथ नहीं आया और उन्होंने एक-दो दिनों तक वहीं लाशों के बीच टेंट में रात गुजारी.

उन्होंने उस मंजर को याद करते हुए कहा कि उस दौरान एक दिन पहले ही एक हेलिकॉप्टर क्रैश हुआ था. सभी लोग डरे हुए थे. बावजूद इसके उन्होंने जगंल चट्टी में पैदल रास्ते पर हेलिकॉप्टर को लैंड करवाया. जिसके बाद एयर फोर्स के लोगों ने भी वहीं से रेस्क्यू किया.


इस नेता ने पानी की टंकी पर उतार दिया था हेलिकॉप्टर, तबाह हो चुके केदारनाथ में पहुंचा था सबसे पहले- जब आपदा आयी थी 


Note- फीड FTP पर (uk_ddn_Pani ki Tanki Par Utar diya Helicopter_byte_7205800) नाम से हैं।

एंकर-  केदारनाथ में 16 जून के रोज आयी त्रासदि अब धीरे धीरे इतिहास के पन्नो में सिमट रही है। बदले हुए हालात और तेजी से हो रहे नव निर्माण आपदा की यादों को धूधलां करने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं लेकिन कुछ लोग है जो आज भी आपदा की बात आते ही सिहर उठते हैं। इसमें से एक उत्तराखंड के वन मंत्री हरक सिंह रावत भी है जो केदारधाम में मची तबाही के बाद सबसे पहले वहां हेलिकॉप्टर से पंहुचे थे। आज आपदा की छटी बरसी पर जब हरक सिंह रावत से उस वाकिये के बार में पूछा गया तो उन्होने मौत और तांडव वाले उस मंजर को भरे हुए गले के साथ कुछ इस तरह से बयां किया।

वीओ- हरक सिंह रावत ने बताया कि जब वो केदार नाथ के ऊपर हवा में थे तो हर जगह तहस नहस थी। कहीं दल-दल था तो कहीं घर उजड़े पड़े थे, बिल्डिगें जमिदेश थी। हेलिकाप्टर को लेंड करने के लिए सुई बराबर भी जगह नही थी। केदारनाथ में आई बाड़ में एक मात्र हेलिपेड सबसे पहले तबाह हो चुका था। हरक सिंह रावत ने बताया कि जो टुरिस्ट बंगले को सोक पिट था, उसके अलावा गरुड चट्टी में, भैरव चट्टी में भी कहीं भी हेलिकॉप्टर को उतरने लायक स्थीती नही बनी तो आखिरकार एक पानी का टेंक उन्हे नजर आया जिस पर हैलिकॉप्टर को उतारने की सोची। हरक सिंह रावत पहले हेलिकॉप्टर से टेंक के ऊपर कूदे और टेंक की मजबीत का जायजा लिया और उसके बाद हैलिकॉप्टर को पानी के टेंक पर उतारा। 

वीओ- इसके अलावा हरक सिंह रावत ने इसके अलावा भी अन्य वाकियों को याद करते हुए बताया कि कई बार इस तरह की स्थीती बनती थी कि वो रेसक्यु करने केदारनाथ में होते थे और हेलिकॉप्टर घायलों को लेकर नीचे आ जाते थे और वो अकेले वीरान तहस नहस हो चुकी घाटी में सैकड़ो लाशो के बीच में होते थे और कभी भी अचानक मौसम खराब होने के बाद कई हैलिकॉप्टर नही आया और एक दो दिन तक वहीं लाशों के बीच में टेंट के सहारे रात गुजारा करते थे।  उन्होने उस मंजर को याद करते हुए कहा कि उस दौरान एक दिन पहले होलिकॉप्टर क्रैश हुआ था और सभी लोग डरे हुए थे और उसके बावजूद भी उन्होने जगंल चट्टी में पैदल रास्ते पर होलिकॉप्टर को लेंड करवाया जिसके जो लोग वहां लेंड करने की हिम्मत नही कर पा रहे थे उन्होने भी वहां लेंड किया और बाद में एयर फोर्स के लोगों ने भी वही से रेसक्यु के इस्तमाल किया।

बाइट- हरक सिंह रावत, वन मंत्री उत्तराखंड
 
Last Updated : Jun 17, 2019, 1:00 PM IST
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