देहरादून: केदारनाथ धाम में 16-17 जून को आई विकराल आपदा को आज 6 साल पूरे हो गए हैं. उस भीषण आपदा का किस्सा हर उस व्यक्ति की जुबां पर है, जिसने उस दौर में तबाही के मंजर को काफी करीब से देखा था. उन्हीं में से एक शख्स राज्य के वन मंत्री हरक सिंह रावत भी हैं, जो आपदा के तुरंत बाद केदारनाथ गए थे.
हरक सिंह रावत ने केदारनाथ आपदा को याद करते हुए बताया कि उस समय आपदा के बाद वहां सब कुछ तहस-नहस हो चुका था. जमीन पर लाशें ही लाशें दिख रही थी. उन्होंने बताया कि इस आपदा ने केदारनाथ धाम में सब कुछ तबाह कर दिया था. जिसको देखकर उन्हें लगा कि जीवन कुछ नहीं है.
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हरक सिंह रावत ने बताया कि आपदा के बाद जब वे केदारनाथ गये तो कहीं भी हेलिकॉप्टर उतारने की जगह नहीं थी. आखिरकार एक अंडरग्राउंड पानी का टैंक उन्हें नजर आया, जिस पर हेलिकॉप्टर को उतारने का सोचा गया. हरक सिंह रावत पहले हेलिकॉप्टर से टैंक के ऊपर कूदे और टैंक की मजबूती का जायजा लिया. जिसके बाद हेलिकॉप्टर को टैंक पर उतारा गया.
हरक सिंह रावत ने उस समय के किस्सों को याद करते हुए बताया कि घायलों को रेस्क्यू करने के लिए वे केदारनाथ में ही रहे. उन्होंने बताया कि एक बार मौसम खराब होने के बाद कोई हेलिकॉप्टर केदारनाथ नहीं आया और उन्होंने एक-दो दिनों तक वहीं लाशों के बीच टेंट में रात गुजारी.
उन्होंने उस मंजर को याद करते हुए कहा कि उस दौरान एक दिन पहले ही एक हेलिकॉप्टर क्रैश हुआ था. सभी लोग डरे हुए थे. बावजूद इसके उन्होंने जगंल चट्टी में पैदल रास्ते पर हेलिकॉप्टर को लैंड करवाया. जिसके बाद एयर फोर्स के लोगों ने भी वहीं से रेस्क्यू किया.