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बैठक में होता रहा इंतजार, मंत्री हरक सिंह रावत ने CM को दिया 'गच्चा'

हरक सिंह रावत ने एक बार फिर अलग ही अंदाज में अपनी नाराजगी जाहिर की है. हरक सिंह रावत आज मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में पौड़ी जिले की घोषणाओं की समीक्षा बैठक में नहीं पहुंचे.

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हरक सिंह रावत की नाराजगी
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Published : Jun 21, 2021, 9:43 PM IST

देहरादून: त्रिवेंद्र सरकार के समय उपजा कर्मकार कल्याण बोर्ड का विवाद अब तीरथ सरकार के लिए परेशानी बनता जा रहा है. तब हुई नियुक्ति को लेकर अभी भी हरक सिंह रावत नाराज चल रहे हैं. जिसके कारण वे अब पार्टी की गतिविधियों से दूरी बनाकर अपनी नाराजगी जाहिर कर रहे हैं. हरक की नाराजगी और दूरियां दिनों-दिन समाचार पत्रों की सुर्खियां बन रही हैं. इन खबरों से कहीं न कही सरकार और संगठन के माथे पर भी चिंता की लकीरें खीचनी शुरू हो गई हैं.

कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत की नाराजगी अब सार्वजनिक तौर पर भी दिखने लगी है. दरअसल, आज पौड़ी जनपद में मुख्यमंत्री की घोषणाओं को लेकर समीक्षा बैठक होनी थी. इस बैठक में मुख्यमंत्री, पौड़ी जिले की विधानसभाओं के विधायक और संबंधित अधिकारी तय समय पर पहुंच गये. सभी आखिरी समय तक हरक सिंह रावत का इंतजार करते रहें. मगर अपनी नाराजगी के चलते हरक सिंह रावत इस बैठक में भी नहीं पहुंचे.

पढ़ें- क्या बरकरार रहेगी हरक की नाराजगी? सीएम से मुलाकात के बाद खुल सकता है 'राज'

कर्मकार कल्याण बोर्ड के अध्यक्ष शमशेर सिंह सत्याल को नहीं हटाए जाने से नाराज हरक सिंह रावत की नाराजगी अब सार्वजनिक कार्यक्रमों में भी दिखने लगी है. हरक सिंह रावत आज मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत की अध्यक्षता में पौड़ी जिले में हुई मुख्यमंत्री की घोषणाओं की समीक्षा बैठक के दौरान भी नहीं पहुंचे. खास बात यह है कि इस बैठक में कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत के नहीं पहुंचने से उनकी विधानसभाओं में हुई घोषणाओं की समीक्षा भी नहीं हो पाई.

पढ़ें-कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत ने जाहिर की अपनी नाराजगी, कार्यसमिति की बैठक में नहीं हुए शामिल

हरक सिंह रावत देहरादून में ही मौजूद थे, बावजूद इसके हरक सिंह रावत समीक्षा बैठक में नहीं पहुंचे. ये पहला मौका नहीं है जब हरक सिंह रावत ने इस तरह से अपनी नाराजगी जाहिर की है. इससे पहले वे बीजेपी कार्यसमिति की बैठक में भी शामिल नहीं हुए थे.

हालांकि, हरक सिंह रावत अपने विभाग से जुड़े आयुर्वेद विश्वविद्यालय में योग के कार्यक्रम के दौरान जरूर मुख्यमंत्री के साथ एक मंच पर दिखाई दिए थे. इससे पहले ईटीवी भारत पहले ही यह बता चुका था कि कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत अपनी नाराजगी कारण विभिन्न कार्यक्रमों में शामिल नहीं होंगे. इसके बाद न तो हरक सिंह रावत भाजपा कार्यसमिति की बैठक में शामिल हुए. न ही अब अपने जिले में हुई मुख्यमंत्री की घोषणा की समीक्षा बैठक में.

पढ़ें- पहली बार बोले कर्मकार बोर्ड अध्यक्ष सत्याल, जांच में कई बड़े नाम, हरक के बयान झूठे, त्रिवेंद्र भाजपा के वटवृक्ष

ऐसे में माना जा रहा है कि आने वाले दिनों में हरक सिंह रावत किए नाराजगी प्रदेश में एक नया राजनीतिक भूचाल ला सकती है. बता दें कि शमशेर सिंह सत्याल समेत बाकी दायित्वधारियों को भी जल्द हटाए जाने को लेकर फैसला होने की खबर है. ऐसा होता है तो हरक सिंह रावत की नाराजगी खुद-ब-खुद खत्म हो जाएगी.

देहरादून: त्रिवेंद्र सरकार के समय उपजा कर्मकार कल्याण बोर्ड का विवाद अब तीरथ सरकार के लिए परेशानी बनता जा रहा है. तब हुई नियुक्ति को लेकर अभी भी हरक सिंह रावत नाराज चल रहे हैं. जिसके कारण वे अब पार्टी की गतिविधियों से दूरी बनाकर अपनी नाराजगी जाहिर कर रहे हैं. हरक की नाराजगी और दूरियां दिनों-दिन समाचार पत्रों की सुर्खियां बन रही हैं. इन खबरों से कहीं न कही सरकार और संगठन के माथे पर भी चिंता की लकीरें खीचनी शुरू हो गई हैं.

कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत की नाराजगी अब सार्वजनिक तौर पर भी दिखने लगी है. दरअसल, आज पौड़ी जनपद में मुख्यमंत्री की घोषणाओं को लेकर समीक्षा बैठक होनी थी. इस बैठक में मुख्यमंत्री, पौड़ी जिले की विधानसभाओं के विधायक और संबंधित अधिकारी तय समय पर पहुंच गये. सभी आखिरी समय तक हरक सिंह रावत का इंतजार करते रहें. मगर अपनी नाराजगी के चलते हरक सिंह रावत इस बैठक में भी नहीं पहुंचे.

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कर्मकार कल्याण बोर्ड के अध्यक्ष शमशेर सिंह सत्याल को नहीं हटाए जाने से नाराज हरक सिंह रावत की नाराजगी अब सार्वजनिक कार्यक्रमों में भी दिखने लगी है. हरक सिंह रावत आज मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत की अध्यक्षता में पौड़ी जिले में हुई मुख्यमंत्री की घोषणाओं की समीक्षा बैठक के दौरान भी नहीं पहुंचे. खास बात यह है कि इस बैठक में कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत के नहीं पहुंचने से उनकी विधानसभाओं में हुई घोषणाओं की समीक्षा भी नहीं हो पाई.

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हरक सिंह रावत देहरादून में ही मौजूद थे, बावजूद इसके हरक सिंह रावत समीक्षा बैठक में नहीं पहुंचे. ये पहला मौका नहीं है जब हरक सिंह रावत ने इस तरह से अपनी नाराजगी जाहिर की है. इससे पहले वे बीजेपी कार्यसमिति की बैठक में भी शामिल नहीं हुए थे.

हालांकि, हरक सिंह रावत अपने विभाग से जुड़े आयुर्वेद विश्वविद्यालय में योग के कार्यक्रम के दौरान जरूर मुख्यमंत्री के साथ एक मंच पर दिखाई दिए थे. इससे पहले ईटीवी भारत पहले ही यह बता चुका था कि कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत अपनी नाराजगी कारण विभिन्न कार्यक्रमों में शामिल नहीं होंगे. इसके बाद न तो हरक सिंह रावत भाजपा कार्यसमिति की बैठक में शामिल हुए. न ही अब अपने जिले में हुई मुख्यमंत्री की घोषणा की समीक्षा बैठक में.

पढ़ें- पहली बार बोले कर्मकार बोर्ड अध्यक्ष सत्याल, जांच में कई बड़े नाम, हरक के बयान झूठे, त्रिवेंद्र भाजपा के वटवृक्ष

ऐसे में माना जा रहा है कि आने वाले दिनों में हरक सिंह रावत किए नाराजगी प्रदेश में एक नया राजनीतिक भूचाल ला सकती है. बता दें कि शमशेर सिंह सत्याल समेत बाकी दायित्वधारियों को भी जल्द हटाए जाने को लेकर फैसला होने की खबर है. ऐसा होता है तो हरक सिंह रावत की नाराजगी खुद-ब-खुद खत्म हो जाएगी.

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