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फॉर्म में आए हरक, 'हवा में उड़ रहे धामी, तीनों मुख्यमंत्री अनुभवहीन, TSR में हीन भावना'

बीजेपी से निकाल गए पूर्व कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत ने ईटीवी भारत के साथ एक्सक्लूसिव बात करते हुए बीजेपी सरकार पर जमकर हमला बोला है. उन्हें बीजेपी के तीनों मुख्यमंत्रियों को अनुभवहीन बताया, इसके अलावा कई और बड़े मामलों को लेकर भी ईटीवी भारत के सवालों का जवाब दिया. हरक ने अपने चुनाव लड़ने और हरीश रावत संग अपने रिश्तों को लेकर भी कई खुलासे किए.

Harak Singh Rawat Interview
ईटीवी भारत पर बोले हरक
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Published : Jan 25, 2022, 4:54 PM IST

देहरादून: कभी बीजेपी सरकार और संगठन की तारीफों के पुल बांधने वाले हरक सिंह रावत ने आज उसी पार्टी पर आरोपों की झड़ी लगा रखी है. हरक सिंह रावत का मानना है कि बीजेपी सरकार के कार्यकाल में प्रदेश 20 साल पीछे चला गया है. हालांकि, इसके लिए वो खुद को भी जिम्मेदार मान रहे हैं क्योंकि पिछले पांच सालों से वो उस सरकार का हिस्सा रहे हैं. इसी तरह के कुछ मुद्दों पर हरक सिंह रावत ने ईवीटी भारत के साथ बेबाकी से बातचीत की.

हरक सिंह रावत ने कहा कि बीजेपी सरकार कुछ अधिकारियों के चंगुल में फंस गई है और इसका खामियाजा भी सबको भुगतना पड़ा है. प्रदेश की जनता के लिए जितने दोषी पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत हैं, उतने ही वो भी हैं. हालांकि, उन्होंने प्रदेश की जनता के लिए लड़ाई लड़ी है लेकिन एक या दो व्यक्तियों के लड़ाई लड़ने से कुछ नहीं होता, जब तक प्रदेश का मुख्यमंत्री खुद सहयोग नहीं करे. उनको उम्मीद है कि उत्तराखंड की जनता उनको माफ कर देगी.

पढ़ें- कांग्रेस से राजनीतिक डेब्यू कर रहीं पूर्व मिस इंडिया अनुकृति, नॉट ऑउट विधायक को दे पाएंगी कड़ी टक्कर?

प्रदेश को मिले अनुभवहीन मुख्यमंत्री: हरक सिंह रावत ने कहा कि बीजेपी के कार्यकाल में प्रदेश को तीनों अनुभवहीन मुख्यमंत्री मिले हैं. हरक सिंह रावत कभी भी त्रिवेंद्र सिंह रावत से अच्छा तालमेल नहीं बैठा पाए, इसको लेकर भी उन्होंने बड़ी बात कही. हरक ने कहा कि, त्रिवेंद्र सिंह रावत में हीनभावना है. इसके कारण ये है कि जब हरक 1991 में यूपी सरकार में मंत्री थे, तब त्रिवेंद्र सिंह रावत मंत्री उमाकांत के जनसंपर्क अधिकारी थे. त्रिवेंद्र सिंह रावत उत्तराखंड बनने के बाद विधायक बने. यहां वो तीन बार से विधायक हैं, जबकि हरक सिंह रावत छह बार के विधायक और 8-9 बार मंत्री रह चुके हैं. ये ही सब त्रिवेंद्र सिंह रावत की हीनभावना का कारण था. हरक सिंह रावत ने कहा कि उनके किसी विभाग में अच्छा काम करने और उनकी वाहवाही से त्रिवेंद्र सिंह रावत असजह हो जाते थे.

ईटीवी भारत के साथ हरक सिंह रावत की EXCLUSIVE बातचीत.

मुख्यमंत्री पद से त्रिवेंद्र सिंह को हटाने का एक ही मुख्य कारण था, क्योंकि पार्टी को ये लग गया था कि त्रिवेंद्र सिंह रावत के चार साल के कार्यकाल में उत्तराखंड 20 साल पीछे चला गया है. डबल इंजन की सरकार कहने में शर्म आने लगी थी. अगर त्रिवेंद्र सिंह रावत के मुख्यमंत्री रहते हुए पार्टी चुनाव में जाएगी तो पार्टी का सूपड़ा साफ हो जाएगा, इसलिए पार्टी ने तुरंत त्रिवेंद्र सिंह रावत को बाहर का रास्ता दिखा दिया.

तीरथ सिंह रावत को भी लपेटा: वहीं, पूर्व मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत को लेकर हरक सिंह रावत ने कहा कि उनके बारे में कुछ ज्यादा बोलने की जरूरत नहीं है, क्योंकि वो ज्ञानी ज्यादा थे. तीरथ पर हंसते हुए हरक सिंह कहते हैं कि, त्रिवेंद्र के बाद जैसे ही तीरथ आए तो उनके ज्ञान की परिभाषा को देखकर नड्डा से लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तक बड़े हैरान थे. उन्होंने ऐसे-ऐसे बयान दिए जिसमें पार्टी को शर्मिंदा होना पड़ा, जैसे- कभी महिलाओं की फटी जींस पर बयान तो कभी भारत को अमेरिका का 200 साल तक गुलाम बताया, और न जाने ऐसे कितने ज्ञान पार्टी फोरम से उन्होंने दिए, जिसके बाद पार्टी को उनके ऊपर कारवाई करके उनको हटाना पड़ा. तीरथ पर चुटकी लेते हुए हरक ने कहा कि, ऐसे लोगों के बारे में ज्यादा टिप्पणी करना भी छोटा लगता है.

पढ़ें- 'बदले की भावना से काम कर रही BJP, मेरे खिलाफ बैठा सकती है जांच', ETV BHARAT से बोले हरक

सीएम धामी हवा में उड़ रहे हैं: अब बारी थी तीसरे मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की. मुख्यमंत्री धामी को लेकर हरक सिंह रावत ने कहा कि, जब से उन्हें रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने 20-20 का बल्लेबाज बताया, तब से वो मदहोश हैं. तभी से धामी हवा में उड़ रहे हैं. अब यदि किसी मुख्यमंत्री को सार्वजनिक तौर पर देश का रक्षा मंत्री छक्के मारने वाला बल्लेबाज बता देंगे तो उसका दिमाग खराब हो ही जाएगा. हालांकि, अब ये जनता तय करेंगी कि उन्हें कहां उड़ाना है. हरक ने कहा कि, अचानक से ऐसे व्यक्ति को मुख्यमंत्री बना देना जिसके पास अनुभव नहीं है ये राज्य के लिए सही नहीं है.

उत्तराखंड के भाजपा की विदाई: हरक सिंह रावत ने कहा कि बीजेपी ने जो हालात बनाए हैं, उससे साफ है कि उत्तराखंड से इनकी विदाई पक्की है. सही बात तो ये है कि इन 5 सालों में उत्तराखंड में कोई भी ऐसी योजना शुरू नहीं हुई जो प्रदेश की हो. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से लेकर पुष्कर सिंह धामी और राजनाथ सिंह से लेकर जेपी नड्डा तक उत्तराखंड में आकर केंद्र की योजनाओं को गिनवा रहे हैं. ऑल वेदर रोड एक योजना हो सकती है, लेकिन जिस रेल मार्ग का जिक्र बार-बार बीजेपी अपने बयानों में कर रही है वो रेल मार्ग कांग्रेस की देन है.

हरक ने सवालिया लहजे में पूछा कि, मौजूदा सरकार, मंत्री या विधायक ये बता दें कि प्रदेश में कौन सा ऐसा काम है जो राज्य सरकार के खजाने से या उनकी सोच से हुआ है. ऐसा कोई काम नहीं जिसके लिए राज्य सरकार को श्रेय दिया जाए, इसलिए राज्य की जनता बीजेपी से परेशान है और आने वाले चुनावों में बीजेपी को इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा.

पढ़ें- आज आ सकती है बीजेपी की दूसरी लिस्ट, नड्डा तय कर रहे हैं बाकी उम्मीदवारों के नाम

अपने चुनाव लड़ने पर दिया जवाब: कांग्रेस ने अभीतक हरक सिंह रावत की सीट फाइनल नहीं की है. हालांकि, राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि कांग्रेस उन्हें चौबट्टाखाल से चुनाव लड़ा सकती है, जहां उनके सामने सीधे बीजेपी की ओर से सतपाल महाराज होंगे. इस पर हरक सिंह रावत ने कहा कि पार्टी उन्हें जो आदेश देगी वो उसका पालन करेंगे. लेकिन उन्होंने पार्टी ने कहा था कि उन्हें कोई ऐसी जिम्मेदारी दी जाए जिससे पूरे प्रदेश की सेवा कर सकें. अब वो एक विधानसभा तक सीमित नहीं रहना चाहते हैं. हालांकि निर्णय पार्टी को लेना है. वैसे वो सतपाल महाराज के सामने भी चुनाव लड़ने के लिए भी तैयार हैं, लेकिन इतना जरूर कहना चाहते हैं कि महाराज को पता है कि वो कैसे चुनाव लड़ते हैं और अगर वो चुनाव लड़े तो परिणाम क्या होगा.

हरक ने कहा कि, उन्होंने पौड़ी को बहुत करीब से देखा है. वो 10-10 दिन तक सड़कों से दूर रहते थे, वहां हर घर में लोग उन्हें अच्छी तरह से जानते हैं. इसलिए पौड़ी में अगर कोई जिम्मेदारी उनको दी जाती है तो वो उसे अच्छे से निभा लेंगे.

क्या शरीर और मन से कांग्रेस में चले गए हरक सिंह रावत: इस सवाल पर हरक सिंह रावत कहते हैं कि, उन्हें लगता है कि कभी-कभी कुछ बातें अगर खिलाफ हो रही हैं तो हो सकता है आपके लिए वो सही हों. बीजेपी ने जब यह कार्रवाई की तो उनको बेहद दुख हुआ, वो बेहद भावुक हो गए थे. लेकिन अब वो ये सोचते हैं कि जो होता है अच्छे के लिए होता है. उनसे बीजेपी के सभी लोग परेशान थे क्योंकि वो विकास के लिए हमेशा से मंत्री, मुख्यमंत्री और अधिकारियों से लड़ते रहते थे.

हरक ने भविष्यवाणी करते हुए कहा कि, बदरीनाथ-केदारनाथ-हेमकुंड साहिब और पिरान कलियर की भूमि उत्तराखंड से इस बार बीजेपी का सूपड़ा साफ हो रहा है. कांग्रेस पूर्ण बहुमत के साथ सरकार बनाने जा रही है और इसके लिए वो तन-मन-धन से काम करेंगे.

हरीश रावत आपको लेकर क्या सोच रहे हैं: इस पर हरक सिंह रावत कहते हैं कि यह बात सही है कि राजनीति में दोनों के बीच कई बार बयानबाजी हुई है. उन्होंने हरीश रावत को कई बार बरगद का पेड़ कहा है, लेकिन हरीश रावत ने कभी भी उनके लिए अपशब्द नहीं कहा. हरीश रावत उम्र और अनुभव में उनसे बहुत बड़े हैं.

क्या यमुना कॉलोनी का आवास छोड़ने जा रहे हैं: हरक ने जवाब दिया कि, यमुना कॉलोनी आवास को खाली करने का मन बना लिया है. राज्य बनने के बाद से अब तक वो इसी मकान में थे लेकिन अब इन मकानों की हालत बहुत खस्ता हो गई है. वो यहां 25 साल से रह रहे हैं.

क्या आप को डर है कि आप के ऊपर कोई जांच बैठ सकती है: हरक ने इस बात को माना कि बीजेपी सरकार द्वेष भावना के तहत कार्रवाई करती है और हो सकता है कि भविष्य में उनके ऊपर कोई जांच भी करवा दे, लेकिन वो इन सब की परवाह नहीं करता और न ही डरते हैं, जो होगा देखा जाएगा.

देहरादून: कभी बीजेपी सरकार और संगठन की तारीफों के पुल बांधने वाले हरक सिंह रावत ने आज उसी पार्टी पर आरोपों की झड़ी लगा रखी है. हरक सिंह रावत का मानना है कि बीजेपी सरकार के कार्यकाल में प्रदेश 20 साल पीछे चला गया है. हालांकि, इसके लिए वो खुद को भी जिम्मेदार मान रहे हैं क्योंकि पिछले पांच सालों से वो उस सरकार का हिस्सा रहे हैं. इसी तरह के कुछ मुद्दों पर हरक सिंह रावत ने ईवीटी भारत के साथ बेबाकी से बातचीत की.

हरक सिंह रावत ने कहा कि बीजेपी सरकार कुछ अधिकारियों के चंगुल में फंस गई है और इसका खामियाजा भी सबको भुगतना पड़ा है. प्रदेश की जनता के लिए जितने दोषी पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत हैं, उतने ही वो भी हैं. हालांकि, उन्होंने प्रदेश की जनता के लिए लड़ाई लड़ी है लेकिन एक या दो व्यक्तियों के लड़ाई लड़ने से कुछ नहीं होता, जब तक प्रदेश का मुख्यमंत्री खुद सहयोग नहीं करे. उनको उम्मीद है कि उत्तराखंड की जनता उनको माफ कर देगी.

पढ़ें- कांग्रेस से राजनीतिक डेब्यू कर रहीं पूर्व मिस इंडिया अनुकृति, नॉट ऑउट विधायक को दे पाएंगी कड़ी टक्कर?

प्रदेश को मिले अनुभवहीन मुख्यमंत्री: हरक सिंह रावत ने कहा कि बीजेपी के कार्यकाल में प्रदेश को तीनों अनुभवहीन मुख्यमंत्री मिले हैं. हरक सिंह रावत कभी भी त्रिवेंद्र सिंह रावत से अच्छा तालमेल नहीं बैठा पाए, इसको लेकर भी उन्होंने बड़ी बात कही. हरक ने कहा कि, त्रिवेंद्र सिंह रावत में हीनभावना है. इसके कारण ये है कि जब हरक 1991 में यूपी सरकार में मंत्री थे, तब त्रिवेंद्र सिंह रावत मंत्री उमाकांत के जनसंपर्क अधिकारी थे. त्रिवेंद्र सिंह रावत उत्तराखंड बनने के बाद विधायक बने. यहां वो तीन बार से विधायक हैं, जबकि हरक सिंह रावत छह बार के विधायक और 8-9 बार मंत्री रह चुके हैं. ये ही सब त्रिवेंद्र सिंह रावत की हीनभावना का कारण था. हरक सिंह रावत ने कहा कि उनके किसी विभाग में अच्छा काम करने और उनकी वाहवाही से त्रिवेंद्र सिंह रावत असजह हो जाते थे.

ईटीवी भारत के साथ हरक सिंह रावत की EXCLUSIVE बातचीत.

मुख्यमंत्री पद से त्रिवेंद्र सिंह को हटाने का एक ही मुख्य कारण था, क्योंकि पार्टी को ये लग गया था कि त्रिवेंद्र सिंह रावत के चार साल के कार्यकाल में उत्तराखंड 20 साल पीछे चला गया है. डबल इंजन की सरकार कहने में शर्म आने लगी थी. अगर त्रिवेंद्र सिंह रावत के मुख्यमंत्री रहते हुए पार्टी चुनाव में जाएगी तो पार्टी का सूपड़ा साफ हो जाएगा, इसलिए पार्टी ने तुरंत त्रिवेंद्र सिंह रावत को बाहर का रास्ता दिखा दिया.

तीरथ सिंह रावत को भी लपेटा: वहीं, पूर्व मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत को लेकर हरक सिंह रावत ने कहा कि उनके बारे में कुछ ज्यादा बोलने की जरूरत नहीं है, क्योंकि वो ज्ञानी ज्यादा थे. तीरथ पर हंसते हुए हरक सिंह कहते हैं कि, त्रिवेंद्र के बाद जैसे ही तीरथ आए तो उनके ज्ञान की परिभाषा को देखकर नड्डा से लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तक बड़े हैरान थे. उन्होंने ऐसे-ऐसे बयान दिए जिसमें पार्टी को शर्मिंदा होना पड़ा, जैसे- कभी महिलाओं की फटी जींस पर बयान तो कभी भारत को अमेरिका का 200 साल तक गुलाम बताया, और न जाने ऐसे कितने ज्ञान पार्टी फोरम से उन्होंने दिए, जिसके बाद पार्टी को उनके ऊपर कारवाई करके उनको हटाना पड़ा. तीरथ पर चुटकी लेते हुए हरक ने कहा कि, ऐसे लोगों के बारे में ज्यादा टिप्पणी करना भी छोटा लगता है.

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सीएम धामी हवा में उड़ रहे हैं: अब बारी थी तीसरे मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की. मुख्यमंत्री धामी को लेकर हरक सिंह रावत ने कहा कि, जब से उन्हें रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने 20-20 का बल्लेबाज बताया, तब से वो मदहोश हैं. तभी से धामी हवा में उड़ रहे हैं. अब यदि किसी मुख्यमंत्री को सार्वजनिक तौर पर देश का रक्षा मंत्री छक्के मारने वाला बल्लेबाज बता देंगे तो उसका दिमाग खराब हो ही जाएगा. हालांकि, अब ये जनता तय करेंगी कि उन्हें कहां उड़ाना है. हरक ने कहा कि, अचानक से ऐसे व्यक्ति को मुख्यमंत्री बना देना जिसके पास अनुभव नहीं है ये राज्य के लिए सही नहीं है.

उत्तराखंड के भाजपा की विदाई: हरक सिंह रावत ने कहा कि बीजेपी ने जो हालात बनाए हैं, उससे साफ है कि उत्तराखंड से इनकी विदाई पक्की है. सही बात तो ये है कि इन 5 सालों में उत्तराखंड में कोई भी ऐसी योजना शुरू नहीं हुई जो प्रदेश की हो. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से लेकर पुष्कर सिंह धामी और राजनाथ सिंह से लेकर जेपी नड्डा तक उत्तराखंड में आकर केंद्र की योजनाओं को गिनवा रहे हैं. ऑल वेदर रोड एक योजना हो सकती है, लेकिन जिस रेल मार्ग का जिक्र बार-बार बीजेपी अपने बयानों में कर रही है वो रेल मार्ग कांग्रेस की देन है.

हरक ने सवालिया लहजे में पूछा कि, मौजूदा सरकार, मंत्री या विधायक ये बता दें कि प्रदेश में कौन सा ऐसा काम है जो राज्य सरकार के खजाने से या उनकी सोच से हुआ है. ऐसा कोई काम नहीं जिसके लिए राज्य सरकार को श्रेय दिया जाए, इसलिए राज्य की जनता बीजेपी से परेशान है और आने वाले चुनावों में बीजेपी को इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा.

पढ़ें- आज आ सकती है बीजेपी की दूसरी लिस्ट, नड्डा तय कर रहे हैं बाकी उम्मीदवारों के नाम

अपने चुनाव लड़ने पर दिया जवाब: कांग्रेस ने अभीतक हरक सिंह रावत की सीट फाइनल नहीं की है. हालांकि, राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि कांग्रेस उन्हें चौबट्टाखाल से चुनाव लड़ा सकती है, जहां उनके सामने सीधे बीजेपी की ओर से सतपाल महाराज होंगे. इस पर हरक सिंह रावत ने कहा कि पार्टी उन्हें जो आदेश देगी वो उसका पालन करेंगे. लेकिन उन्होंने पार्टी ने कहा था कि उन्हें कोई ऐसी जिम्मेदारी दी जाए जिससे पूरे प्रदेश की सेवा कर सकें. अब वो एक विधानसभा तक सीमित नहीं रहना चाहते हैं. हालांकि निर्णय पार्टी को लेना है. वैसे वो सतपाल महाराज के सामने भी चुनाव लड़ने के लिए भी तैयार हैं, लेकिन इतना जरूर कहना चाहते हैं कि महाराज को पता है कि वो कैसे चुनाव लड़ते हैं और अगर वो चुनाव लड़े तो परिणाम क्या होगा.

हरक ने कहा कि, उन्होंने पौड़ी को बहुत करीब से देखा है. वो 10-10 दिन तक सड़कों से दूर रहते थे, वहां हर घर में लोग उन्हें अच्छी तरह से जानते हैं. इसलिए पौड़ी में अगर कोई जिम्मेदारी उनको दी जाती है तो वो उसे अच्छे से निभा लेंगे.

क्या शरीर और मन से कांग्रेस में चले गए हरक सिंह रावत: इस सवाल पर हरक सिंह रावत कहते हैं कि, उन्हें लगता है कि कभी-कभी कुछ बातें अगर खिलाफ हो रही हैं तो हो सकता है आपके लिए वो सही हों. बीजेपी ने जब यह कार्रवाई की तो उनको बेहद दुख हुआ, वो बेहद भावुक हो गए थे. लेकिन अब वो ये सोचते हैं कि जो होता है अच्छे के लिए होता है. उनसे बीजेपी के सभी लोग परेशान थे क्योंकि वो विकास के लिए हमेशा से मंत्री, मुख्यमंत्री और अधिकारियों से लड़ते रहते थे.

हरक ने भविष्यवाणी करते हुए कहा कि, बदरीनाथ-केदारनाथ-हेमकुंड साहिब और पिरान कलियर की भूमि उत्तराखंड से इस बार बीजेपी का सूपड़ा साफ हो रहा है. कांग्रेस पूर्ण बहुमत के साथ सरकार बनाने जा रही है और इसके लिए वो तन-मन-धन से काम करेंगे.

हरीश रावत आपको लेकर क्या सोच रहे हैं: इस पर हरक सिंह रावत कहते हैं कि यह बात सही है कि राजनीति में दोनों के बीच कई बार बयानबाजी हुई है. उन्होंने हरीश रावत को कई बार बरगद का पेड़ कहा है, लेकिन हरीश रावत ने कभी भी उनके लिए अपशब्द नहीं कहा. हरीश रावत उम्र और अनुभव में उनसे बहुत बड़े हैं.

क्या यमुना कॉलोनी का आवास छोड़ने जा रहे हैं: हरक ने जवाब दिया कि, यमुना कॉलोनी आवास को खाली करने का मन बना लिया है. राज्य बनने के बाद से अब तक वो इसी मकान में थे लेकिन अब इन मकानों की हालत बहुत खस्ता हो गई है. वो यहां 25 साल से रह रहे हैं.

क्या आप को डर है कि आप के ऊपर कोई जांच बैठ सकती है: हरक ने इस बात को माना कि बीजेपी सरकार द्वेष भावना के तहत कार्रवाई करती है और हो सकता है कि भविष्य में उनके ऊपर कोई जांच भी करवा दे, लेकिन वो इन सब की परवाह नहीं करता और न ही डरते हैं, जो होगा देखा जाएगा.

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