देहरादून: उत्तराखंड के पूर्व मंत्री और कांग्रेस के दिग्गज नेता हरक सिंह रावत ने उत्तराखंड विधानसभा बैक डोर भर्ती मामले में बड़ा बयान दिया है. हरक सिंह रावत के इस बयान को सीधे पर हमले के रूप में देखा जा सकता है. हरक सिंह रावत ने विधानसभा से बर्खास्त कर्मियों के मामले में पैसे का लेनदेन होने का आरोप लगाया है.
हरक सिंह रावत ने आरोप है कि जिन कर्मचारियों को बर्खास्त किया गया है, उनकी कोई भी गलती नहीं है. गलती उन लोगों की जिन्होंने गलत तरीके से विधानसभा में नियुक्ति दी. उन पर कोई कार्रवाई नहीं हुई है. हरक सिंह रावत ने कहा कि यदि इस मामले की जांच होती है तो कई लोगों से पैसे लेकर नियुक्ति लेने की बात सामने आएगी.
पढ़ें- Dehradun Lathicharge: बॉबी पंवार की रिहाई के लिए कांग्रेस ने किया सचिवालय कूच, पुलिस ने रोका
हरक सिंह रावत का कहना है कि इस मामले में कर्मचारी दोहरे रूप से पीड़ित हुए हैं. एक तरफ उनका पैसा भी चला गया और दूसरी तरफ उनकी नौकरी भी सरकार ने छीन ली. हरक सिंह रावत के इस बयान को पूर्व विधानसभा अध्यक्ष और सरकार में वित्त मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल पर हमले के रूप में देखा जा रहा है.
हाल ही में कांग्रेस के पूर्व मुख्यमंत्री और वरिष्ठ नेता हरीश रावत समेत कई नेताओं ने बर्खास्त कर्मियों को अपना समर्थन दिया था, जिसके बाद से ही कांग्रेस पर कई तरह के बयान जारी हो रहे थे, लेकिन अब हरक सिंह रावत ने जिस तरह पैसों की लेनदेन के जरिए नियुक्ति दिए जाने की बात कही है, उसने एक बार फिर राजनीति में इस मामले पर हलचल तेज कर दी है. पढ़ें- NSUI Workers Fight: सचिवालय कूच से पहले कांग्रेस में फूट, NSUI के दो गुटों में जमकर मारपीट
बता दें कि पिछले कई दिनों से हरक सिंह रावत बेहद ज्यादा सक्रिय दिखाई दे रहे हैं और वह सरकार के खिलाफ तमाम बयान देते हुए भी दिखाई दिए, ऐसे में माना जा रहा है कि लोकसभा चुनाव से ठीक पहले हरक सिंह अपने चिर-परिचित अंदाज में तमाम आरोपों के जरिए सरकार की घेराबंदी में जुट गए हैं.