देहरादून: कोरोना की वजह से इस साल कई धार्मिक यात्राओं पर रोक लग गई थी, जिसमें से एक हज यात्रा भी थी. हालांकि अगले साल उम्मीद की जा रही है कि हज यात्रा हो पाएगी. इसके लिए हज कमेटी में अपनी तैयारी भी शुरू कर दी है. हज कमेटी ने कोरोना वायरस को ध्यान में रखते अभी से पंजीकरण की प्रक्रिया शुरू कर दी है. कोरोना की वजह से हज यात्रा को लेकर कुछ नियम बनाए गए है. जिसकी वजह से हज यात्रा को खर्चा तकरीबन दोगुना हो चला है.
कोविड-19 को ध्यान में रखते हुए इस बार हज यात्रा के मानकों में कुछ बदलाव किए गए हैं. इन बदलाव के चलते हज यात्रा मंहगी हो सकती है. हालांकि इसको लेकर अभी पूरी जानकारी आना बाकी है. केंद्रीय हज कमेटी ने सभी राज्यों को हज यात्रा की गाइडलाइन भेज दी है. उत्तराखंड हज कमेटी के अध्यक्ष शमीम आलम के मुताबिक इस बार कोविड-19 के चलते हज यात्रा के नियमों में कई बदलाव किए गए हैं. हज का खर्च भी इस बार तकरीबन दोगुना होने जा रहा है.
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उत्तराखंड हज कमेटी से मिली जानकारी के अनुसार साल 2019 में जहां एक हाजी को हज यात्रा के लिए 2.36 से 3.22 लाख रुपए खर्च करने पड़े तो वहीं 2020 में ये खर्च बढ़कर 2.50 से 3.50 के लाख रुपए के बीच हो गया था. वहीं अब माना जा रहा है कि अगले यानी 2021 में हज यात्रा पर एक हाजी को करीब 5 लाख तक खर्च करना पड़ेगा.
हज यात्रा के नियमों में बदलाव
- हज यात्रा पर जाने से 72 घंटे पहले कोरोना टेस्ट करना जरुरी होगा.
- गर्भवती, दिल, किडनी और लिवर के मरीजों को हज यात्रा पर जाने की इजाजत नहीं मिलेगी.
- हज यात्रा के लिए आवेदन करने के बाद निरस्त करने पर पैसा भी काटा जा सकता है.
- इस बार हज करने के लिए समान के वजन में कटौती की गई है.