विकासनगर: बैसाखी पर्व पर विवादित गुरुद्वारा ज्ञान गोदड़ी (Gyan Godadi Dispute) हरकी पैड़ी हरिद्वार जाने वाले जत्थों को उत्तराखंड पुलिस ने हिमाचल बॉर्डर पर रोक दिया है. जत्थों में शामिल लोग उत्तराखंड की सीमा में प्रवेश करने की कोशिश करते रहे. लेकिन, पुलिस हिमाचल बॉर्डर के पुल पर जत्थों को रोककर उन्हें वापस जाने को कह रही है.
हरिद्वार में लंबे समय से गुरुद्वारा ज्ञान गोदड़ी विवाद (Gyan Godadi Dispute) चल रहा है. जिसको लेकर हर साल बैसाखी पर्व पर पंजाब, हरियाणा और हिमाचल प्रदेश से कई जत्थे हरिद्वार जाने की कोशिश करते हैं. इन जत्थों को उत्तराखंड बॉर्डर पर ही रोकने के शासन के निर्देश के चलते कुल्हाल चेकपोस्ट पर मंगलवार रात से ही भारी संख्या में पुलिस बल तैनात रहा.
बुधवार सुबह पुलिस को जानकारी मिली की पांवटा साहिब से कुछ जत्थे उत्तराखंड में प्रवेश करेंगे. जिसके बाद पुलिस हरकत में आई और चेकपोस्ट से उत्तराखंड में प्रवेश करने वाले हर वाहन की सघन चेकिंग शुरू कर दी. हिमाचल से उत्तराखंड आने वाले हर वाहन को चेक करने के दौरान जत्थे वाहनों से आते दिखाई दिए, जिन्हें हिमाचल बॉर्डर पर रोक दिया गया है.
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सालों से चला आ रहा है विवाद: वर्ष 2009 से हरिद्वार हरकी पैड़ी पर ज्ञान गोदड़ी गुरुद्वारा बनाने की मांग चल रही है. सिख समाज की मांग है कि हरकी पैड़ी पर गुरुद्वारा बनाने के लिए जगह दी जाए. इस मुद्दे को लेकर वर्ष 2017 में मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने शहरी विकास मंत्री मदन कौशिक की अध्यक्षता में 14 सदस्यीय कमेटी का गठन भी किया था लेकिन आज तक मामले का निपटारा नहीं हो सका है, जिससे सिख समाज में रोष है.
क्या है विवाद: सिख समाज की मांग है कि हरकी पैड़ी पर गुरुद्वारा स्मृति स्थल बनाया जाए और शहर के एक स्थान पर भव्य गुरुद्वारा बनाया जाएगा. सिख समुदाय का दावा है कि हरकी पैड़ी पर श्री गुरु नानक देव महाराज का साढ़े चार सौ साल पुराना प्राचीन गुरुद्वारा ज्ञान गोदड़ी है. उनका आरोप है कि 1978 में घाटों के सौंदर्यीकरण के नाम पर गुरुद्वारा हटाने की साजिश रची गई और 1984 में गुरुद्वारा तोड़ वहां बाजार व दुकान बना दी गई. 2009 के बाद इस मामले ने तूल पकड़ा. हालांकि, स्थानीय लोग इस बात का विरोध करते हैं.