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आज से शुरू हुआ कुंभ वर्ष, फरवरी में सरकार जारी करेगी SOP

नए साल के आगाज के साथ हरिद्वार महाकुंभ की तैयारियों अंतिम रूप में हैं. उत्तराखंड सरकार ने साफ किया है कि 15 फरवरी को कुंभ मेले से संबंधित नोटिफिकेशन जारी किया जाएगा. जिसके बाद से ही कुंभ मेले की शुरुआत हो जाएगी. आखिर क्या है कुंभ मेले की व्यवस्थाओं को लेकर वास्तविक तस्वीर. कुंभ मेले की व्यवस्थाओं का कितना काम हो चुका है पूरा. कितना काम होना है बाकी? देखिए ईटीवी भारत की स्पेशल रिपोर्ट.

Haridwar Mahakumbh
हरिद्वार महाकुंभ की वास्तविक तस्वीर
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Published : Dec 17, 2020, 1:27 PM IST

Updated : Jan 1, 2021, 1:40 PM IST

देहरादून: आशाओं-निराशाओं और कोरोना संकट के बीच इस बार नए साल का जश्न मनाया जा रहा है. इसी के साथ श्रद्धा और विश्वास से भरा महाकुंभ के आयोजन का समय भी नजदीक आ रहा है. देश-विदेश से आस्था की डुबकी लगाने के लिए बड़ी संख्या में श्रद्धालु धर्मनगरी हरिद्वार आएंगे.

सामने आई हरिद्वार महाकुंभ की वास्तविक तस्वीर.

हरिद्वार में होने वाले महाकुंभ मेले की तैयारियां जोर-शोर से चल रही हैं. अब जब महाकुंभ मेले के लिए बेहद कम समय बचा है तो वहीं राज्य सरकार हरिद्वार में चल रहे स्थायी और अस्थायी कार्यों को जल्द पूरा करने की बात कह रही है. हालांकि, अभी तक की स्थिति की बात करें तो तमाम कार्य ऐसे हैं जो लगभग पूरे हो चुके हैं. कुछ बड़े निर्माण कार्य अभी भी जारी हैं जिन्हें 31 जनवरी से पहले पहले पूरा करने का निर्णय लिया गया है.

Haridwar Mahakumbh
कुंभ का दिव्य रूप.

हरकी पैड़ी समेत शहर भर में लगेंगी एलईडी

उत्तराखंड सरकार कुंभ मेला और हरकी पैड़ी पर होने वाली गंगा आरती को प्रसारित करने के लिए शहर भर में एलईडी लगा रही है. इसके माध्यम से हरकी पैड़ी तक न पहुंच पाने वाले श्रद्धालु अपने आसपास में लगे एलईडी के माध्यम से आरती देख पाएंगे. इसके साथ ही इस एलईडी पर कुंभ मेला क्षेत्र की गतिविधियों को भी प्रसारित किया जाएगा.

इससे अलग मेला क्षेत्र में जो भी प्रतियोगिताएं आयोजित की जाएंगी उन सभी को भी इस एलईडी के माध्यम से प्रसारित किया जाएगा. यानी कुल मिलाकर देखें तो जो व्यक्ति कुंभ मेला क्षेत्र या फिर हरकी पैड़ी तक नहीं पहुंच सकता, वह अपने आसपास लगे एलईडी के माध्यम से कुंभ मेला क्षेत्र और हरकी पैड़ी और वहां की गतिविधियों को आसानी से देख पाएगा.

Haridwar Mahakumbh
कुंभ में साधु-संतों का अनोखा रूप.

इस बार 2 महीने का होगा महाकुंभ

आमतौर पर हर 12 साल में हरिद्वार में आयोजित होने वाला महाकुंभ इस बार मात्र 11 साल बाद ही आयोजित हो रहा है. हालांकि, हर 12 साल में हरिद्वार में आयोजित होने वाला महाकुंभ मेला देश के अन्य क्षेत्रों में आयोजित होने वाले सभी महाकुंभ से अधिक समय के लिए आयोजित किया जाता रहा है. क्योंकि हरिद्वार में आयोजित होने वाला महाकुंभ मेला करीब 4 महीने का होता है. लेकिन इस बार वैश्विक महामारी कोरोना वायरस के चलते यह मात्र 2 महीने में ही सिमट गया है.

इसकी मुख्य वजह यह है कि अब उत्तराखंड सरकार ने यह निर्णय लिया है कि कोरोना की स्थिति को देखते हुए 15 फरवरी को महाकुंभ मेले संबंधित नोटिफिकेशन जारी किया जाएगा. नोटिफिकेशन जारी होने के बाद से ही महाकुंभ मेला की शुरुआत होगी. ऐसे में अप्रैल के अंत तक चलने वाला महाकुंभ मेला मात्र 2 महीने में ही सिमट जाएगा.

Haridwar Mahakumbh
हरकी पैड़ी पर आस्था की डुबकी.

ये भी पढ़ें: कोरोना: हरिद्वार महाकुंभ के स्वरूप पर संशय, अंतिम चरण में तैयारियां

केसरिया रंग में नजर आएगा हरिद्वार

महाकुंभ को दिव्य और भव्य रूप में बनाने को लेकर उत्तराखंड राज्य सरकार कोई कोर कसर नहीं छोड़ना चाहती है. यही वजह है कि राज्य सरकार हरिद्वार को पूरी तरह से चमकाने पर जुटी हुई है. जहां एक ओर स्वच्छता पर मेन फोकस किया जा रहा है तो वहीं दूसरी ओर हरिद्वार क्षेत्र के तमाम बड़ी बिल्डिंग्स को एक ही रंग में रंगा जा रहा है.

यहां तक कि घाटों से लेकर मेला क्षेत्र के चारों तरफ आपको केसरिया रंग ही नजर आएगा. कुल मिलाकर देखें तो राज्य सरकार का फोकस इस तरह है कि महाकुंभ मेले में आने वाले श्रद्धालुओं को एक बेहतर अनुभूति हो और एक अच्छा एक्सपीरियंस लेकर वो यहां से जाएं.

Haridwar Mahakumbh
साधुओं की पेशवाई.

500 बसें रखी जाएंगी रिजर्व

साल 2021 में होने वाले महाकुंभ की तैयारियों और व्यवस्थाओं को मुकम्मल करने के लिए तमाम विभाग अपने अपने स्तर से कवायद में जुटे हुए हैं. वहीं, उत्तराखंड परिवहन निगम ने भी प्रस्ताव तैयार कर शासन को भेज दिया है. भेजे गए प्रस्ताव के तहत महाकुंभ में होने वाले मुख्य स्नान से एक दिन पहले से ही 500 बसें रिजर्व रखी जाएंगी. मुख्य स्नान के दिन इन बसों को छोड़ दिया जाएगा, ताकि अपने गंतव्य को वापस जाने वाले श्रद्धालुओं को किसी भी प्रकार की कोई दिक्कत ना हो और उन्हें समय पर बस उपलब्ध हो सके. हालांकि इस महाकुंभ में छह मुख्य स्नान होने हैं. ऐसे में इन छह मुख्य स्नान से एक-एक दिन पहले करीब 500 बसों को रिजर्व रखा जाएगा.

4000 करोड़ का महाकुंभ 800 करोड़ में सिमटा

साल 2021 में होने वाले महाकुंभ की व्यवस्थाओं के कार्य विस्तारपूर्वक करने पर वैश्विक महामारी कोरोना वायरस ने ब्रेक लगाया. क्योंकि वैश्विक महामारी कोरोनावायरस की दस्तक से पहले महाकुंभ की तैयारियों के लिए करीब 4,000 करोड़ रुपए खर्च करने का रोड मैप तैयार किया गया था. जिसके तहत मेला क्षेत्र का विस्तार करने की कार्य योजना थी. लेकिन वैश्विक महामारी कोरोना वायरस के दस्तक के बाद स्थितियां स्पष्ट ना होने के चलते मेला क्षेत्र में व्यवस्थाओं में आने वाला खर्च 800 करोड़ रुपए तक सिमट गया है. क्योंकि परंपरागत मेला स्थान को ही आधार मेला क्षेत्र बनाया गया है.

31 जनवरी तक पूर्ण होंगे सभी कार्य

उत्तराखंड सरकार ने महाकुम्भ के लिए किये जा रहे स्थाई प्रकृति के सभी कार्यो को 31 दिसम्बर 2020 तक और इसके साथ महाकुंभ से जुड़े सभी निर्माण कार्यों को 31 जनवरी, 2021 तक पूर्ण करने का लक्ष्य रखा है. इसके लिए मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि कार्यों को पूर्ण करने में कोई कठिनाई न हो इसका ध्यान रखा जाये. इसके साथ ही उन्होंने इसके लिए विभागीय सचिवों को भी कार्यों की निरंतरता के साथ जानकारी लेने के निर्देश दिए हैं. महाकुंभ मेले के तहत विभिन्न विभागों के स्तर पर 473 करोड़ की लागत के 124 निर्माण कार्य कराए जा रहे हैं. इन्हें 31 जनवरी तक पूरा कर लिया जायेगा.

कुंभ मेला क्षेत्र की व्यवस्था

वैश्विक महामारी कोरोना वायरस के चलते इस बार परंपरागत मेला स्थान को ही आधार मेला क्षेत्र बनाया गया है. कुम्भ मेला क्षेत्र की ड्रेसिंग व लेबिलिंग कार्य, अस्थायी निर्माण कार्यों, टिन टेंजेज, अस्थायी पुलों के निर्माण के साथ ही साफ-सफाई जैसे कार्यों के लिए जरूरी उपकरण लगभग खरीदे जा चुके हैं जिनके माध्यम से मेला क्षेत्र में कार्य किया जा रहा है. इसके साथ ही हर की पैड़ी के सौन्दर्यीकरण, घाटों की सफाई, अतिक्रमण हटाने, स्वच्छता आदि के कार्य लगातार किये जा रहे हैं. इससे अलग महाकुंभ मेला में जनसुविधाओं के लिए सूखी नदी पर 44 मीटर लंबा पुल 258 करोड़ की लागत से बनाया जा रहा है. यह पुल मेला भीड़ को नियंत्रण में रखने हेतु भी कारगर होगा. इस पुल का निर्माण कार्य 20 दिसम्बर 2020 तक पूर्ण हो जाएगा.

Haridwar Mahakumbh
हरिद्वार का श्रद्धालुओं का सैलाब.

कुंभ के लिए बनाए गए 9 नए घाट और 8 पुल

आगामी महाकुंभ की व्यवस्था को देखते हुए सरकार हरिद्वार क्षेत्र में 9 नए घाटों और 8 पुलों व सड़कों का निर्माण कर रही है. इनमें से हर की पैड़ी में तीन अस्थाई घाट बन रहे हैं, जो लगभग बनकर तैयार हो गये हैं. इसके अतिरिक्त छह अन्य घाटों का निर्माण कार्य जारी है जो इस महीने के अंत तक पूरे कर लिये जाएंगे. इसके साथ ही हरिद्वार क्षेत्र में बनाए जा रहे हैं 8 पुलों में से 3 पुल पूरी तरह से कंप्लीट हो गए हैं जिस पर आवाजाही भी शुरू हो गई है. बाकी बचे 5 पुलों का निर्माण कार्य तेजी से किया जा रहा है. 31 जनवरी से पहले पहले इनका काम पूरा कर आवाजाही शुरू हो जाएगी. इसके साथ ही मेला क्षेत्र में पेयजल, पार्किंग की व्यवस्था, अतिक्रमण हटाने का कार्य लगातार किया जा रहा है.

ये भी पढ़ें: कोरोना तय करेगा महाकुंभ-2021 का स्वरूप, जानिए क्यों?

6 जोन में बांटा गया हरिद्वार शहर

महाकुंभ मेला की सुरक्षा व्यवस्था को देखते हुए उत्तराखंड पुलिस प्रशासन ने अपनी रणनीतियां तैयार कर ली हैं. इसके तहत कुंभ मेला क्षेत्र को सुरक्षा के दृष्टिगत 6 जोन, 24 सेक्टर, 21 थानों, 9 पुलिस लाइन, 23 पुलिस चौकी, 25 चेक पोस्ट के साथ ही आवश्यकतानुसार राज्य व केन्द्रीय पुलिस बलों की तैनाती की व्यवस्था की जा रही है. पूरा मेला क्षेत्र सीसीटीवी कैमरों से लैस होगा. इससे अलावा आधुनिक तकनीकी का भी इस्तेमाल किया जाएगा कि अगर कहीं कोई घटना घटित होती है तो उस घटना स्थल पर तत्काल प्रभाव से पहुंचने के साथ ही सुरक्षा व्यवस्था को बेहतर ढंग से संचालित किया जा सके इस पर जोर दिया जा रहा है.

गंगा मिशन के तहत स्वच्छता पर जोर

महाकुंभ मेले के दृष्टिगत केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन के तहत 84.59 करोड़ रुपये की स्वीकृति दी है. इसके तहत हरिद्वार महाकुंभ मेले में स्वच्छता, ठोस अपशिष्ट प्रबंधन एवं अन्य गतिविधियों के लिए 79.12 करोड़ रुपये, पेयजल निगम को 2.55 करोड़ रुपये और उत्तराखण्ड जल संस्थान को 2.92 करोड़ रुपये की धनराशि दी गई है. स्वच्छ गंगा मिशन के तहत हरिद्वार कुंभ मेले में स्वच्छता के साथ ही ठोस अपशिष्ट प्रबंधन की कार्य योजना को संचालित किए जाने के लिए इस धनराशि से गति मिलेगी. इससे अलग मुख्यमंत्री ने हरिद्वार जलोत्सरण योजना में सीवर लाइनों को बदलने एवं मेन हॉल चेम्बरों के पुनर्निर्माण आदि के लिये भी 4.87 करोड़ की धनराशि स्वीकृत की है. यह धनराशि मेलाधिकारी कुम्भ मेले के माध्यम से उपलब्ध करायी गई है.

एक दशक बाद देहरादून-हरिद्वार हाईवे पर फर्राटा भरेंगे वाहन

हाईवे के फोरलेन चौड़ीकरण, फ्लाईओवर और पुलों का निर्माण कार्य पूरा होने जा रहा है. महाकुंभ के मद्देनजर हाईवे निर्माण कार्य बेहद तेजी के साथ चल रहा है. परियोजना के सबसे बड़े 125 मीटर डैम स्कैप पुल का काम पूरा होने के बाद यातायात के लिए खोल दिया गया है. इसके साथ ही भीमगोड़ा पुल का निर्माण भी गंगा क्लोजर के दौरान पूरा हो गया था. हालांकि, भीमगोड़ा पुल और न्यू सप्लाई पुल, शंकराचार्य पुल से 20 दिसंबर से वाहन आवागमन कर पाएंगे. इसके साथ ही चंडी चौक पर निर्माणधीन पुल और फ्लाईओवर को दिसंबर के अंत तक काम पूरा कर खोला जाएगा. इससे हर की पैड़ी क्षेत्र में जाम से निजात मिलेगी. इसके अतिरिक्त पीडब्ल्यूडी की ओर से बनाए जा रहे 6 पुलों का निर्माण कार्य लगभग पूरा हो गया है. यानी कुल मिलाकर 31 दिसंबर तक सभी निर्माण कार्यों को पूरा कर लिया जाएगा.

ये भी पढ़ें: कुंभ, कोरोना और 'हिफाजत', उत्तराखंड पुलिस के लिए बड़ी चुनौती

महाकुंभ मेले के लिए स्वास्थ्य सुविधाओं का रोड मैप

महाकुंभ मेले में आने वाले श्रद्धालुओं को देखते हुए उत्तराखंड शासन ने स्वास्थ्य व्यवस्था पर बड़ा जोर दिया है. मुख्य रूप से देखें तो उत्तराखंड सरकार हरिद्वार में 1,000 बेड का कोविड केयर सेंटर बना बना रही है. इसमें 493 चिकित्सकों की व्यवस्था की जाएगी. इससे अलग मेला क्षेत्र में एम्बुलेंस की भी आवश्यकतानुसार व्यवस्था की जा रही है. इसके साथ ही बाइक एम्बुलेंस और बोट एम्बुलेंस के लिए भी प्रयास किए जा रहे हैं. ताकि आवश्यकता पड़ने पर तत्काल प्रभाव से मरीजों का रेस्क्यू किया जा सके. महाकुंभ मेला क्षेत्र को 24 सेक्टर में विभाजित किया गया है. किसी भी आकस्मिक स्थिति के लिए अतिरिक्त टीमें रिजर्व में रखी गई हैं.

फ्लाईओवर और पुलों पर भी दिखेगा महाकुंभ का रंग

उत्तराखंड सरकार महाकुंभ मेले को देखते हुए हरिद्वार के हाईवे पर फ्लाईओवर और पुलों पर वॉल पेंटिंग करा रही है. इसमें पेंटिंग के माध्यम से पौराणिक काल की घटनाएं, महाकुंभ के स्वागत और जागरूकता संदेश को दर्शाया जाएगा. हालांकि, पेंटिंग का काम शुरू हो गया है. ऐसे में पुल और फ्लाईओवर हाईवे से गुजरने वाले लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र बना हुआ है. इसके साथ ही फ्लाईओवर और पुल के मुख्य मार्ग पर प्रकाश की बेहतर व्यवस्था की गई है. क्योंकि मुख्य मार्ग पर प्रकाश की व्यवस्था ना होने के चलते दुर्घटना और अपराधिक घटनाओं की संभावनाएं बनी रहती थी.

रेल सेवा महाकुंभ ऐप किया जा रहा है तैयार

महाकुंभ के दौरान गंगा में डुबकी लगाकर पुण्य कमाने कुंभनगरी हरिद्वार पहुंचने वाले देश-विदेश के तीर्थयात्रियों को आने-जाने में किसी प्रकार की दिक्कत न हो इसके लिए रेल प्रशासन रेल सेवा कुंभ एप तैयार करवा रहा है. इस एप के जरिए तीर्थयात्रियों को ट्रेनों के आगमन-प्रस्थान के साथ ही आरक्षण और अनारक्षित सीटों के बारे में भी जानकारी मिल सकेगी. ऐप के जरिए तीर्थयात्रियों को हरिद्वार के आसपास के पर्यटन स्थलों के साथ ही हरिद्वार स्थित तमाम होटलों, धर्मशालाओं और आश्रमों के बारे में भी विस्तार से जानकारी मिलेगी. तीर्थयात्रियों की सुविधाओं के मद्देनजर तैयार किए जा रहे विशेष मोबाइल एप को बनाने में उत्तर मध्य रेलवे के अधिकारियों के साथ ही मोबाइल ऐप तैयार करने वाली निजी कंपनी के विशेषज्ञों की भी मदद ली जा रही है. योजना को धरातल पर उतारा जा सके इसके लिए मुरादाबाद मंडल और उत्तर रेलवे के अधिकारियों ने उत्तर मध्य रेलवे के अधिकारियों से संपर्क साधा है.

शासकीय प्रवक्ता मदन कौशिक ने बताया कि महाकुंभ का नोटिफिकेशन 15 फरवरी के बाद जारी किया जाएगा. तब तक महाकुंभ मेले से जुड़ी सभी व्यवस्थाओं को पूरा कर लिया जाएगा. हालांकि, इसके लिए 31 जनवरी तक का समय दिया गया है. साथ ही बताया कि स्वास्थ्य व्यवस्था को देखते हुए राज्य सरकार ने सभी तैयारियां मुकम्मल कर ली हैं. कोविड केयर सेंटर की अलग व्यवस्था के साथ ही सामान्य स्वास्थ्य शिविर की अलग से व्यवस्था की जाएगी. इसके लिए कितने डॉक्टरों की तैनाती की जाएगी इस पर निर्णय हो चुका है.

वहीं पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने महाकुंभ मेले को लेकर राज्य सरकार पर तंज कसा है. हरीश रावत ने कहा कि राज्य सरकार ने महाकुंभ मेले से जुड़े कार्यों को पूरा करने की तिथि को बढ़ा दिया है. हरीश रावत ने राज्य सरकार पर आरोप लगाया कि सरकार महाकुंभ कराना ही नहीं चाहती क्योंकि अगर यह करना चाहती, तो इससे जुड़े सारे कार्य एक महीना पहले ही पूर्ण हो जाने चाहिए थे. राज्य सरकार ने कोरोना का बहाना और अखाड़ा परिषद के पदाधिकारियों से परामर्श का बहाना लेकर कुंभ के साथ अन्याय किया है.

हरिद्वार कुंभ क्यों है खास

जब मेष राशि में सूर्य तथा कुंभ राशि में बृहस्पति का प्रवेश होता है, तब हरिद्वार में महाकुंभ का आयोजन किया जाता है. यह संयोग 2021 में दिखाई दे रहा है, लेकिन 2022 में ऐसा कोई संयोग नहीं बनता नजर आ रहा है. इसी कारण अखाड़ा परिषद ने हरिद्वार महाकुंभ को 2021 में ही आयोजित किए जाने का फैसला लिया है. इससे पहले साल 2010 के धर्मनगरी में आयोजित कुंभ में लगभग तीन करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं ने गंगा में स्नान किया था. शहर के बीच स्थित हरकी पैड़ी पर जब साधु-संतों की पेशवाई निकलती है तो श्रद्धालु मंत्रमुग्ध होकर पूरी पेशवाई देखते हैं और पुष्प वर्षा कर संतों का आशीर्वाद प्राप्त करते हैं.

हरिद्वार कुंभ में होने हैं 4 शाही स्नान

हरिद्वार में अगले साल 2021 में होने जा रहे कुंभ में चार शाही स्नान होने हैं. पहला शाही स्नान गुरुवार 11 मार्च 2021 को महाशिवरात्रि के दिन होगा. दूसरा शाही स्नान 12 अप्रैल को सोमवती अमावस्या पर आयोजित होगा. वहीं, तीसरा शाही स्नान 13 अप्रैल मेष संक्रांति पर आयोजित होगा और आखिरी शाही स्नान वैशाखी 27 अप्रैल चैत्र माह की पूर्णिमा को होगा.

देहरादून: आशाओं-निराशाओं और कोरोना संकट के बीच इस बार नए साल का जश्न मनाया जा रहा है. इसी के साथ श्रद्धा और विश्वास से भरा महाकुंभ के आयोजन का समय भी नजदीक आ रहा है. देश-विदेश से आस्था की डुबकी लगाने के लिए बड़ी संख्या में श्रद्धालु धर्मनगरी हरिद्वार आएंगे.

सामने आई हरिद्वार महाकुंभ की वास्तविक तस्वीर.

हरिद्वार में होने वाले महाकुंभ मेले की तैयारियां जोर-शोर से चल रही हैं. अब जब महाकुंभ मेले के लिए बेहद कम समय बचा है तो वहीं राज्य सरकार हरिद्वार में चल रहे स्थायी और अस्थायी कार्यों को जल्द पूरा करने की बात कह रही है. हालांकि, अभी तक की स्थिति की बात करें तो तमाम कार्य ऐसे हैं जो लगभग पूरे हो चुके हैं. कुछ बड़े निर्माण कार्य अभी भी जारी हैं जिन्हें 31 जनवरी से पहले पहले पूरा करने का निर्णय लिया गया है.

Haridwar Mahakumbh
कुंभ का दिव्य रूप.

हरकी पैड़ी समेत शहर भर में लगेंगी एलईडी

उत्तराखंड सरकार कुंभ मेला और हरकी पैड़ी पर होने वाली गंगा आरती को प्रसारित करने के लिए शहर भर में एलईडी लगा रही है. इसके माध्यम से हरकी पैड़ी तक न पहुंच पाने वाले श्रद्धालु अपने आसपास में लगे एलईडी के माध्यम से आरती देख पाएंगे. इसके साथ ही इस एलईडी पर कुंभ मेला क्षेत्र की गतिविधियों को भी प्रसारित किया जाएगा.

इससे अलग मेला क्षेत्र में जो भी प्रतियोगिताएं आयोजित की जाएंगी उन सभी को भी इस एलईडी के माध्यम से प्रसारित किया जाएगा. यानी कुल मिलाकर देखें तो जो व्यक्ति कुंभ मेला क्षेत्र या फिर हरकी पैड़ी तक नहीं पहुंच सकता, वह अपने आसपास लगे एलईडी के माध्यम से कुंभ मेला क्षेत्र और हरकी पैड़ी और वहां की गतिविधियों को आसानी से देख पाएगा.

Haridwar Mahakumbh
कुंभ में साधु-संतों का अनोखा रूप.

इस बार 2 महीने का होगा महाकुंभ

आमतौर पर हर 12 साल में हरिद्वार में आयोजित होने वाला महाकुंभ इस बार मात्र 11 साल बाद ही आयोजित हो रहा है. हालांकि, हर 12 साल में हरिद्वार में आयोजित होने वाला महाकुंभ मेला देश के अन्य क्षेत्रों में आयोजित होने वाले सभी महाकुंभ से अधिक समय के लिए आयोजित किया जाता रहा है. क्योंकि हरिद्वार में आयोजित होने वाला महाकुंभ मेला करीब 4 महीने का होता है. लेकिन इस बार वैश्विक महामारी कोरोना वायरस के चलते यह मात्र 2 महीने में ही सिमट गया है.

इसकी मुख्य वजह यह है कि अब उत्तराखंड सरकार ने यह निर्णय लिया है कि कोरोना की स्थिति को देखते हुए 15 फरवरी को महाकुंभ मेले संबंधित नोटिफिकेशन जारी किया जाएगा. नोटिफिकेशन जारी होने के बाद से ही महाकुंभ मेला की शुरुआत होगी. ऐसे में अप्रैल के अंत तक चलने वाला महाकुंभ मेला मात्र 2 महीने में ही सिमट जाएगा.

Haridwar Mahakumbh
हरकी पैड़ी पर आस्था की डुबकी.

ये भी पढ़ें: कोरोना: हरिद्वार महाकुंभ के स्वरूप पर संशय, अंतिम चरण में तैयारियां

केसरिया रंग में नजर आएगा हरिद्वार

महाकुंभ को दिव्य और भव्य रूप में बनाने को लेकर उत्तराखंड राज्य सरकार कोई कोर कसर नहीं छोड़ना चाहती है. यही वजह है कि राज्य सरकार हरिद्वार को पूरी तरह से चमकाने पर जुटी हुई है. जहां एक ओर स्वच्छता पर मेन फोकस किया जा रहा है तो वहीं दूसरी ओर हरिद्वार क्षेत्र के तमाम बड़ी बिल्डिंग्स को एक ही रंग में रंगा जा रहा है.

यहां तक कि घाटों से लेकर मेला क्षेत्र के चारों तरफ आपको केसरिया रंग ही नजर आएगा. कुल मिलाकर देखें तो राज्य सरकार का फोकस इस तरह है कि महाकुंभ मेले में आने वाले श्रद्धालुओं को एक बेहतर अनुभूति हो और एक अच्छा एक्सपीरियंस लेकर वो यहां से जाएं.

Haridwar Mahakumbh
साधुओं की पेशवाई.

500 बसें रखी जाएंगी रिजर्व

साल 2021 में होने वाले महाकुंभ की तैयारियों और व्यवस्थाओं को मुकम्मल करने के लिए तमाम विभाग अपने अपने स्तर से कवायद में जुटे हुए हैं. वहीं, उत्तराखंड परिवहन निगम ने भी प्रस्ताव तैयार कर शासन को भेज दिया है. भेजे गए प्रस्ताव के तहत महाकुंभ में होने वाले मुख्य स्नान से एक दिन पहले से ही 500 बसें रिजर्व रखी जाएंगी. मुख्य स्नान के दिन इन बसों को छोड़ दिया जाएगा, ताकि अपने गंतव्य को वापस जाने वाले श्रद्धालुओं को किसी भी प्रकार की कोई दिक्कत ना हो और उन्हें समय पर बस उपलब्ध हो सके. हालांकि इस महाकुंभ में छह मुख्य स्नान होने हैं. ऐसे में इन छह मुख्य स्नान से एक-एक दिन पहले करीब 500 बसों को रिजर्व रखा जाएगा.

4000 करोड़ का महाकुंभ 800 करोड़ में सिमटा

साल 2021 में होने वाले महाकुंभ की व्यवस्थाओं के कार्य विस्तारपूर्वक करने पर वैश्विक महामारी कोरोना वायरस ने ब्रेक लगाया. क्योंकि वैश्विक महामारी कोरोनावायरस की दस्तक से पहले महाकुंभ की तैयारियों के लिए करीब 4,000 करोड़ रुपए खर्च करने का रोड मैप तैयार किया गया था. जिसके तहत मेला क्षेत्र का विस्तार करने की कार्य योजना थी. लेकिन वैश्विक महामारी कोरोना वायरस के दस्तक के बाद स्थितियां स्पष्ट ना होने के चलते मेला क्षेत्र में व्यवस्थाओं में आने वाला खर्च 800 करोड़ रुपए तक सिमट गया है. क्योंकि परंपरागत मेला स्थान को ही आधार मेला क्षेत्र बनाया गया है.

31 जनवरी तक पूर्ण होंगे सभी कार्य

उत्तराखंड सरकार ने महाकुम्भ के लिए किये जा रहे स्थाई प्रकृति के सभी कार्यो को 31 दिसम्बर 2020 तक और इसके साथ महाकुंभ से जुड़े सभी निर्माण कार्यों को 31 जनवरी, 2021 तक पूर्ण करने का लक्ष्य रखा है. इसके लिए मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि कार्यों को पूर्ण करने में कोई कठिनाई न हो इसका ध्यान रखा जाये. इसके साथ ही उन्होंने इसके लिए विभागीय सचिवों को भी कार्यों की निरंतरता के साथ जानकारी लेने के निर्देश दिए हैं. महाकुंभ मेले के तहत विभिन्न विभागों के स्तर पर 473 करोड़ की लागत के 124 निर्माण कार्य कराए जा रहे हैं. इन्हें 31 जनवरी तक पूरा कर लिया जायेगा.

कुंभ मेला क्षेत्र की व्यवस्था

वैश्विक महामारी कोरोना वायरस के चलते इस बार परंपरागत मेला स्थान को ही आधार मेला क्षेत्र बनाया गया है. कुम्भ मेला क्षेत्र की ड्रेसिंग व लेबिलिंग कार्य, अस्थायी निर्माण कार्यों, टिन टेंजेज, अस्थायी पुलों के निर्माण के साथ ही साफ-सफाई जैसे कार्यों के लिए जरूरी उपकरण लगभग खरीदे जा चुके हैं जिनके माध्यम से मेला क्षेत्र में कार्य किया जा रहा है. इसके साथ ही हर की पैड़ी के सौन्दर्यीकरण, घाटों की सफाई, अतिक्रमण हटाने, स्वच्छता आदि के कार्य लगातार किये जा रहे हैं. इससे अलग महाकुंभ मेला में जनसुविधाओं के लिए सूखी नदी पर 44 मीटर लंबा पुल 258 करोड़ की लागत से बनाया जा रहा है. यह पुल मेला भीड़ को नियंत्रण में रखने हेतु भी कारगर होगा. इस पुल का निर्माण कार्य 20 दिसम्बर 2020 तक पूर्ण हो जाएगा.

Haridwar Mahakumbh
हरिद्वार का श्रद्धालुओं का सैलाब.

कुंभ के लिए बनाए गए 9 नए घाट और 8 पुल

आगामी महाकुंभ की व्यवस्था को देखते हुए सरकार हरिद्वार क्षेत्र में 9 नए घाटों और 8 पुलों व सड़कों का निर्माण कर रही है. इनमें से हर की पैड़ी में तीन अस्थाई घाट बन रहे हैं, जो लगभग बनकर तैयार हो गये हैं. इसके अतिरिक्त छह अन्य घाटों का निर्माण कार्य जारी है जो इस महीने के अंत तक पूरे कर लिये जाएंगे. इसके साथ ही हरिद्वार क्षेत्र में बनाए जा रहे हैं 8 पुलों में से 3 पुल पूरी तरह से कंप्लीट हो गए हैं जिस पर आवाजाही भी शुरू हो गई है. बाकी बचे 5 पुलों का निर्माण कार्य तेजी से किया जा रहा है. 31 जनवरी से पहले पहले इनका काम पूरा कर आवाजाही शुरू हो जाएगी. इसके साथ ही मेला क्षेत्र में पेयजल, पार्किंग की व्यवस्था, अतिक्रमण हटाने का कार्य लगातार किया जा रहा है.

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6 जोन में बांटा गया हरिद्वार शहर

महाकुंभ मेला की सुरक्षा व्यवस्था को देखते हुए उत्तराखंड पुलिस प्रशासन ने अपनी रणनीतियां तैयार कर ली हैं. इसके तहत कुंभ मेला क्षेत्र को सुरक्षा के दृष्टिगत 6 जोन, 24 सेक्टर, 21 थानों, 9 पुलिस लाइन, 23 पुलिस चौकी, 25 चेक पोस्ट के साथ ही आवश्यकतानुसार राज्य व केन्द्रीय पुलिस बलों की तैनाती की व्यवस्था की जा रही है. पूरा मेला क्षेत्र सीसीटीवी कैमरों से लैस होगा. इससे अलावा आधुनिक तकनीकी का भी इस्तेमाल किया जाएगा कि अगर कहीं कोई घटना घटित होती है तो उस घटना स्थल पर तत्काल प्रभाव से पहुंचने के साथ ही सुरक्षा व्यवस्था को बेहतर ढंग से संचालित किया जा सके इस पर जोर दिया जा रहा है.

गंगा मिशन के तहत स्वच्छता पर जोर

महाकुंभ मेले के दृष्टिगत केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन के तहत 84.59 करोड़ रुपये की स्वीकृति दी है. इसके तहत हरिद्वार महाकुंभ मेले में स्वच्छता, ठोस अपशिष्ट प्रबंधन एवं अन्य गतिविधियों के लिए 79.12 करोड़ रुपये, पेयजल निगम को 2.55 करोड़ रुपये और उत्तराखण्ड जल संस्थान को 2.92 करोड़ रुपये की धनराशि दी गई है. स्वच्छ गंगा मिशन के तहत हरिद्वार कुंभ मेले में स्वच्छता के साथ ही ठोस अपशिष्ट प्रबंधन की कार्य योजना को संचालित किए जाने के लिए इस धनराशि से गति मिलेगी. इससे अलग मुख्यमंत्री ने हरिद्वार जलोत्सरण योजना में सीवर लाइनों को बदलने एवं मेन हॉल चेम्बरों के पुनर्निर्माण आदि के लिये भी 4.87 करोड़ की धनराशि स्वीकृत की है. यह धनराशि मेलाधिकारी कुम्भ मेले के माध्यम से उपलब्ध करायी गई है.

एक दशक बाद देहरादून-हरिद्वार हाईवे पर फर्राटा भरेंगे वाहन

हाईवे के फोरलेन चौड़ीकरण, फ्लाईओवर और पुलों का निर्माण कार्य पूरा होने जा रहा है. महाकुंभ के मद्देनजर हाईवे निर्माण कार्य बेहद तेजी के साथ चल रहा है. परियोजना के सबसे बड़े 125 मीटर डैम स्कैप पुल का काम पूरा होने के बाद यातायात के लिए खोल दिया गया है. इसके साथ ही भीमगोड़ा पुल का निर्माण भी गंगा क्लोजर के दौरान पूरा हो गया था. हालांकि, भीमगोड़ा पुल और न्यू सप्लाई पुल, शंकराचार्य पुल से 20 दिसंबर से वाहन आवागमन कर पाएंगे. इसके साथ ही चंडी चौक पर निर्माणधीन पुल और फ्लाईओवर को दिसंबर के अंत तक काम पूरा कर खोला जाएगा. इससे हर की पैड़ी क्षेत्र में जाम से निजात मिलेगी. इसके अतिरिक्त पीडब्ल्यूडी की ओर से बनाए जा रहे 6 पुलों का निर्माण कार्य लगभग पूरा हो गया है. यानी कुल मिलाकर 31 दिसंबर तक सभी निर्माण कार्यों को पूरा कर लिया जाएगा.

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महाकुंभ मेले के लिए स्वास्थ्य सुविधाओं का रोड मैप

महाकुंभ मेले में आने वाले श्रद्धालुओं को देखते हुए उत्तराखंड शासन ने स्वास्थ्य व्यवस्था पर बड़ा जोर दिया है. मुख्य रूप से देखें तो उत्तराखंड सरकार हरिद्वार में 1,000 बेड का कोविड केयर सेंटर बना बना रही है. इसमें 493 चिकित्सकों की व्यवस्था की जाएगी. इससे अलग मेला क्षेत्र में एम्बुलेंस की भी आवश्यकतानुसार व्यवस्था की जा रही है. इसके साथ ही बाइक एम्बुलेंस और बोट एम्बुलेंस के लिए भी प्रयास किए जा रहे हैं. ताकि आवश्यकता पड़ने पर तत्काल प्रभाव से मरीजों का रेस्क्यू किया जा सके. महाकुंभ मेला क्षेत्र को 24 सेक्टर में विभाजित किया गया है. किसी भी आकस्मिक स्थिति के लिए अतिरिक्त टीमें रिजर्व में रखी गई हैं.

फ्लाईओवर और पुलों पर भी दिखेगा महाकुंभ का रंग

उत्तराखंड सरकार महाकुंभ मेले को देखते हुए हरिद्वार के हाईवे पर फ्लाईओवर और पुलों पर वॉल पेंटिंग करा रही है. इसमें पेंटिंग के माध्यम से पौराणिक काल की घटनाएं, महाकुंभ के स्वागत और जागरूकता संदेश को दर्शाया जाएगा. हालांकि, पेंटिंग का काम शुरू हो गया है. ऐसे में पुल और फ्लाईओवर हाईवे से गुजरने वाले लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र बना हुआ है. इसके साथ ही फ्लाईओवर और पुल के मुख्य मार्ग पर प्रकाश की बेहतर व्यवस्था की गई है. क्योंकि मुख्य मार्ग पर प्रकाश की व्यवस्था ना होने के चलते दुर्घटना और अपराधिक घटनाओं की संभावनाएं बनी रहती थी.

रेल सेवा महाकुंभ ऐप किया जा रहा है तैयार

महाकुंभ के दौरान गंगा में डुबकी लगाकर पुण्य कमाने कुंभनगरी हरिद्वार पहुंचने वाले देश-विदेश के तीर्थयात्रियों को आने-जाने में किसी प्रकार की दिक्कत न हो इसके लिए रेल प्रशासन रेल सेवा कुंभ एप तैयार करवा रहा है. इस एप के जरिए तीर्थयात्रियों को ट्रेनों के आगमन-प्रस्थान के साथ ही आरक्षण और अनारक्षित सीटों के बारे में भी जानकारी मिल सकेगी. ऐप के जरिए तीर्थयात्रियों को हरिद्वार के आसपास के पर्यटन स्थलों के साथ ही हरिद्वार स्थित तमाम होटलों, धर्मशालाओं और आश्रमों के बारे में भी विस्तार से जानकारी मिलेगी. तीर्थयात्रियों की सुविधाओं के मद्देनजर तैयार किए जा रहे विशेष मोबाइल एप को बनाने में उत्तर मध्य रेलवे के अधिकारियों के साथ ही मोबाइल ऐप तैयार करने वाली निजी कंपनी के विशेषज्ञों की भी मदद ली जा रही है. योजना को धरातल पर उतारा जा सके इसके लिए मुरादाबाद मंडल और उत्तर रेलवे के अधिकारियों ने उत्तर मध्य रेलवे के अधिकारियों से संपर्क साधा है.

शासकीय प्रवक्ता मदन कौशिक ने बताया कि महाकुंभ का नोटिफिकेशन 15 फरवरी के बाद जारी किया जाएगा. तब तक महाकुंभ मेले से जुड़ी सभी व्यवस्थाओं को पूरा कर लिया जाएगा. हालांकि, इसके लिए 31 जनवरी तक का समय दिया गया है. साथ ही बताया कि स्वास्थ्य व्यवस्था को देखते हुए राज्य सरकार ने सभी तैयारियां मुकम्मल कर ली हैं. कोविड केयर सेंटर की अलग व्यवस्था के साथ ही सामान्य स्वास्थ्य शिविर की अलग से व्यवस्था की जाएगी. इसके लिए कितने डॉक्टरों की तैनाती की जाएगी इस पर निर्णय हो चुका है.

वहीं पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने महाकुंभ मेले को लेकर राज्य सरकार पर तंज कसा है. हरीश रावत ने कहा कि राज्य सरकार ने महाकुंभ मेले से जुड़े कार्यों को पूरा करने की तिथि को बढ़ा दिया है. हरीश रावत ने राज्य सरकार पर आरोप लगाया कि सरकार महाकुंभ कराना ही नहीं चाहती क्योंकि अगर यह करना चाहती, तो इससे जुड़े सारे कार्य एक महीना पहले ही पूर्ण हो जाने चाहिए थे. राज्य सरकार ने कोरोना का बहाना और अखाड़ा परिषद के पदाधिकारियों से परामर्श का बहाना लेकर कुंभ के साथ अन्याय किया है.

हरिद्वार कुंभ क्यों है खास

जब मेष राशि में सूर्य तथा कुंभ राशि में बृहस्पति का प्रवेश होता है, तब हरिद्वार में महाकुंभ का आयोजन किया जाता है. यह संयोग 2021 में दिखाई दे रहा है, लेकिन 2022 में ऐसा कोई संयोग नहीं बनता नजर आ रहा है. इसी कारण अखाड़ा परिषद ने हरिद्वार महाकुंभ को 2021 में ही आयोजित किए जाने का फैसला लिया है. इससे पहले साल 2010 के धर्मनगरी में आयोजित कुंभ में लगभग तीन करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं ने गंगा में स्नान किया था. शहर के बीच स्थित हरकी पैड़ी पर जब साधु-संतों की पेशवाई निकलती है तो श्रद्धालु मंत्रमुग्ध होकर पूरी पेशवाई देखते हैं और पुष्प वर्षा कर संतों का आशीर्वाद प्राप्त करते हैं.

हरिद्वार कुंभ में होने हैं 4 शाही स्नान

हरिद्वार में अगले साल 2021 में होने जा रहे कुंभ में चार शाही स्नान होने हैं. पहला शाही स्नान गुरुवार 11 मार्च 2021 को महाशिवरात्रि के दिन होगा. दूसरा शाही स्नान 12 अप्रैल को सोमवती अमावस्या पर आयोजित होगा. वहीं, तीसरा शाही स्नान 13 अप्रैल मेष संक्रांति पर आयोजित होगा और आखिरी शाही स्नान वैशाखी 27 अप्रैल चैत्र माह की पूर्णिमा को होगा.

Last Updated : Jan 1, 2021, 1:40 PM IST
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