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सरकारी भर्तियों की हकीकत, जानिए प्रदेश में क्या है भर्ती की स्थिति

प्रदेश में जब भी कोई नई भर्तियां निकाली जाती है तो उसका प्रचार- प्रसार राज्य सरकार द्वारा बड़े स्तर पर करवाया जाता है. सार्वजनिक मंचों पर सरकार 7 लाख रोजगार देने की बात कहती है, लेकिन जब यह रोजगार ढूंढने निकलो तो ढूंढने से भी इसकी हकीकत पता चलती है.

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सरकार के दिखावे बड़े और दर्शन छोटे
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Published : Jan 5, 2021, 2:26 PM IST

देहरादून: प्रदेश में जब सरकार द्वारा रोजगार देने की बात कही जाती है तो, ढोल पीटकर बड़े बड़े आंकड़े पेश किए जाते हैं. कभी 50 हजार पदों पर भर्ती की बात होती है तो, कभी प्रदेश में 7 लाख रोजगार दिए जाने के दावे किए जाते हैं. लेकिन असल मे जब अभ्यर्थियों द्वारा आवेदन दिया जाता है तो कैसे पद घटाए जाते हैं, इसकी बानगी देखिए. एक नहीं बल्कि कई भर्तियों में कैसे पद घटाने का खेल होता है जानिए.

7 लाख रोजगार का दावा

प्रदेश में जब भी कोई नई भर्तियां निकाली जाती है तो उसका प्रचार-प्रसार राज्य सरकार द्वारा बड़े स्तर से ढोल पीट-पीटकर करवाया जाता है. सार्वजनिक मंचों पर सरकार 7 लाख रोजगार देने की बात कहती है. लेकिन जब यह रोजगार ढूंढने निकलो तो ढूंढने से भी कोई नहीं मिल पाता है. दरअसल, इसके पीछे की जमीनी हकीकत से हम आपको आज रूबरू कराने जा रहे हैं. सरकार द्वारा आयोगों के जरिए भर्ती तो निकाली जाती है, लेकिन इन भर्तियों में रोजगार मिलते मिलते कैसे पूरी प्रक्रिया सिमट कर रह जाती है. इसकी बानगी पिछले कुछ समय से निकली भर्तियों से देखने को मिली है.

ये भी पढ़ें: फर्जी दस्तावेजों के आधार पर जमानत देने वाले दो आरोपी गिफ्तार, भेजा जेल

वन दारोगा भर्ती

वन दरोगा की भर्ती पिछले लंबे समय से अधर में लटकी हुई है. कभी कोई जांच तो कभी कुछ तकनीकी पेचीदगियां. वन दारोगा भर्ती जब आई थी तो उस समय रिक्त पदों की संख्या 316 विज्ञापन में छापी गई थी. वहीं, इन 316 पदों के लिए प्रदेशभर से तकरीबन 80 हजार वन दारोगा भर्ती के लिए अभियर्थियों ने फॉर्म भरा था. वहीं, लंबे विवाद के बाद सामने आ रहा है कि वन दारोगा भर्ती के लिए केवल 39 ही रिक्त पद है. ऐसे में यह बेरोजगार युवाओं के साथ छलावा नहीं तो क्या है. हालांकि रिक्त पदों में आए इस बड़े अंतर को लेकर उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के सचिव संतोष बडोनी ने रिक्त पदों को लेकर स्थिति स्पष्ट करने के लिए विभाग को पत्र लिखा है.

सहायक कृषि अधिकारी भर्ती

बीते साल 2020 के मध्य में जब लॉकडाउन था तो सहायक कृषि अधिकारी के लिए 280 रिक्त पदों पर भर्ती निकाली गई और उस समय हजारों की संख्या में अभ्यर्थियों ने फॉर्म भरा, लेकिन अब सामने आया है कि सहायक कृषि अधिकारी के लिए केवल 150 पदों पर ही भर्ती की जाएंगी. आयोग से जब इसका कारण पूछा गया तो बताया गया कि कृषि और उद्यान विभाग के एकीकरण की वजह से सहायक कृषि अधिकारी के पदों में कटौती हुई है.

फार्मासिस्ट की सविंदा भर्ती

पिछली कांग्रेस सरकार में 600 फार्मेसिस्ट संविदा पर रखने की भर्ती प्रक्रिया शुरू हुई थी. इसके लिए भी तकरीबन 15 हजार बेरोजगार फार्मासिस्ट युवाओं ने आवेदन किया था, लेकिन सरकार बदली तो सरकार ने प्रमाण भी बदल दिया. मौजूदा बीजेपी सरकार ने 2018 में इन सभी 15 हजार युवाओं के सपनों पर पानी फेर दिया. बाद में मामले में कुछ लोगों द्वारा कोर्ट का रुख भी किया गया, जिसके बाद अब तक यह मामला कोर्ट में विचाराधीन है.

देहरादून: प्रदेश में जब सरकार द्वारा रोजगार देने की बात कही जाती है तो, ढोल पीटकर बड़े बड़े आंकड़े पेश किए जाते हैं. कभी 50 हजार पदों पर भर्ती की बात होती है तो, कभी प्रदेश में 7 लाख रोजगार दिए जाने के दावे किए जाते हैं. लेकिन असल मे जब अभ्यर्थियों द्वारा आवेदन दिया जाता है तो कैसे पद घटाए जाते हैं, इसकी बानगी देखिए. एक नहीं बल्कि कई भर्तियों में कैसे पद घटाने का खेल होता है जानिए.

7 लाख रोजगार का दावा

प्रदेश में जब भी कोई नई भर्तियां निकाली जाती है तो उसका प्रचार-प्रसार राज्य सरकार द्वारा बड़े स्तर से ढोल पीट-पीटकर करवाया जाता है. सार्वजनिक मंचों पर सरकार 7 लाख रोजगार देने की बात कहती है. लेकिन जब यह रोजगार ढूंढने निकलो तो ढूंढने से भी कोई नहीं मिल पाता है. दरअसल, इसके पीछे की जमीनी हकीकत से हम आपको आज रूबरू कराने जा रहे हैं. सरकार द्वारा आयोगों के जरिए भर्ती तो निकाली जाती है, लेकिन इन भर्तियों में रोजगार मिलते मिलते कैसे पूरी प्रक्रिया सिमट कर रह जाती है. इसकी बानगी पिछले कुछ समय से निकली भर्तियों से देखने को मिली है.

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वन दारोगा भर्ती

वन दरोगा की भर्ती पिछले लंबे समय से अधर में लटकी हुई है. कभी कोई जांच तो कभी कुछ तकनीकी पेचीदगियां. वन दारोगा भर्ती जब आई थी तो उस समय रिक्त पदों की संख्या 316 विज्ञापन में छापी गई थी. वहीं, इन 316 पदों के लिए प्रदेशभर से तकरीबन 80 हजार वन दारोगा भर्ती के लिए अभियर्थियों ने फॉर्म भरा था. वहीं, लंबे विवाद के बाद सामने आ रहा है कि वन दारोगा भर्ती के लिए केवल 39 ही रिक्त पद है. ऐसे में यह बेरोजगार युवाओं के साथ छलावा नहीं तो क्या है. हालांकि रिक्त पदों में आए इस बड़े अंतर को लेकर उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के सचिव संतोष बडोनी ने रिक्त पदों को लेकर स्थिति स्पष्ट करने के लिए विभाग को पत्र लिखा है.

सहायक कृषि अधिकारी भर्ती

बीते साल 2020 के मध्य में जब लॉकडाउन था तो सहायक कृषि अधिकारी के लिए 280 रिक्त पदों पर भर्ती निकाली गई और उस समय हजारों की संख्या में अभ्यर्थियों ने फॉर्म भरा, लेकिन अब सामने आया है कि सहायक कृषि अधिकारी के लिए केवल 150 पदों पर ही भर्ती की जाएंगी. आयोग से जब इसका कारण पूछा गया तो बताया गया कि कृषि और उद्यान विभाग के एकीकरण की वजह से सहायक कृषि अधिकारी के पदों में कटौती हुई है.

फार्मासिस्ट की सविंदा भर्ती

पिछली कांग्रेस सरकार में 600 फार्मेसिस्ट संविदा पर रखने की भर्ती प्रक्रिया शुरू हुई थी. इसके लिए भी तकरीबन 15 हजार बेरोजगार फार्मासिस्ट युवाओं ने आवेदन किया था, लेकिन सरकार बदली तो सरकार ने प्रमाण भी बदल दिया. मौजूदा बीजेपी सरकार ने 2018 में इन सभी 15 हजार युवाओं के सपनों पर पानी फेर दिया. बाद में मामले में कुछ लोगों द्वारा कोर्ट का रुख भी किया गया, जिसके बाद अब तक यह मामला कोर्ट में विचाराधीन है.

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