देहरादून: उत्तराखंड में इन दिनों चारधाम की यात्रा जोर- शोर से चल रही है. देश के तमाम हिस्सों से श्रद्धालु धामों के दर्शन करने के लिए पहुंच रहे हैं. अधिकांश श्रद्धालु धामों के दर्शन करने के लिए निजी वाहनों का प्रयोग कर रहे हैं. साथ ही बड़ी बसों और सरकारी बसों का भी भारी मात्रा में प्रयोग किया जा रहा है.
उत्तराखंड में बढ़ा हादसों का ग्राफ: दुखद बात ये है कि यात्रा शुरू होने के बाद से ही धामों के दर्शन करने जा रहे श्रद्धालुओं की गाड़ियों के दुर्घटनाग्रस्त होने और खाई में गिरने की घटनाएं काफी अधिक देखी जा रही हैं. ऐसा नहीं है कि यात्रा मार्ग पर सिर्फ छोटे वाहन ही दुर्घटनाग्रस्त हो रहे हैं, बल्कि बड़े वाहन भी दुर्घटनाग्रस्त हो रहे हैं.
ये हैं पहाड़ में हादसों के कारण: हालांकि, पर्वतीय क्षेत्रों में वाहनों के दुर्घटनाग्रस्त होने के मामले सामने आते रहे हैं. लेकिन चारधाम यात्रा शुरू होने के बाद वाहनों के दुर्घटनाग्रस्त होने की घटनाएं काफी अधिक सामने आ रही हैं. इसकी कई वजह हैं. मुख्य रूप से देखें तो चारधाम की यात्रा पर आने वाले अधिकांश श्रद्धालु देश के तमाम हिस्सों आ रहे हैं. कई तीर्थयात्री अपने निजी वाहनों से आते हैं. उन्हें पर्वतीय क्षेत्रों में गाड़ी चलाने का अनुभव नहीं होता है. इसके चलते वाहनों के दुर्घटनाग्रस्त होने की आशंकाएं बढ़ जाती हैं. इसके अलावा वाहन चलाते समय लापरवाही बरतना भी वाहनों के दुर्घटनाग्रस्त होने का एक मुख्य कारण होता है.
24 घंटे में दो बड़े हादसों में गई 10 लोगों की जान: उत्तराखंड राज्य में पिछले 24 घंटे के भीतर दो बड़ी घटनाएं हुई हैं. जिसके तहत एक घटना खटीमा और दूसरी घटना टिहरी जिले में हुई है. पहली घटना की बात करें तो उधमसिंह नगर जिले के खटीमा क्षेत्र में शारदा नहर में एक इनोवा कार गिर गई. इस इनोवा कार में 5 लोग सवार थे. पांचों लोगों की मौत हो गई. दूसरी घटना की बात करें तो यह घटना शुक्रवार को दोपहर 3:40 बजे घनसाली क्षेत्र में हुई है. इस घटना में एक अल्टो गाड़ी खाई में गिर गई. कार में सवार पांचों लोगों की मौके पर ही मौत हो गई.
आईजी SDRF क्या कहती हैं: ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए आईजी एसडीआरएफ रिद्धिम अग्रवाल ने बताया कि पर्वतीय क्षेत्रों में वाहनों का दुर्घटनाग्रस्त होना बेहद दुखद है. लेकिन किसी भी दुर्घटना के बाद तत्काल प्रभाव से एसडीआरएफ को राहत बचाव के लिए मौके पर भेजा जाता है. साथ ही कहा कि वाहनों के दुर्घटनाग्रस्त होने के कई कारण हैं. जिसमें वाहनों की गति, वाहन चलाते हुए लापरवाही बरतना, चालकों से लंबे समय तक वाहन चलाना मुख्य वजह हैं. इसके साथ ही चालक का पर्वतीय मार्गों पर वाहन चलाने का एक्सपीरियंस भी निर्भर करता है. ऐसे में पर्वतीय क्षेत्रों में यात्रा के दौरान सावधानियां बरतने की जरूरत होती है.
मई महीने में हुए सड़क हादसे: इस महीने कई बड़ी दुर्घटनाएं हुई हैं. 26 मई को टिहरी जिले के घनसाली क्षेत्र में कार खाई में जा गिरी. कार में सवार चार महिलाओं समेत पांच लोगों की मौके पर मौत हो गई. 25 मई को उधमसिंह नगर जिले के खटीमा क्षेत्र में एक कार शारदा नहर में जा गिरी. जिसके चलते कार में सवार पांच लोगों की मौत हो गई. 25 मई को उत्तरकाशी जिले के भटवाड़ी क्षेत्र के समीप एक मैक्स वाहन अनियंत्रित होकर खाई में गिरा. वाहन में सवार चार यात्री घायल हुए थे. 25 मई को कीर्तिनगर में यात्रियों से भरी बस पलटी थी. इस दुर्घटना में 11 यात्री घायल हुए थे.
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25 मई को टिहरी जिले के नरेंद्रनगर के समीप डीजल टैंकर खाई में जा गिरा था. उस हादसे में एक व्यक्ति की मौत हो गई थी और एक व्यक्ति घायल हो गया था. 13 मई को टिहरी जिले के कोडियाला मार्ग पर यात्रियों से भरी बस पलट गई थी. इस हादसे में बस में सवार 27 यात्री घायल हो गए थे. 1 मई को नैनीताल जिले के गरमपानी क्षेत्र में एक कार अनियंत्रित होकर खाई में गिरी थी. कार में सवार व्यक्ति की मौके पर मौत हो गई थी.