देहरादून: केंद्र सरकार के राहत पैकेज से उत्तराखंड में खेती और स्वरोजगार को बल मिल सकता है. केंद्रीय वित्त मंत्री ने श्रमिकों और किसानों के लिहाज से कुछ छूट और अवसर देने के लिए फंड रिलीज करने की बात कही है. हालांकि जानकार इसे नाकाफी मान रहे हैं. यह राहत पैकेज उत्तराखंड के लिए कितना मददगार होगा इस पर स्तंभकार सुशील कुमार ने अपने विचार व्यक्त किए.
प्रदेश के करीब नौ लाख किसानों को केंद्र के राहत पैकेज का क्या फायदा मिलेगा इस पर फिलहाल मंथन जारी है. उधर संगठित और असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों को केंद्र राहत देने की बात कर रहा है लेकिन उत्तराखंड में बड़ी संख्या में मौजूद श्रमिकों के लिए यह राहत पैकेज कितना असरदार है इस पर भी जानकारों की अपनी ही राय है.
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स्तंभकार सुशील कुमार के मुताबिक केंद्र का राहत पैकेज स्वागत योग्य है, लेकिन कुछ खास व्यवहारिक चीजों को भी ध्यान में रखने की जरूरत है. सुशील कुमार बताते हैं कि मनरेगा के तहत निश्चित रूप से काम दिए जाने की रणनीति बनानी चाहिए. इसके अलावा लोन देने के सरलीकरण के साथ सब्सिडी युक्त लोन और पुराने ऋणों पर राहत को लेकर सरकार को विचार करना चाहिए. खास बात यह है कि श्रमिकों के लिए सरकार को नए अवसर तैयार करने होंगे ताकि निश्चित रोजगार या स्वरोजगार के जरिए लोगों को काम मिलता रहे.