देहरादूनः उत्तराखंड में लंबे समय के बाद शिक्षकों के लिए सरकारी स्कूल खोल दिए गए हैं, लेकिन छात्रों की चहलकदमी के बिना स्कूलों में सन्नाटा पसरा हुआ है. फिलहाल, शिक्षक स्कूलों से ही छात्रों को ऑनलाइन पढ़ाएंगे. वहीं, शिक्षक कक्षा 10वीं और 12वीं के बोर्ड परिणाम की तैयारियों में भी जुटे हुए हैं.
बता दें कि राज्य सरकार की ओर से कोरोना वायरस की तीसरी लहर की आंशका के मद्देनजर छात्रों के लिए स्कूल नहीं खोले गए हैं. फिलहाल, स्कूलों को शिक्षकों के लिए ही खोला गया है. इस दौरान शिक्षक स्कूलों से ही छात्रों को ऑनलाइन माध्यम से पढ़ाते नजर आएंगे. शासन-प्रशासन की ओर से सभी सरकारी स्कूलों को आगामी 17 जुलाई तक कक्षा 10वीं और 12वीं के बोर्ड परिणाम तैयार कर भेजने को कहा गया है. ऐसे में स्कूलों में शिक्षक परीक्षा परिणाम की तैयारियों में जुटे हैं.
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देहरादून के नेहरू ग्राम स्थित श्री गुरु राम राय इंटर कॉलेज की प्रधानाचार्य प्रतिभा पाठक ने बताया कि सरकार के आदेशों का पालन करते हुए सभी शिक्षकों को स्कूल बुला लिया गया है. कोरोना संक्रमण के खतरे को देखते हुए स्कूल में थर्मल स्क्रीनिंग और हैंड सैनिटाइजर की व्यवस्था की गई है. फिलहाल, स्कूल आ रहे शिक्षक कक्षा 10वीं और 12वीं के बोर्ड परिणामों के आकलन में जुटे हुए हैं.
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उधर, दीपनगर स्थित राजकीय बालिका इंटर कॉलेज में शिक्षक स्कूल में कामकाज निपटाते नजर आए. इस दौरान शिक्षकों के स्टाफ रूम में तो रौनक देखने को मिल रही थी. लेकिन पूरे स्कूल परिसर में सन्नाटा पसरा हुआ था. स्कूल की प्रधानाचार्य नर्वदा राणा ने कहा कि राज्य सरकार ने शिक्षकों के लिए स्कूल खोल दिए हैं, यह एक सराहनीय पहल है.
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उन्होंने बताया कि ऑनलाइन क्लासेस के माध्यम से बच्चों को पढ़ाना आज भी शिक्षकों के लिए एक बड़ी चुनौती है. कई बच्चे ऐसे हैं, जिनके घरों में स्मार्टफोन नहीं हैं. जिनके पास है तो घर पर सिर्फ एक स्मार्टफोन है. इस स्थिति में बच्चों को ऑनलाइन माध्यम से पढ़ाना काफी बड़ी चुनौती साबित हो रहा है.