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छात्रवृत्ति घोटाला: 500 करोड़ के स्कैम में पेश होगी नजीर, जल्द कई होंगे सलाखों के पीछे

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Published : Nov 6, 2020, 2:08 PM IST

Updated : Nov 6, 2020, 3:01 PM IST

500 करोड़ से अधिक के छात्रवृत्ति घोटाले के मामले में आरोपी अधिकारी व कर्मचारियों पर जल्द बड़ी कार्रवाई हो सकती है. देहरादून और हरिद्वार की जांच 30 फीसदी बाकी है.

scholarship scam uttarakhand
छात्रवृत्ति घोटाला की जांच.

देहरादून: उत्तराखंड के चर्चित 500 करोड़ से अधिक के छात्रवृत्ति घोटाले में एसआईटी की जांच से सरकार अभी तक संतुष्ट नजर आ रही है. ऐसे में उम्मीद जताई जा रही है कि आने वाले दिनों में इस घोटाले में प्रमुख भूमिका निभाने वाले आरोपित समाज कल्याण अधिकारी व कर्मचारियों पर शासन विभागीय स्तर पर बड़ी कार्रवाई कर सकता है.

उधर, इस घोटाले में फर्जी एडमिशन दिखाकर सरकार का करोड़ों रुपए गबन करने वाले निजी शिक्षण संस्थानों पर कानूनी शिकंजा कसने से उनकी नींद उड़ी हुई है. जानकारी के मुताबिक, SIT की सख्त कार्रवाई के बाद मुकदमेबाजी में फंसने वाले काफी आरोपित प्राइवेट शिक्षण संस्थान सरकार से मुकदमा वापस लेने के लिए लगातार हाथ-पांव मार रहे हैं. हालांकि, हाईकोर्ट की सख्ती के मद्देनजर सरकार किसी भी सूरत में आरोपितों के खिलाफ मुकदमा वापस लेने को राजी नहीं है. ऐसे में एसआईटी की जांच से संतुष्ट सरकार अपना सख्त रुख अख्तियार कर आगामी दिनों में आरोपित लोगों पर कानूनी शिकंजा और तेज कर सकती है.

यह भी पढे़ं-इंदिरा हृदयेश ने सीएम की दी नसीहत, कहा- स्थापना दिवस मनाने से ज्यादा विकास पर दें ध्यान

घोटाले में कई जा चुके हैं जेल

बता दें कि हाईकोर्ट के निर्देश अनुसार, देहरादून और हरिद्वार में छात्रवृत्ति घोटाला मामले में आईपीएस मंजूनाथ टीसी के नेतृत्व में SIT टीम अब दर्जनों निजी शिक्षण संस्थानों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर कॉलेजों के संचालकों को जेल भेज चुकी है. इतना ही नहीं, इस घोटाले में मिलीभगत कर मुख्य भूमिका निभाने वाले समाज कल्याण अधिकारियों को भी एसआईटी जेल की हवा खिला चुकी है.

वहीं, दूसरी तरफ राज्य के अन्य 11 जिलों में इसी छात्रवृत्ति घोटाले की जांच आईजी संजय गुंज्याल के नेतृत्व में दूसरी एसआईटी टीम द्वारा जारी है.

देहरादून-हरिद्वार की जांच 30 फीसदी बाकी

जानकारी के मुताबिक, देहरादून और हरिद्वार स्थित निजी शिक्षण संस्थानों में हुए छात्रवृत्ति घोटाले की जांच SIT टीम अपने स्तर पर 70 फीसदी तक कर चुकी हैं, जबकि 30 प्रतिशत की जांच जारी है. जिसके लिए सरकार ने हाईकोर्ट से 6 माह का समय और मांगा है. हालांकि, ताजा अपडेट के अनुसार हरिद्वार और देहरादून में लगभग सभी आरोपित निजी शिक्षण संस्थानों के खिलाफ मुकदमे की कार्रवाई पूरी हो चुकी है.

दूसरी तरफ राज्य के अन्य 11 जिलों के लिए बनाई गई दूसरी एसआईटी टीम की जांच-विवेचना भी काफी हद तक हो चुकी है. हालांकि, इन 11 जिलों में छात्रवृत्ति घोटाले के आरोपित कुछ एक निजी शिक्षण संस्थानों के खिलाफ मुकदमे दर्ज होने की कार्रवाई और बढ़ाई जा सकती है.

देहरादून: उत्तराखंड के चर्चित 500 करोड़ से अधिक के छात्रवृत्ति घोटाले में एसआईटी की जांच से सरकार अभी तक संतुष्ट नजर आ रही है. ऐसे में उम्मीद जताई जा रही है कि आने वाले दिनों में इस घोटाले में प्रमुख भूमिका निभाने वाले आरोपित समाज कल्याण अधिकारी व कर्मचारियों पर शासन विभागीय स्तर पर बड़ी कार्रवाई कर सकता है.

उधर, इस घोटाले में फर्जी एडमिशन दिखाकर सरकार का करोड़ों रुपए गबन करने वाले निजी शिक्षण संस्थानों पर कानूनी शिकंजा कसने से उनकी नींद उड़ी हुई है. जानकारी के मुताबिक, SIT की सख्त कार्रवाई के बाद मुकदमेबाजी में फंसने वाले काफी आरोपित प्राइवेट शिक्षण संस्थान सरकार से मुकदमा वापस लेने के लिए लगातार हाथ-पांव मार रहे हैं. हालांकि, हाईकोर्ट की सख्ती के मद्देनजर सरकार किसी भी सूरत में आरोपितों के खिलाफ मुकदमा वापस लेने को राजी नहीं है. ऐसे में एसआईटी की जांच से संतुष्ट सरकार अपना सख्त रुख अख्तियार कर आगामी दिनों में आरोपित लोगों पर कानूनी शिकंजा और तेज कर सकती है.

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घोटाले में कई जा चुके हैं जेल

बता दें कि हाईकोर्ट के निर्देश अनुसार, देहरादून और हरिद्वार में छात्रवृत्ति घोटाला मामले में आईपीएस मंजूनाथ टीसी के नेतृत्व में SIT टीम अब दर्जनों निजी शिक्षण संस्थानों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर कॉलेजों के संचालकों को जेल भेज चुकी है. इतना ही नहीं, इस घोटाले में मिलीभगत कर मुख्य भूमिका निभाने वाले समाज कल्याण अधिकारियों को भी एसआईटी जेल की हवा खिला चुकी है.

वहीं, दूसरी तरफ राज्य के अन्य 11 जिलों में इसी छात्रवृत्ति घोटाले की जांच आईजी संजय गुंज्याल के नेतृत्व में दूसरी एसआईटी टीम द्वारा जारी है.

देहरादून-हरिद्वार की जांच 30 फीसदी बाकी

जानकारी के मुताबिक, देहरादून और हरिद्वार स्थित निजी शिक्षण संस्थानों में हुए छात्रवृत्ति घोटाले की जांच SIT टीम अपने स्तर पर 70 फीसदी तक कर चुकी हैं, जबकि 30 प्रतिशत की जांच जारी है. जिसके लिए सरकार ने हाईकोर्ट से 6 माह का समय और मांगा है. हालांकि, ताजा अपडेट के अनुसार हरिद्वार और देहरादून में लगभग सभी आरोपित निजी शिक्षण संस्थानों के खिलाफ मुकदमे की कार्रवाई पूरी हो चुकी है.

दूसरी तरफ राज्य के अन्य 11 जिलों के लिए बनाई गई दूसरी एसआईटी टीम की जांच-विवेचना भी काफी हद तक हो चुकी है. हालांकि, इन 11 जिलों में छात्रवृत्ति घोटाले के आरोपित कुछ एक निजी शिक्षण संस्थानों के खिलाफ मुकदमे दर्ज होने की कार्रवाई और बढ़ाई जा सकती है.

Last Updated : Nov 6, 2020, 3:01 PM IST
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