देहरादून: देशभर में किसान सम्मान निधि के जरिए किसानों को सालाना ₹6000 दिए जा रहे हैं. इसमें केंद्र सरकार एक बड़ा बजट खर्च कर रही है.हालांकि अपात्र लोगों द्वारा भी इस निधि को लेने की खबरें आने के बाद महकमा चौंकन्ना हो गया है. वही, विभाग अब ऐसे लोगों को चिन्हित कर रिकवरी की तैयारी कर रहा है.
गौरतलब है कि उत्तराखंड में भी ऐसे किसानों पर जांच की तलवार लटक रही है. हालांकि योजना का लाभ भर्ती होने के लिए तमाम जरूरी मांगों को पूरा करना होता है. लेकिन इसके बावजूद भी जो लोग गलत तरीके से इसके पात्र बने हैं. उनके खिलाफ रिकवरी की भी कार्रवाई हो सकती है.
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प्रदेश के कृषि मंत्री सुबोध उनियाल ने बताया कि प्रदेश में किसान सम्मान निधि को अवैध रूप से लेना बेहद मुश्किल और कठिन है, लेकिन इसके बावजूद भी यदि कुछ लोग योजना का अपात्र होने के बावजूद भी लाभ ले रहे हैं. तो ऐसे लोगों के खिलाफ रिकवरी का भी प्रावधान है.
मोदी सरकार ने पीएम किसान सम्मान निधि योजना की शुरूआत की है, जिसमें किसानों को उनके अकाउंट में आर्थिक सहायता के रूप में छह हजार की रकम दी जाती है.
कौन नहीं हो सकता लाभार्थी
- परिवार के एक सदस्य को ही किसान सम्मान निधि का मिलता है लाभ.
- इस योजना में सांसद, मंत्री, विधायक, मेयर लाभार्थी नहीं हो सकते.
- इंजीनियर, डॉक्टर, वकील, सीए को भी इस योजना का लाभ नहीं मिलेगा.
- इनकम टैक्स भुगतान करने वाले किसानों को भी इस योजना का लाभ नहीं मिलेगा.
- केंद्र या राज्य सरकार में मौजूद अधिकारी वर्ग के लोग भी इस योजना के लाभार्थी नहीं हो सकते.
- 10,000 से ज्यादा पेंशन पाने वाले किसान भी इसके पात्र नहीं हो सकते
कौन हो सकता हैं लाभार्थी
- दिसंबर 2018 में किसानों के लिए शुरू की गई किसान सम्मान निधि योजना में किसानों को तीन किश्तों में राशि दी जाती है.
- देश भर में 2 हेक्टेयर तक भूमि वाले किसानों के परिवारों को मिलता है योजना का लाभ.
- किसान के नाम जमीन होने पर ही मिलता है इसका लाभ.
- पति- पत्नी और नाबालिग बच्चों को योजना में एक ही लाभार्थी के रूप में मिलेगा लाभ