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घोषणा के बाद शहीद के घर तक सड़क पहुंचाना भूली सरकार, लोगों ने खुद उठाया बीड़ा

राकेश चंद्र रतूड़ी 10 फरवरी 2018 को देश के लिए शहीद हो गए. मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने शहीद के घर जाकर कॉलोनी में सड़क बनाने का वादा किया था. जब सरकार ने सड़क नहीं बनाई तो कॉलोनी के लोगों ने ये काम खुद करने की ठान ली है.

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नहीं हुआ सड़क निर्माण.
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Published : Jun 30, 2020, 10:42 AM IST

Updated : Jul 1, 2020, 2:07 PM IST

देहरादून: सरकार शहीदों के परिवार वालों से किया वादा भी भूलने लगी है. ऐसा ही देहरादून में रह रहे शहीद के परिवार वालों के साथ हुआ है. शहीद राकेश चंद्र रतूड़ी के घर जाकर मुख्यमंत्री ने खुद कॉलोनी की सड़क बनवाने का वादा किया था. अफसोस सड़क नहीं बनी. कॉलोनी वाले इतने जागरूक निकले कि उन्होंने खुद सड़क बनाने का जिम्मा उठा लिया.

नहीं हुआ सड़क निर्माण.

बता दें कि 10 फरवरी 2018 को शहीद हुए राकेश चंद्र रतूड़ी का घर शिमला बाईपास रोड से सटे बडोवाला के कृष्णा विहार शहीद कॉलोनी में है. शहीद रतूड़ी की पत्नी और स्थानीय लोगों का कहना कि जब शहीद का पार्थिव शरीर घर लाया गया था तो उस दिन सीएम भी श्रद्धांजलि देने पहुंचे थे. सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कॉलोनी में आवागमन को आसान बनाने के लिए सड़क निर्माण का वादा किया था. दो साल बीतने के बाद भी सड़क नहीं बनी.

यह भी पढ़ें: उत्तराखंड में बढ़ा गजराज का कुनबा, हाथियों की संख्या हुई 2026

वहीं कृष्णा विहार कॉलोनी को बने हुए 10 साल से अधिक का समय गुजर चुका है, लेकिन आवाजाही के लिए सड़क का निर्माण नहीं किया गया है. जिसके चलते हर साल मॉनसून में मार्ग बेहद खराब होने से आवागमन में बच्चों और बुजुर्गों को परेशानी होती है. ऐसे में सहसपुर विधायक से लेकर नगर निगम मेयर और पार्षद तक कई बार सड़क निर्माण के लिए पत्र लिखकर चक्कर काटे. लेकिन आज तक इस मूलभूत आवश्यकता की कोई सुनवाई नहीं हुई है. ऐसे में मजबूरन स्थानीय लोग हर घर से कुछ रुपये एकत्रित कर कॉलोनी की सड़क में बजरी, रोड़ी डलवाकर मॉनसून सीजन में राहत पाने का प्रयास कर रहे हैं.

देहरादून: सरकार शहीदों के परिवार वालों से किया वादा भी भूलने लगी है. ऐसा ही देहरादून में रह रहे शहीद के परिवार वालों के साथ हुआ है. शहीद राकेश चंद्र रतूड़ी के घर जाकर मुख्यमंत्री ने खुद कॉलोनी की सड़क बनवाने का वादा किया था. अफसोस सड़क नहीं बनी. कॉलोनी वाले इतने जागरूक निकले कि उन्होंने खुद सड़क बनाने का जिम्मा उठा लिया.

नहीं हुआ सड़क निर्माण.

बता दें कि 10 फरवरी 2018 को शहीद हुए राकेश चंद्र रतूड़ी का घर शिमला बाईपास रोड से सटे बडोवाला के कृष्णा विहार शहीद कॉलोनी में है. शहीद रतूड़ी की पत्नी और स्थानीय लोगों का कहना कि जब शहीद का पार्थिव शरीर घर लाया गया था तो उस दिन सीएम भी श्रद्धांजलि देने पहुंचे थे. सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कॉलोनी में आवागमन को आसान बनाने के लिए सड़क निर्माण का वादा किया था. दो साल बीतने के बाद भी सड़क नहीं बनी.

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वहीं कृष्णा विहार कॉलोनी को बने हुए 10 साल से अधिक का समय गुजर चुका है, लेकिन आवाजाही के लिए सड़क का निर्माण नहीं किया गया है. जिसके चलते हर साल मॉनसून में मार्ग बेहद खराब होने से आवागमन में बच्चों और बुजुर्गों को परेशानी होती है. ऐसे में सहसपुर विधायक से लेकर नगर निगम मेयर और पार्षद तक कई बार सड़क निर्माण के लिए पत्र लिखकर चक्कर काटे. लेकिन आज तक इस मूलभूत आवश्यकता की कोई सुनवाई नहीं हुई है. ऐसे में मजबूरन स्थानीय लोग हर घर से कुछ रुपये एकत्रित कर कॉलोनी की सड़क में बजरी, रोड़ी डलवाकर मॉनसून सीजन में राहत पाने का प्रयास कर रहे हैं.

Last Updated : Jul 1, 2020, 2:07 PM IST
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