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गोर्खालियों के हरतालिका तीज पर भी लगा कोरोना का ग्रहण

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Published : Aug 18, 2020, 10:58 AM IST

गोर्खाली हरितालिका तीज हमेशा से एक भव्य मेले के रूप में मनाया जाता रहा है. लेकिन, इस बार वैश्विक महामारी कोरोना को देखते हुए 15वीं हरितालिका तीज उत्सव 2020 को सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए सूक्ष्म रूप से मनाने का निर्णय लिया गया है.

hartalika teej
हरतालिका तीज

देहरादून: तीज महोत्सव गोर्खाली समुदाय के लिए विशेष स्थान रखता है. हर साल गोर्खाली अपने इस त्यौहार को बड़े ही धूमधाम से मनाते हैं. लेकिन, इस बार कोरोना संक्रमण को देखते हुए आयोजकों ने हरितालिका तीज उत्सव को सूक्ष्म रूप से मनाने का निर्णय लिया है. उत्तराखंड में हरितालिका तीज उत्सव का अपना विशेष महत्व होता है. इस दिन विवाहित महिलाएं अपने वैवाहिक जीवन की खुशहाली, पति की दीर्घायु, सौभाग्य, कल्याण के साथ ही परिवार में सुख, शांति और समृद्धि के लिए मांगलिक अनुष्ठान करती हैं.

दरअसल, गोर्खाली हरितालिका तीज बीते 14 सालों से एक भव्य मेले के रूप में मनाया जाता रहा है. बीते वर्ष उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत ने इस मेले को राजकीय मेले का दर्जा दिए जाने की घोषणा भी की थी. लेकिन इस बार वैश्विक महामारी कोरोना को देखते हुए 15वीं हरितालिका तीज उत्सव 2020 को सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए सूक्ष्म रूप से मनाने का निर्णय लिया गया है.

पढ़ें- हरिद्वार: बिल्केश्वर कॉलोनी में घूमा गजराज, मन भर गया तो लौटा जंगल

गोर्खाली सुधार सभा गढ़ी कैंट में सूक्ष्म कार्यक्रम की जानकारी देते हुए प्रभा शाह ने बताया कि आज फलदार पौधों का रोपण किया जाएगा. 19 अगस्त को विवाहित स्त्रियां मायके में भोज की परंपरा को निभाएंगी. इसके बाद 21 अगस्त को हरितालिका तीज पर्व के दिन मात्र शक्तियां अपनी पारंपरिक वेशभूषा में इस पर्व के आराध्य देव भगवान शिव के पार्थिव स्वरूप की पूजा अर्चना करेंगी.

इस बार हरितालिका तीज उत्सव कार्यक्रम में किसी भी गणमान्य अतिथि को आमंत्रित नहीं किया गया है. इसके साथ ही किसी भी बाहरी कलाकार को भी आमंत्रित नहीं किया गया है.

देहरादून: तीज महोत्सव गोर्खाली समुदाय के लिए विशेष स्थान रखता है. हर साल गोर्खाली अपने इस त्यौहार को बड़े ही धूमधाम से मनाते हैं. लेकिन, इस बार कोरोना संक्रमण को देखते हुए आयोजकों ने हरितालिका तीज उत्सव को सूक्ष्म रूप से मनाने का निर्णय लिया है. उत्तराखंड में हरितालिका तीज उत्सव का अपना विशेष महत्व होता है. इस दिन विवाहित महिलाएं अपने वैवाहिक जीवन की खुशहाली, पति की दीर्घायु, सौभाग्य, कल्याण के साथ ही परिवार में सुख, शांति और समृद्धि के लिए मांगलिक अनुष्ठान करती हैं.

दरअसल, गोर्खाली हरितालिका तीज बीते 14 सालों से एक भव्य मेले के रूप में मनाया जाता रहा है. बीते वर्ष उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत ने इस मेले को राजकीय मेले का दर्जा दिए जाने की घोषणा भी की थी. लेकिन इस बार वैश्विक महामारी कोरोना को देखते हुए 15वीं हरितालिका तीज उत्सव 2020 को सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए सूक्ष्म रूप से मनाने का निर्णय लिया गया है.

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गोर्खाली सुधार सभा गढ़ी कैंट में सूक्ष्म कार्यक्रम की जानकारी देते हुए प्रभा शाह ने बताया कि आज फलदार पौधों का रोपण किया जाएगा. 19 अगस्त को विवाहित स्त्रियां मायके में भोज की परंपरा को निभाएंगी. इसके बाद 21 अगस्त को हरितालिका तीज पर्व के दिन मात्र शक्तियां अपनी पारंपरिक वेशभूषा में इस पर्व के आराध्य देव भगवान शिव के पार्थिव स्वरूप की पूजा अर्चना करेंगी.

इस बार हरितालिका तीज उत्सव कार्यक्रम में किसी भी गणमान्य अतिथि को आमंत्रित नहीं किया गया है. इसके साथ ही किसी भी बाहरी कलाकार को भी आमंत्रित नहीं किया गया है.

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