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देहरादून पहुंचा स्वर्ण‍िम विजय मशाल, शहीदों को दी गई श्रद्धांजलि - dehradun swarnim mashaal

देहरादून में स्वर्ण‍िम विजय मशाल पहुंचने के उपलक्ष्य में शहीदों को श्रद्धांजलि दी गई.

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देहरादून पहुंचा स्वर्ण‍िम विजय मशाल.
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Published : Dec 18, 2020, 10:51 PM IST

Updated : Dec 18, 2020, 11:02 PM IST

देहरादूनः विजय दिवस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 1971 की लड़ाई में पाकिस्तान पर निर्णायक और ऐतिहासिक जीत के 50 साल पूरे होने के मौके पर राष्ट्रीय युद्ध स्मारक पर स्वर्णिम विजय मशाल प्रज्वलित की थी. यह मशाल सेना के विशेष वाहनों में देश के विभिन्न हिस्सों विशेष रूप से महावीर चक्र और परमवीर चक्र से सम्मानित सेना के जवानों के गांव और उन जगहों पर ले जाया जा रहा है, जहां पाकिस्तानी सेना के साथ लड़ाई हुई थी. जिसके तहत शुक्रवार को यह मशाल देहरादून क्लेमनटाउन छावनी में लाई गई.

देहरादून पहुंचा स्वर्ण‍िम विजय मशाल.

इस मशाल को मेजर जनरल राहुल सिंह सहित जीओसी 14 रैपिड के द्वारा स्वागत किया गया. कार्यक्रम के दौरान 1971 युद्ध में योगदान देने वाले दिग्गजों और वीर नारियों को भी सम्मानित किया गया. मशाल अपनी शानदार यात्रा जारी रखते अंबाला के लिए रवाना होगा.

ये भी पढ़ें: वॉर मेमोरियल में पीएम मोदी ने शहीदों को दी श्रद्धांजलि, स्वर्णिम मशाल किया प्रज्जवलित

साल 2020 में देश की सबसे बड़ी सैन्य विजय की 50वीं वर्षगांठ मनाई जा रही है. 1971 को भारत-पाक युद्ध को देश की सबसे शानदार जीत के रूप में याद किया जाता है. 1971 के युद्ध में भारत की जीत शानदार रही. राज्य के सैनिकों ने वीरता और बलिदान की अनूठी कहानियों को प्रदर्शित किया और करीब 14 दिनों के इस युद्ध में पाकिस्तान के 93000 सैनिकों ने भारत के आगे आत्मसमर्पण किया. जो कि जर्मनी प्रथम विश्व युद्ध में आत्मसमर्पण के बाद दूसरी बड़ी जीत थी.

रिटायर्ड जनरल आनंद स्वरूप ने बताया कि, जब तक हर एक नागरिक अपने इतिहास को याद न करें, तब तक उनमें जोश नहीं आ सकता है. हमने आज़ादी के बाद जो कुछ हुआ, वह सब देखा है.

देहरादूनः विजय दिवस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 1971 की लड़ाई में पाकिस्तान पर निर्णायक और ऐतिहासिक जीत के 50 साल पूरे होने के मौके पर राष्ट्रीय युद्ध स्मारक पर स्वर्णिम विजय मशाल प्रज्वलित की थी. यह मशाल सेना के विशेष वाहनों में देश के विभिन्न हिस्सों विशेष रूप से महावीर चक्र और परमवीर चक्र से सम्मानित सेना के जवानों के गांव और उन जगहों पर ले जाया जा रहा है, जहां पाकिस्तानी सेना के साथ लड़ाई हुई थी. जिसके तहत शुक्रवार को यह मशाल देहरादून क्लेमनटाउन छावनी में लाई गई.

देहरादून पहुंचा स्वर्ण‍िम विजय मशाल.

इस मशाल को मेजर जनरल राहुल सिंह सहित जीओसी 14 रैपिड के द्वारा स्वागत किया गया. कार्यक्रम के दौरान 1971 युद्ध में योगदान देने वाले दिग्गजों और वीर नारियों को भी सम्मानित किया गया. मशाल अपनी शानदार यात्रा जारी रखते अंबाला के लिए रवाना होगा.

ये भी पढ़ें: वॉर मेमोरियल में पीएम मोदी ने शहीदों को दी श्रद्धांजलि, स्वर्णिम मशाल किया प्रज्जवलित

साल 2020 में देश की सबसे बड़ी सैन्य विजय की 50वीं वर्षगांठ मनाई जा रही है. 1971 को भारत-पाक युद्ध को देश की सबसे शानदार जीत के रूप में याद किया जाता है. 1971 के युद्ध में भारत की जीत शानदार रही. राज्य के सैनिकों ने वीरता और बलिदान की अनूठी कहानियों को प्रदर्शित किया और करीब 14 दिनों के इस युद्ध में पाकिस्तान के 93000 सैनिकों ने भारत के आगे आत्मसमर्पण किया. जो कि जर्मनी प्रथम विश्व युद्ध में आत्मसमर्पण के बाद दूसरी बड़ी जीत थी.

रिटायर्ड जनरल आनंद स्वरूप ने बताया कि, जब तक हर एक नागरिक अपने इतिहास को याद न करें, तब तक उनमें जोश नहीं आ सकता है. हमने आज़ादी के बाद जो कुछ हुआ, वह सब देखा है.

Last Updated : Dec 18, 2020, 11:02 PM IST
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