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देहरादून के DAV कॉलेज का शानदार इतिहास, कई देशों के राष्ट्राध्यक्ष सहित कई दिग्गज नेता रह चुके हैं एलुमनी

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Published : Jul 17, 2022, 1:47 PM IST

Updated : Jul 17, 2022, 3:58 PM IST

डीएवी पीजी कॉलेज देहरादून के एलुमनी लिस्ट पर नजर डालें तो इसका एक स्वर्णिम इतिहास रहा है. यहां मॉरीशस के पूर्व प्रधानमंत्री सर शिवसागर रामगुलाम और नेपाल के पूर्व प्रधानमंत्री लोकेंद्र बहादुर चंद समेत कई हस्तियों ने यहां से पढ़ाई की है.

DAV PG College Dehradun
डीएवी कॉलेज देहरादून

देहरादूनः देहरादून को एजुकेशन हब कहा जाता है. यहां कई नामी-गिरामी स्कूल, कॉलेज और यूनिवर्सिटी मौजूद हैं. देश की कई दिग्गज हस्तियों ने देहरादून से ही पढ़ाई की है. देहरादून का डीएवी (पीजी) कॉलेज इसी कड़ी में एक बड़ा नाम है. इसकी स्थापना ब्रिटिश काल में हुई थी. अगर कॉलेज की एलुमनी लिस्ट पर नजर डालें तो दो देशों के प्रधानमंत्री, मंत्री, सेना के अफसर और हिमालय की चोटी फतह करने वाली बछेंद्री पाल का नाम सामने आता है. आज भी इस कॉलेज में उत्तराखंड के अलावा कई बाहरी राज्यों के युवा पढ़ाई करने आते हैं.

बता दें कि डीएवी पीजी कॉलेज देहरादून में कई नामचीन हस्तियों ने शिक्षा हासिल की है. यहां से पढ़े-लिखों की गिनती करें तो सिर्फ भारतीय ही नहीं, बल्कि दूसरे देशों के लोग भी यहां से पढ़ाई कर चुके हैं. इनमें मॉरीशस के पूर्व प्रधानमंत्री सर शिवसागर रामगुलाम (Former Prime Minister of Mauritius Seewoosagur Ramgoolam) और नेपाल के पूर्व प्रधानमंत्री लोकेंद्र बहादुर चंद (former Nepal Prime Minister Lokendra Bahadur Chand) का नाम प्रमुख है.

देहरादून के DAV कॉलेज का शानदार इतिहास.

देश की बात करें तो उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री हेमवती नंदन बहुगुणा (Hemwati Nandan Bahuguna), भारत सरकार के पूर्व मंत्री महावीर त्यागी, ब्रह्मदत्त, पूर्व भारतीय थल सेना प्रमुख जनरल बीसी जोशी, एवरेस्ट पर कदम रखने वाली पहली महिला पर्वतारोही बछेंद्री पाल (Indian mountaineer Bachendri Pal), वैज्ञानिक डॉ. फारुख शेख जैसे अनगिनत लोगों ने इसी संस्थान से शिक्षा हासिल की है.

ये भी पढ़ेंः ABVP का BJP से कोई संबंध नहीं, DAV हंगामे के बाद पार्टी ने किया किनारा

डीएवी पीजी कॉलेज (DAV PG College Dehradun) का पूरा नाम दयानंद एंग्लो वैदिक (Dayanand Anglo Vedic) स्नातकोत्तर महाविद्यालय है. महात्मा हंसराज के निर्देशन में सबसे पहले डीएवी कॉलेज ट्रस्ट एवं प्रबंध समिति के प्रथम स्कूल की स्थापना 1 जून, 1886 को पाकिस्तान के लाहौर में हुई. इसके बाद इस संस्थान की स्थापना साल 1892 में एक रात्रिकालीन संस्कृत पाठशाला के रूप में मेरठ में की गई.

साल 1904 में देहरादून के ठाकुर पूरन सिंह नेगी ने इस कॉलेज के लिए जमीन दान की. जिसके बाद संस्थान को मेरठ से देहरादून स्थानांतरित कर दिया गया. साल 1922 में इसे इंटरमीडिएट कॉलेज के रूप में शुरू किया गया और साल 1946 में यह डिग्री कॉलेज के रूप में संचालित होने लगा. जबकि, साल 1948 में डीएवी महाविद्यालय के रूप में स्थापित हो गया.

भले ही आज के समय प्रोफेशनल कोर्स की बाढ़ में कई कॉलेज देहरादून में खुल गए हैं, लेकिन डीएवी कॉलेज का क्रेज आज भी खत्म नहीं हुआ है. प्रदेश के अन्य जिलों समेत पश्चिम उत्तर प्रदेश के कई जिलों से आज भी छात्र-छात्रा यहां पर प्रवेश लेने के देहरादून पहुंच रहे हैं. वर्तमान में डीएवी कॉलेज देहरादून में छात्रों की संख्या 12,500 है. जो विभिन्न पाठ्यक्रमों में शिक्षा ले रहे हैं.

देहरादूनः देहरादून को एजुकेशन हब कहा जाता है. यहां कई नामी-गिरामी स्कूल, कॉलेज और यूनिवर्सिटी मौजूद हैं. देश की कई दिग्गज हस्तियों ने देहरादून से ही पढ़ाई की है. देहरादून का डीएवी (पीजी) कॉलेज इसी कड़ी में एक बड़ा नाम है. इसकी स्थापना ब्रिटिश काल में हुई थी. अगर कॉलेज की एलुमनी लिस्ट पर नजर डालें तो दो देशों के प्रधानमंत्री, मंत्री, सेना के अफसर और हिमालय की चोटी फतह करने वाली बछेंद्री पाल का नाम सामने आता है. आज भी इस कॉलेज में उत्तराखंड के अलावा कई बाहरी राज्यों के युवा पढ़ाई करने आते हैं.

बता दें कि डीएवी पीजी कॉलेज देहरादून में कई नामचीन हस्तियों ने शिक्षा हासिल की है. यहां से पढ़े-लिखों की गिनती करें तो सिर्फ भारतीय ही नहीं, बल्कि दूसरे देशों के लोग भी यहां से पढ़ाई कर चुके हैं. इनमें मॉरीशस के पूर्व प्रधानमंत्री सर शिवसागर रामगुलाम (Former Prime Minister of Mauritius Seewoosagur Ramgoolam) और नेपाल के पूर्व प्रधानमंत्री लोकेंद्र बहादुर चंद (former Nepal Prime Minister Lokendra Bahadur Chand) का नाम प्रमुख है.

देहरादून के DAV कॉलेज का शानदार इतिहास.

देश की बात करें तो उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री हेमवती नंदन बहुगुणा (Hemwati Nandan Bahuguna), भारत सरकार के पूर्व मंत्री महावीर त्यागी, ब्रह्मदत्त, पूर्व भारतीय थल सेना प्रमुख जनरल बीसी जोशी, एवरेस्ट पर कदम रखने वाली पहली महिला पर्वतारोही बछेंद्री पाल (Indian mountaineer Bachendri Pal), वैज्ञानिक डॉ. फारुख शेख जैसे अनगिनत लोगों ने इसी संस्थान से शिक्षा हासिल की है.

ये भी पढ़ेंः ABVP का BJP से कोई संबंध नहीं, DAV हंगामे के बाद पार्टी ने किया किनारा

डीएवी पीजी कॉलेज (DAV PG College Dehradun) का पूरा नाम दयानंद एंग्लो वैदिक (Dayanand Anglo Vedic) स्नातकोत्तर महाविद्यालय है. महात्मा हंसराज के निर्देशन में सबसे पहले डीएवी कॉलेज ट्रस्ट एवं प्रबंध समिति के प्रथम स्कूल की स्थापना 1 जून, 1886 को पाकिस्तान के लाहौर में हुई. इसके बाद इस संस्थान की स्थापना साल 1892 में एक रात्रिकालीन संस्कृत पाठशाला के रूप में मेरठ में की गई.

साल 1904 में देहरादून के ठाकुर पूरन सिंह नेगी ने इस कॉलेज के लिए जमीन दान की. जिसके बाद संस्थान को मेरठ से देहरादून स्थानांतरित कर दिया गया. साल 1922 में इसे इंटरमीडिएट कॉलेज के रूप में शुरू किया गया और साल 1946 में यह डिग्री कॉलेज के रूप में संचालित होने लगा. जबकि, साल 1948 में डीएवी महाविद्यालय के रूप में स्थापित हो गया.

भले ही आज के समय प्रोफेशनल कोर्स की बाढ़ में कई कॉलेज देहरादून में खुल गए हैं, लेकिन डीएवी कॉलेज का क्रेज आज भी खत्म नहीं हुआ है. प्रदेश के अन्य जिलों समेत पश्चिम उत्तर प्रदेश के कई जिलों से आज भी छात्र-छात्रा यहां पर प्रवेश लेने के देहरादून पहुंच रहे हैं. वर्तमान में डीएवी कॉलेज देहरादून में छात्रों की संख्या 12,500 है. जो विभिन्न पाठ्यक्रमों में शिक्षा ले रहे हैं.

Last Updated : Jul 17, 2022, 3:58 PM IST
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