देहरादून: राजधानी में शुक्रवार को जनरल ओबीसी इम्प्लाइज एसोसिएशन की एक बैठक का आयोजन किया गया. जिसमें सभी विभागों के अध्यक्ष और प्रांतीय अध्यक्ष मौजूद रहे. इस बैठक में उपस्थित वक्ताओं ने रोस्टर प्रणाली को लेकर अपने-अपने सुझाव दिए. इस मौके पर वक्ताओं ने कहा कि जनरल और ओबीसी कर्मचारियों के हितों के एसोसिएशन हमेशा लड़ाई लड़ता रहेगा.
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बता दें कि सरकार द्वारा आरक्षण का नया रोस्टर जारी होने को लेकर जहां एससी/एसटी इम्पलाइज फेडरेशन विरोध कर रहा है. वहीं, जनरल, ओबीसी इम्पलाइज फेडरेशन ने सरकार के नए आरक्षण रोस्टर का स्वागत किया है. जनरनल ओबीसी इम्पलाइज फेडरेशन का मानना है कि नए आरक्षण रोस्टर से आरक्षण में न्याय हुआ है, जो अब तक नहीं हो रहा था.
दरअसल, पुराने रोस्टर के अनुसार 100 पदों पर अनुसूचित जाति के लोगों को 19 प्रतिशत के तय आरक्षण के बदले उनको 20 प्रतिशत आरक्षण मिल रहा था. सरकार ने पदोन्नति के पदों पर लगाई गई रोक को लेकर बैठक बुलाई है, जिसमें आगे की रणनीति को लेकर चर्चा होगी. जबकि, नए आरक्षण रोस्टर को लेकर एससी/एसटी इम्पलाइज फेडरेशन विरोध कर रहा है.
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एससी/एसटी इम्पलाइज फेडरेशन उत्तर प्रदेश राज्य का हवाला दे रहा है तो जिन पदों पर आरक्षण के तहत कई कर्मचारी और अधिकारी पदोन्नति आरक्षण के बलबूते पाएं हुए हैं. उनके प्रमोशन को यूपी की तरह खत्म कर देना चाहिए.
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वहीं, इस मामले में जनरल ओबीसी इम्प्लाइज एसोसिएशन के प्रांतीय उपाध्यक्ष सुभाष देवलियाल का कहना है कि सरकार के पदोन्नति रोस्टर का एसोसिएशन स्वागत करती है. जहां तक सवाल आंदोलन का है निश्चित तौर पर जरनल ओबीसी का जो भी निर्णय होगा, उस पर आगे की रणनीति पर विचार होगा. साथ ही एसोसिएशन सरकार के उन मंत्रियों से अनुरोध करती है कि सभी कर्मचारियों के हितों को ध्यान में रखते हुए अपना निर्णय लें.