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IMA POP: हल्द्वानी के गौरव ने पिता का सपना किया पूरा, होटल मैनेजमेंट की पढ़ाई छोड़ बने लेफ्टिनेंट - सेना में लेफ्टिनेंट पद

हल्द्वानी के गौरव कुमार जोशी ने देहरादून इंडियन मिलिट्री एकेडमी से पास आउट होकर सेना में लेफ्टिनेंट पद हासिल किया है. इसके साथ ही उसने अपने पिता का 30 साल का सपना भी पूरा किया.

Gaurav Joshi fulfilled his fathers dream
गौरव ने पिता का सपना किया पूरा
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Published : Dec 11, 2021, 5:39 PM IST

Updated : Dec 11, 2021, 5:58 PM IST

देहरादून: हल्द्वानी के रहने वाले गौरव जोशी ने भारतीय सैन्य अकादमी देहरादून (Indian Military Academy Dehradun) से लेफ्टिनेंट बनकर अपने पिता के अधूरे सपने को पूरा किया है. गौरव होटल मैनेजमेंट की पढ़ाई (hotel management studies) छोड़ सेना को ज्वाइन किया. वहीं, बेटे की इस सफलता पर पिता ने कहा बच्चों को राष्ट्र सेवा के लिए प्रेरित करना बेहद जरूरी है.

गौरव कुमार जोशी ने देहरादून इंडियन मिलिट्री एकेडमी से पास आउट होकर सीधे सेना में लेफ्टिनेंट पद (lieutenant post in army) हासिल किया है. इसके साथ ही उसने अपने पिता का 30 साल का सपना भी पूरा किया. गौरव के पिता सूबेदार मेजर सतवीर सिंह 30 साल से सेना में कार्यरत होने के बाद सेवानिवृत्त हो चुके हैं. उनका कहना है कि पूरी सेवाकाल के दौरान उन्होंने दो बार सेना में कमीशन पाने के लिए प्रयास किया, लेकिन दोनों ही बार किस्मत उनका साथ नहीं दिया.

सतवीर सिंह के बेटे ने उनकी 30 साल की ख्वाहिश को पूरा कर सेना में अधिकारी का पद प्राप्त किया, तो मानो उन्हें जिंदगी से कोई गिला शिकवा ही नहीं रहा. सतवीर ने कहा आज बेटे की कामयाबी से न सिर्फ उनका सीना चौड़ा हो गया है, बल्कि पूरा खानदान भी बेहद गौरवान्वित महसूस कर रहा है.

गौरव ने पिता का सपना किया पूरा

सतवीर सिंह कहते हैं कि हर मां बाप को अपने बच्चों को राष्ट्र सेवा के लिए प्रेरित करना आवश्यक है. क्योंकि जीवन का मकसद सिर्फ अपने लिए जीना नहीं, बल्कि देशवासियों और दूसरों की रक्षा के लिए भी हमारा जीवन काम आए, इससे बड़ी गौरव की बात क्या हो सकती है?

ये भी पढ़ें: IMA POP: सेना को मिले 319 जांबाज, राष्ट्रपति ने CDS बिपिन रावत को याद कर कहा- हमेशा ऊंचा रहेगा तिरंगा

गौरव जोशी ने पहले अपने करियर के लिए होटल मैनेजमेंट कोर्स चुना था, लेकिन जब पिता के सपने को साकार करने का सवाल सामने आया तो उसने होटल मैनेजमेंट की पढ़ाई छोड़, देश सेवा में जाने का निर्णय लिया. एनडीए में 3 साल और फिर आईएमए में 1 साल के कठिन प्रशिक्षण को पूरा कर सेना में लेफ्टिनेंट का पद हासिल किया.

सतवीर सिंह ने कहा गौरव भारतीय सैन्य अकादमी में कड़ा प्रशिक्षण पाकर जो मुकाम हासिल किया है. वह किसी भी मां-बाप के लिए गौरव की बात है. उन्हें इस बात की बेहद खुशी और गर्व की अनुभूति हो रही है कि उनके बेटे ने आईएमए जैसे ऐतिहासिक विश्वविख्यात सैन्य अकादमी से ट्रेनिंग ली.

मां गीता जोशी भी बेटे के लेफ्टिनेंट बनने पर बेहद खुश हैं. उन्होंने कहा आज गौरव ने जो खुशी दी है, उससे बड़ी और कोई खुशी नहीं हो सकती. बेटे की 4 साल की मेहनत रंग लाई है. उन्हें आज के दिन का बेसब्री से इंतजार था. वहीं, बहन ऋतु ने कहा कि आज भाई की काबिलियत और देश सेवा की भावना से मन बहुत इमोशनल हो गया है. शब्दों में अहसास बयां नहीं हो रहे हैं. बचपन से यही ख्वाब था कि भाई पिता के सपने को पूरा करे, जिसको उसने पूरा कर दिखा दिया.

देहरादून: हल्द्वानी के रहने वाले गौरव जोशी ने भारतीय सैन्य अकादमी देहरादून (Indian Military Academy Dehradun) से लेफ्टिनेंट बनकर अपने पिता के अधूरे सपने को पूरा किया है. गौरव होटल मैनेजमेंट की पढ़ाई (hotel management studies) छोड़ सेना को ज्वाइन किया. वहीं, बेटे की इस सफलता पर पिता ने कहा बच्चों को राष्ट्र सेवा के लिए प्रेरित करना बेहद जरूरी है.

गौरव कुमार जोशी ने देहरादून इंडियन मिलिट्री एकेडमी से पास आउट होकर सीधे सेना में लेफ्टिनेंट पद (lieutenant post in army) हासिल किया है. इसके साथ ही उसने अपने पिता का 30 साल का सपना भी पूरा किया. गौरव के पिता सूबेदार मेजर सतवीर सिंह 30 साल से सेना में कार्यरत होने के बाद सेवानिवृत्त हो चुके हैं. उनका कहना है कि पूरी सेवाकाल के दौरान उन्होंने दो बार सेना में कमीशन पाने के लिए प्रयास किया, लेकिन दोनों ही बार किस्मत उनका साथ नहीं दिया.

सतवीर सिंह के बेटे ने उनकी 30 साल की ख्वाहिश को पूरा कर सेना में अधिकारी का पद प्राप्त किया, तो मानो उन्हें जिंदगी से कोई गिला शिकवा ही नहीं रहा. सतवीर ने कहा आज बेटे की कामयाबी से न सिर्फ उनका सीना चौड़ा हो गया है, बल्कि पूरा खानदान भी बेहद गौरवान्वित महसूस कर रहा है.

गौरव ने पिता का सपना किया पूरा

सतवीर सिंह कहते हैं कि हर मां बाप को अपने बच्चों को राष्ट्र सेवा के लिए प्रेरित करना आवश्यक है. क्योंकि जीवन का मकसद सिर्फ अपने लिए जीना नहीं, बल्कि देशवासियों और दूसरों की रक्षा के लिए भी हमारा जीवन काम आए, इससे बड़ी गौरव की बात क्या हो सकती है?

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गौरव जोशी ने पहले अपने करियर के लिए होटल मैनेजमेंट कोर्स चुना था, लेकिन जब पिता के सपने को साकार करने का सवाल सामने आया तो उसने होटल मैनेजमेंट की पढ़ाई छोड़, देश सेवा में जाने का निर्णय लिया. एनडीए में 3 साल और फिर आईएमए में 1 साल के कठिन प्रशिक्षण को पूरा कर सेना में लेफ्टिनेंट का पद हासिल किया.

सतवीर सिंह ने कहा गौरव भारतीय सैन्य अकादमी में कड़ा प्रशिक्षण पाकर जो मुकाम हासिल किया है. वह किसी भी मां-बाप के लिए गौरव की बात है. उन्हें इस बात की बेहद खुशी और गर्व की अनुभूति हो रही है कि उनके बेटे ने आईएमए जैसे ऐतिहासिक विश्वविख्यात सैन्य अकादमी से ट्रेनिंग ली.

मां गीता जोशी भी बेटे के लेफ्टिनेंट बनने पर बेहद खुश हैं. उन्होंने कहा आज गौरव ने जो खुशी दी है, उससे बड़ी और कोई खुशी नहीं हो सकती. बेटे की 4 साल की मेहनत रंग लाई है. उन्हें आज के दिन का बेसब्री से इंतजार था. वहीं, बहन ऋतु ने कहा कि आज भाई की काबिलियत और देश सेवा की भावना से मन बहुत इमोशनल हो गया है. शब्दों में अहसास बयां नहीं हो रहे हैं. बचपन से यही ख्वाब था कि भाई पिता के सपने को पूरा करे, जिसको उसने पूरा कर दिखा दिया.

Last Updated : Dec 11, 2021, 5:58 PM IST
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