देहरादून: कानपुर शूटआउट के मुख्य आरोपी विकास दुबे को शुक्रवार सुबह पुलिस ने ढेर कर दिया गया. गढ़वाल आईजी अभिनव कुमार ने इस मामले में यूपी पुलिस की तारीफ की है. उन्होंने इसके लिए उत्तर प्रदेश पुलिस को बधाई भी दी है. साथ ही इस एनकाउंटर को लेकर उठ रहे सवालों पर गढ़वाल आईजी ने कहा कि इतनी जल्दी उत्तर प्रदेश पुलिस की इस कार्रवाई को गलत ठहराना सही नहीं है.
गढ़वाल आईजी अभिनव कुमार ने कहा कि इस तरह के मामलों में मानवाधिकार व सर्वोच्च न्यायालय की गाइडलाइन के अनुसार जांच होती है. उसके बाद ही किसी बात के निष्कर्ष पर पहुंचा जाता है. इस मामले पर भी वैधानिक रूप से जांच होगी. तभी इसको लेकर कुछ प्रतिक्रिया दी जा सकती है. उससे पहले उत्तर प्रदेश पुलिस पर आरोप लगाना पूरी तरह से गलत है.
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गढ़वाल आईजी ने कहा कि जिस तरह से कुख्यात दुबे ने आठ पुलिस कर्मियों की निर्मम तरीके से हत्या की, वह देश की पुलिस के लिए बेहद चिंता, दुखद और शर्म की बात थी. लेकिन इस वारदात के बाद जिस तरह से यूपी पुलिस ने इतने कम समय में विकास दुबे और उसे साथियों का खात्मा किया है वे बधाई के पात्र हैं.
विकास दुबे के एनकाउंटर को लेकर जो सवाल उठाए जा रहे हैं, जब उसको लेकर गढ़वाल आईजी से सवाल किया तो उन्होंने सिर्फ इतना ही कहा कि किसी भी जांच के बगैर पुलिस पर आरोप लगाना सही नहीं है. विकास दुबे एक कुख्यात अपराधिक था. उसके खात्मे के बाद शहीद पुलिसकर्मियों को जरूर शांति मिली होगी.
धवस्त होगा अपराधियों का नेटवर्क
उत्तराखंड में फैले अपराधियों के नेटवर्क को लेकर जब गढ़वाल आईजी से बात की गई तो उन्होंने कहा कि प्रदेश में सक्रिय अपराधियों पर नजर रखी जा रही है. ताकि उन पर नकेल कसी जा सके. कानपुर शूटआउट के बाद उत्तराखंड पुलिस भी अलर्ट हो गई थी. जेलों में बैठकर अपने गिरोह को चलाने वाले कुख्यातों पर विशेष नजर रखी जा रही है. इसके अलावा उत्तराखंड में बड़ी-बड़ी अपराधिक घटनाओं को अंजाम देने के बाद पश्चिमी उत्तर प्रदेश मेरठ, बागपत, मुजफ्फरनगर, सहारनपुर और बिजनौर जेल में बंद अपराधियों की जानकारी एकत्र की जा रही है. उत्तराखंड पुलिस इन बदमाशों का नेटवर्क धवस्त करने में लगी हुई है. इसके लिए देहरादून, हरिद्वार और पौड़ी के पुलिस प्रभारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश भी दिए गए हैं.