ऋषिकेश: राज्य का स्वास्थ्य महकमा कोरोना की तीसरी लहर (थर्ड वेव) से निपटने के लिए हर मुमकिन इंतजाम करने में जुटा है. इसी के तहत महकमे के मुखिया से लेकर अफसर तक सरकारी अस्पतालों में व्यवस्थाओं का जायजा लेने में लगे हैं. गढ़वाल स्वास्थ्य निदेशक ने भी शनिवार को एसपीएस राजकीय चिकित्सालय का दौरा किया. उन्होंने अस्पताल में तीसरी लहर के मद्देनजर किए इंतजामों का निरीक्षण किया.
निदेशक डा. भारती राणा ने बताया कि ऋषिकेश के सरकारी अस्पताल में आईसीयू बेड की संख्या को 6 से बढ़ाकर अब 16 कर दिया गया है. 6 पीआईसीयू, 4 एनआईसीए और बच्चों के लिए 6 एनबीएसयू की व्यवस्था अस्तपाल में की जा चुकी है. अस्पताल में मौजूदा वक्त में आठ ऑक्सीजन सिलेंडर वार्किंग में हैं, जबकि 80 का रिजर्व स्टॉक अस्पताल प्रशासन के पास है.
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निदेशक ने अस्पताल में चिकित्सकों की कमी पर बताया कि ईएनटी, एनस्थिटिक और जनरल सर्जन की व्यवस्था के लिए महानिदेशलाय को पत्र लिखा जा रहा है. निरीक्षण में चिकित्साल में साफ-सफाई के इंतजाम दुरुस्त नहीं मिले. जिसपर मुख्य चिकित्सा अधीक्षक ने सीएमएस को सफाई व्यवस्था चाक-चौबंद रखने के सख्त निर्देश जारी किए.
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गर्भवती को घर छोड़ेगी गाड़ी: राज्य सरकार गर्भवती महिलाओं को एक नई सौगात देने की तैयारी में है. प्रसव होने के बाद अब गर्भवती महिलाओं को सरकारी एम्बुलेंस से घर तक छोड़ने की मुफ्त सुविधा उपलब्ध होगी. बाकायदा, इसके लिए एक टोल फ्री नंबर 104 भी जारी किया जाएगा.
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निदेशक डा. भारती राणा के मुताबिक एनचएम स्तर पर इसके लिए टेंडर कॉल कर लिए गए हैं. जल्द ही यह सुविधा जनहित में संचालित कर दी जाएगी.
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रेफर किया, तो छुट्टी तय: गर्भवती महिलाओं को लेकर स्वास्थ्य महकमा बेहद गंभीर नजर आ रहा है. निदेशक डा. भारती राणा का कहना है कि ऋषिकेश के सरकारी अस्पताल में पर्याप्त स्त्री रोग विशेषज्ञ हैं. पूर्व में कुछ शिकायतें मिली थी. लिहाजा, अब यहां से किसी भी गर्भवती महिला को रेफर किया जाता है, तो उसका वाजिब कारण संबंधित चिकित्सक को बताना होगा. लापरवाही मिलने पर चिकित्सकों की छुट्टी कर दी जाएगी.