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एमबीए की पढ़ाई के बाद बागवानी करने वाले सचिन कोठारी से लें सीख! दूसरों को भी दे रहे रोजगार - देहरादून की ताजा खबरें

आधुनिकता की दौड़ में युवा खेती किसानी से भाग रहे हैं. वो नौकरी के लिए अपना रुख सरकारी और निजी कंपनियों की तरफ कर रहे हैं. इसी बीच आज हम आपको ऐसे युवा बागवान के बारे में बताएंगे, जो एमबीए की पढ़ाई के बाद बागवानी कर आज दूसरों के लिए प्रेरणा बन गया है.

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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Oct 14, 2023, 5:28 PM IST

एमबीए की पढ़ाई के बाद बागवानी करने वाले सचिन कोठारी से लें सीख

डोईवाला: कहते हैं कि अगर आप में कुछ करने और कुछ पाने का जज्बा होता है, तो आप किसी भी क्षेत्र में जाकर अपना नाम कमा सकते हैं. ऐसे ही एक युवा बागवान हैं सचिन कोठारी, जिन्होंने पहले MBA (Master of Business Administration) की पढ़ाई की और फिर बागवानी की तरफ अपने भविष्य को मोड़ दिया. आज वह खुद आत्मनिर्भर हैं ही, बल्कि अन्य दूसरे लोगों को भी आत्मनिर्भर बना रहे हैं.

फूल और फलों के पौधे तैयार कर रहे सचिन कोठारी: युवा किसान सचिन कोठारी ने बताया कि 2012 से वह फूलों और फलों की पौध तैयार कर रहे हैं. एमबीए की पढ़ाई के बाद कई संस्थानों में कार्य किया, लेकिन उनको काम पसंद नहीं आया और आखिर में एक नया काम करने की ठानी. उन्होंने बताया कि पहले सीमित संसाधनों में काम शुरू किया और धीरे धीरे अन्य बेरोजगार लोगों को जोड़कर काम को आगे बढ़ाया. आज लगभग तीन बीघा जमीन में फूल और फलों के पौधे तैयार कर रहे हैं.

दो दर्जन से अधिक लोगों को रोजगार दे रहे सचिन : सचिन कोठारी ने बताया कि उनके द्वारा तैयार पौधे उत्तराखंड के अलावा अन्य कई राज्यों तक जा रहे हैं और दो दर्जन से अधिक लोगों को रोजगार भी दिया जा रहा है. इस कार्य में उन्हें अच्छी खासी इनकम भी प्राप्त हो रही है. उन्होंने कहा कि कोई भी काम छोटा या बड़ा नहीं होता है, अगर किसी भी कार्य को लगन और मेहनत से किया जाए. उसमें लाभ जरूर मिलता है.

ये भी पढ़ें: गुलाब की खेती से महके रामपाल के खेत खलिहान, अन्य लोगों को भी कर रहे प्रेरित

पॉलीहाउस तैयार करके दे रहा उद्यान विभाग: उद्यान अधिकारी स्वेता चौहान ने बताया कि जो भी किसान नर्सरी तैयार या जैविक खेती करना चाहता है. उन्हें उद्यान विभाग पॉलीहाउस तैयार करके देता है. उन्होंने कहा कि अन्य कार्य जैसे फूलो की खेती के लिए भी सब्सिडी दी जाती है.

ये भी पढ़ें: चमोली में फूलों की खेती से महक रही किसानों की बगिया, तरक्की की लिख रहे इबारत

एमबीए की पढ़ाई के बाद बागवानी करने वाले सचिन कोठारी से लें सीख

डोईवाला: कहते हैं कि अगर आप में कुछ करने और कुछ पाने का जज्बा होता है, तो आप किसी भी क्षेत्र में जाकर अपना नाम कमा सकते हैं. ऐसे ही एक युवा बागवान हैं सचिन कोठारी, जिन्होंने पहले MBA (Master of Business Administration) की पढ़ाई की और फिर बागवानी की तरफ अपने भविष्य को मोड़ दिया. आज वह खुद आत्मनिर्भर हैं ही, बल्कि अन्य दूसरे लोगों को भी आत्मनिर्भर बना रहे हैं.

फूल और फलों के पौधे तैयार कर रहे सचिन कोठारी: युवा किसान सचिन कोठारी ने बताया कि 2012 से वह फूलों और फलों की पौध तैयार कर रहे हैं. एमबीए की पढ़ाई के बाद कई संस्थानों में कार्य किया, लेकिन उनको काम पसंद नहीं आया और आखिर में एक नया काम करने की ठानी. उन्होंने बताया कि पहले सीमित संसाधनों में काम शुरू किया और धीरे धीरे अन्य बेरोजगार लोगों को जोड़कर काम को आगे बढ़ाया. आज लगभग तीन बीघा जमीन में फूल और फलों के पौधे तैयार कर रहे हैं.

दो दर्जन से अधिक लोगों को रोजगार दे रहे सचिन : सचिन कोठारी ने बताया कि उनके द्वारा तैयार पौधे उत्तराखंड के अलावा अन्य कई राज्यों तक जा रहे हैं और दो दर्जन से अधिक लोगों को रोजगार भी दिया जा रहा है. इस कार्य में उन्हें अच्छी खासी इनकम भी प्राप्त हो रही है. उन्होंने कहा कि कोई भी काम छोटा या बड़ा नहीं होता है, अगर किसी भी कार्य को लगन और मेहनत से किया जाए. उसमें लाभ जरूर मिलता है.

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पॉलीहाउस तैयार करके दे रहा उद्यान विभाग: उद्यान अधिकारी स्वेता चौहान ने बताया कि जो भी किसान नर्सरी तैयार या जैविक खेती करना चाहता है. उन्हें उद्यान विभाग पॉलीहाउस तैयार करके देता है. उन्होंने कहा कि अन्य कार्य जैसे फूलो की खेती के लिए भी सब्सिडी दी जाती है.

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