देहरादून: उत्तराखंड सरकार साल 2021 में सदी का सबसे बड़ा आयोजन महाकुंभ हरिद्वार में करवाने जा रही है. इसके लिए राज्य सरकार ने अलग से बजट न केवल केंद्र से मांगा है, बल्कि राज्य सरकार ने भी बजट की व्यवस्था की है.
कुंभ को देखते हुए हरिद्वार में तमाम बड़े काम जैसे फ्लाईओवर, सड़कें, बिजली की तारों को अंडरग्राउंड करने जैसे कई बड़े कार्यों को अंजाम दिया जा रहा है. इन कार्यों के होने से कुंभ के दौरान आने वाले श्रद्धालुओं कों शहर में किसी भी प्रकार की समस्या का सामना नहीं करना पड़ेगा. हालांकि, ऐसा नहीं है कि अब हरिद्वार शहर पूरी तरह से अव्यवस्थाओं से मुक्त हो गया है. शहर में अभी भी कई जगहों पर कूड़े का अंबार है.
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गौर हो, हरिद्वार नगर निगम क्षेत्र में अब तक सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट का काम देख रही कंपनी हरिद्वार शहर से कूड़ा उठा रही थी, लेकिन कंपनी कूड़ा कलेक्शन फीस बढ़ाए जाने और नगर निगम से पैसे न मिलने की वजह से कंपनी ने नगर निगम के साथ करार तोड़ दिया. हैरानी की बात यह है कि एक महीना होने को है और अब चंद लोग ही शहर में कूड़ा उठाने की व्यवस्था को संभाल रहे हैं.
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हरिद्वार नगर निगम शहर का कूड़ा उठाने का एक्सपेरिमेंट कर रहा है. इस एक्सपेरिमेंट का असर हो रहा है कि हरिद्वार में मुख्य जगहों पर कूड़े का ढेर सुबह से शाम तक लगा रहता है. फिर चाहे वह हरकी पैड़ी क्षेत्र हो, रानीपुर मोड़ हो बस अड्डा हो, चंद्राचार्य चौक हो या फिर कनखल ज्वालापुर के तमाम वो क्षेत्र. जहां से साधु संतों की पेशवाई गुजरेगी और जहां से बाहर से आने वाले श्रद्धालुओं को पैदल चलकर शहर में दाखिल होना पड़ेगा.
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हरिद्वार नगर निगम क्षेत्र की मेयर अनीता शर्मा भी लगातार इस विषय में राज्य सरकार और शहरी विकास मंत्री मदन कौशिक से भी कई बार आग्रह कर चुकी हैं कि इस विषय पर ध्यान दिया जाए. लेकिन महाकुंभ के लिए बहुत कम समय बचा है, ऐसे में इस ओर ध्यान नहीं दिया जा रहा है. इसको लेकर शहर के व्यापारियों में रोष है, जब शहर से कूड़ा ही नहीं उठ पा रहा है तो कुंभ की और व्यवस्थाओं को शासन- प्रशासन या सरकार भला कैसे कर रही होगी.
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उधर, इस विषय में जब हरिद्वार शहर के विधायक और राज्य सरकार में शहरी विकास मंत्रालय देख रहे मदन कौशिक से बातचीत की गई तो उन्होंने कहा कि कूड़े के निस्तारण के लिए अलग से व्यवस्था कर रहे हैं, जो गीला कूड़ा होगा, उसकी अलग व्यवस्था की जाएगी और जो सूखा कूड़ा होगा उसके लिए व्यवस्था अलग से की जाएगी.
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हालांकि, मदन कौशिक भी यह मानते हैं कि कूड़ा उठा रही कंपनी और नगर निगम के बीच किन्हीं कारणों से विवाद हो गया था, जिसके बाद शहर की यह हालत हुई है. लेकिन जल्द ही इस विषय पर कोई ठोस निर्णय लेकर शहर की व्यवस्था को सुधारने का काम किया जाएगा.