ऋषिकेश: तीर्थनगरी की हृदयस्थली कहे जाने वाले त्रिवेणी घाट से गंगा आज भी दूर बह रही है. गंगा की धारा को घाट पर लाने के लिए कई प्रयास किए गए, मगर स्थाई समाधान आज तक नहीं हो पाया है. गंगा की एक जलधारा को त्रिवेणीघाट पर लाने के लिए प्रतिवर्ष लाखों रुपये खर्च किए जाते हैं. लेकिन समस्या जस की तस बनी हुई है.
दरअसल, घाट पर गंगा की जलधारा को स्थाई रूप से लाने के लिए चेक डैम बनाने की जरूरत है. जिसके निर्माण में एनजीटी के नियम बाधक बने हैं. इसका खुलासा पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने किया है. पूर्व सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने दावा किया है कि गंगा की जल धारा को घाट तक लाने के लिए कई बार प्रयास किए गए. लेकिन एनजीटी के नियमों के कारण जलधारा को घाट तक लाने की योजना परवान नहीं चढ़ सकी. ऐसे में गंगा स्नान करने के लिए आने वाले देश-विदेश समेत स्थानीय श्रद्धालुओं को ऋषिकेश में दिक्कतों का समना करना पड़ता है.
पढ़ें:महाकुंभ में आए सात साधु हुए कोरोना पॉजिटिव, हरिद्वार में चार दिन में मिले 300 संक्रमित
वहीं, 4 वर्षों तक सीएम कुर्सी पर बैठने के बाद गंगा की जलधारा को घाट तक लाने में कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई. लेकिन अब कुंभ के दौरान पूर्व सीएम का यह बयान लोगों को अब बेईमानी सा लग रहा है.