देहरादूनः जीवनदायनी मां गंगे की निर्मलता और अविरता को लेकर नमामि गंगे कार्यक्रम में उत्तराखंड वन विभाग को महत्वपूर्ण जिम्मेदारी मिली है. विभाग इस कार्यक्रम के तहत पर्यटकों और स्थानीय लोगों में गंगा के प्रति जागरूक और संवेदनशील बनाने के लिए गंगा वाटिका का निर्माण करने जा रहा है. वहीं, प्रमुख वन संरक्षक ने गंगा की सफाई के लिए नए सुझाव भी दिए और कार्यों की समीक्षा की.
बता दें कि उत्तराखंड वन विभाग, गंगा के प्रति जागरूकता को लेकर गंगा वाटिका का निर्माण करने जा रहा है. अभी तक पौड़ी, कोटद्वार और टिहरी के धनोल्टी में गंगा वाटिका का निर्माण प्रस्तावित है. वन विभाग में नमामि गंगे के अधिकारी भुवन चंद्रा ने बताया कि उत्तराखंड में दो गंगा वाटिका कोटद्वार और टिहरी के धनोल्टी में प्रस्तावित है. इन गंगा वाटिका में गंगा के प्रति स्थानीय लोगों और पर्यटकों को गंगा के प्रति जागरूक किया जाएगा. साथ ही गंगा की देश और जीवन में महत्व को लेकर भी गंगा वाटिका में जानकारी दी जाएगी.
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प्रमुख वन संरक्षक जयराज ने वन विभाग की नमामी गंगे में काम करने वाली टीम को कई सुझाव दिए. इस दौरान उन्होंने कहा कि टीम गंगा वाटिका बनाने के साथ प्रदेश मां गंगा की थीम पर आधारित बड़े आयोजन को लेकर एक केंद्र विकसित करें. इन आयोजनों में मां गंगा की धरती पर उत्पत्ति के साथ ही उनके महत्व का भी वर्णन किया जाए.
वहीं, प्रमुख वन संरक्षक ने अधिकारियों को सुझाव देते हुए कहा कि गुजरात के अहमदाबाद में अक्षरधाम मंदिर में निचिकेता पर आधारित शो को प्रदर्शित किया जाता है. उसी तर्ज उत्तराखंड में गंगा की महिमा का वर्णन किया जाना चाहिए. साथ ही कहा कि प्रदेश में एक ऐसा केंद्र विकसित होना चाहिए जहां पर केवल गंगा के नाम पर लोगों का ध्यान आकर्षित हो सके.