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गुजरात के अक्षरधाम की तर्ज पर हो गंगा की महिमा का वर्णन, वन विभाग बनाएगा गंगा वाटिका

उत्तराखंड वन विभाग, गंगा के प्रति जागरूकता को लेकर गंगा वाटिका का निर्माण करने जा रहा है. अभी तक पौड़ी, कोटद्वार और टिहरी के धनोल्टी में गंगा वाटिका का निर्माण प्रस्तावित है.

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Published : May 7, 2019, 8:54 PM IST

प्रमुख वन संरक्षक जयराज

देहरादूनः जीवनदायनी मां गंगे की निर्मलता और अविरता को लेकर नमामि गंगे कार्यक्रम में उत्तराखंड वन विभाग को महत्वपूर्ण जिम्मेदारी मिली है. विभाग इस कार्यक्रम के तहत पर्यटकों और स्थानीय लोगों में गंगा के प्रति जागरूक और संवेदनशील बनाने के लिए गंगा वाटिका का निर्माण करने जा रहा है. वहीं, प्रमुख वन संरक्षक ने गंगा की सफाई के लिए नए सुझाव भी दिए और कार्यों की समीक्षा की.

जानकारी देते प्रमुख वन संरक्षक जयराज.


बता दें कि उत्तराखंड वन विभाग, गंगा के प्रति जागरूकता को लेकर गंगा वाटिका का निर्माण करने जा रहा है. अभी तक पौड़ी, कोटद्वार और टिहरी के धनोल्टी में गंगा वाटिका का निर्माण प्रस्तावित है. वन विभाग में नमामि गंगे के अधिकारी भुवन चंद्रा ने बताया कि उत्तराखंड में दो गंगा वाटिका कोटद्वार और टिहरी के धनोल्टी में प्रस्तावित है. इन गंगा वाटिका में गंगा के प्रति स्थानीय लोगों और पर्यटकों को गंगा के प्रति जागरूक किया जाएगा. साथ ही गंगा की देश और जीवन में महत्व को लेकर भी गंगा वाटिका में जानकारी दी जाएगी.

ये भी पढे़ंः अच्छी खबरः देहरादून से मुंबई के लिए कल से भरीये उड़ान

प्रमुख वन संरक्षक जयराज ने वन विभाग की नमामी गंगे में काम करने वाली टीम को कई सुझाव दिए. इस दौरान उन्होंने कहा कि टीम गंगा वाटिका बनाने के साथ प्रदेश मां गंगा की थीम पर आधारित बड़े आयोजन को लेकर एक केंद्र विकसित करें. इन आयोजनों में मां गंगा की धरती पर उत्पत्ति के साथ ही उनके महत्व का भी वर्णन किया जाए.


वहीं, प्रमुख वन संरक्षक ने अधिकारियों को सुझाव देते हुए कहा कि गुजरात के अहमदाबाद में अक्षरधाम मंदिर में निचिकेता पर आधारित शो को प्रदर्शित किया जाता है. उसी तर्ज उत्तराखंड में गंगा की महिमा का वर्णन किया जाना चाहिए. साथ ही कहा कि प्रदेश में एक ऐसा केंद्र विकसित होना चाहिए जहां पर केवल गंगा के नाम पर लोगों का ध्यान आकर्षित हो सके.

देहरादूनः जीवनदायनी मां गंगे की निर्मलता और अविरता को लेकर नमामि गंगे कार्यक्रम में उत्तराखंड वन विभाग को महत्वपूर्ण जिम्मेदारी मिली है. विभाग इस कार्यक्रम के तहत पर्यटकों और स्थानीय लोगों में गंगा के प्रति जागरूक और संवेदनशील बनाने के लिए गंगा वाटिका का निर्माण करने जा रहा है. वहीं, प्रमुख वन संरक्षक ने गंगा की सफाई के लिए नए सुझाव भी दिए और कार्यों की समीक्षा की.

जानकारी देते प्रमुख वन संरक्षक जयराज.


बता दें कि उत्तराखंड वन विभाग, गंगा के प्रति जागरूकता को लेकर गंगा वाटिका का निर्माण करने जा रहा है. अभी तक पौड़ी, कोटद्वार और टिहरी के धनोल्टी में गंगा वाटिका का निर्माण प्रस्तावित है. वन विभाग में नमामि गंगे के अधिकारी भुवन चंद्रा ने बताया कि उत्तराखंड में दो गंगा वाटिका कोटद्वार और टिहरी के धनोल्टी में प्रस्तावित है. इन गंगा वाटिका में गंगा के प्रति स्थानीय लोगों और पर्यटकों को गंगा के प्रति जागरूक किया जाएगा. साथ ही गंगा की देश और जीवन में महत्व को लेकर भी गंगा वाटिका में जानकारी दी जाएगी.

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प्रमुख वन संरक्षक जयराज ने वन विभाग की नमामी गंगे में काम करने वाली टीम को कई सुझाव दिए. इस दौरान उन्होंने कहा कि टीम गंगा वाटिका बनाने के साथ प्रदेश मां गंगा की थीम पर आधारित बड़े आयोजन को लेकर एक केंद्र विकसित करें. इन आयोजनों में मां गंगा की धरती पर उत्पत्ति के साथ ही उनके महत्व का भी वर्णन किया जाए.


वहीं, प्रमुख वन संरक्षक ने अधिकारियों को सुझाव देते हुए कहा कि गुजरात के अहमदाबाद में अक्षरधाम मंदिर में निचिकेता पर आधारित शो को प्रदर्शित किया जाता है. उसी तर्ज उत्तराखंड में गंगा की महिमा का वर्णन किया जाना चाहिए. साथ ही कहा कि प्रदेश में एक ऐसा केंद्र विकसित होना चाहिए जहां पर केवल गंगा के नाम पर लोगों का ध्यान आकर्षित हो सके.

Intro:Note- इस खबर के Visual Byte's FTP से Ganga Vatika नाम से भेजी

गंगा वाटिका बताएगी गंगा की महीमा

एंकर- उत्तराखंड वन विभाग नमामी गंगे कार्यक्रम के तहत पर्यटकों और स्थानीय लोगों में गंगा के प्रति जागरुक और संवेदनशील बनाने के लिए गंगा वाटिका का निर्माण करने जा रही है। अभी तक पोड़ी में कोटद्वार और टीहरी में धनोल्टी में इन गंगा वाटिकाओं का निर्माण प्रत्सावित हुआ है तो वहीं प्रमुख वन संरक्षक ने गंगा की जागरुकता को लेकर कुछ नये सुझाव भी दिये।



Body:वीओ- जीवन दायनी मां गंगे की निर्मलता और अविरता को लेकर नमामी गंगे कार्यक्रम में उत्तराखंड वन विभाग को भी महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां मिली है। वन विभाग समय समय पर इन कार्यों की समिक्षा और गंगा की बेहतरी को लेकर क्या बेहतर हो सकता है इस पर चर्चा करती है। इसी कड़ी में उत्तराकंड वन विभाग द्वारा गंगा के प्रति जागरुकता को लेकर गंगा वाटिकाओं का निर्माण किया जा रहा है। वन विभाग में नमामी गंगे अधिकारी भुवन चंद्रा ने बताया कि उत्तराखंड में दो गंगा वाटिका कोटद्वार और टीहरी के धनोल्टी में प्रस्तावित हुई है। इन गंगा वाटिकाओं में गंगा के प्रति स्थानीय लोगों और प्रर्यटकों को गंगा के प्रति जागरुक किया जाएगा। साथ ही गंगा की हमारे देश और जीवन में महत्व को लेकर भी इन गंगा वाटिकाओं में जानकारी दी जाएगी । 

अहमदाबाद के अक्षरधाम मंदिर के तर्ज पर हो गंगा की महीमा का वर्णण-
प्रमुख वन संरक्षक जयराज ने वन विभाग की नमामे गंगे में काम करने वाली टीम को सुझाव दिया है कि वो गंगा वाटिका तो बनाये ही लेकिन प्रदेश में कोई एक एसा केंद्र विकसित करें जहां मां गंगा की थीम पर आधारित कुछ बड़े आयोजन हो और इन आयोजन में मां गंगा की धरती पर उत्पत्ती के साथ ही मां गंगा का अलग अलग क्षत्रों में महत्व का भी वर्णम हो। प्रमुख वन संरक्षक अधिकारियों को सुझाव दिया कि जिस तरह से गुजरात के अहमदाबाद में अक्षरधाम मंदिर में निचिकेता पर आधारित शो को प्रदर्शित किया जाता है कुछ एसा ही उत्तराखंड में गंगा को लेकर नमामी गंगे की टीम को करना चाहिए और प्रदेश में एक एसा केंन्द्र विकसित होना चाहिए जहां केवल गंगा के नाम पर लोगों का ध्यान आकृषित हो।

बाइट- जयराज, प्रमुख वन संरक्षक



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