देहरादून: पुलिस ने रजिस्ट्रार ऑफिस में दस्तावेजों से छेड़छाड़ करने वाले अंतरराज्यीय गिरोह का भंडाफोड़ किया है. नगर कोतवाली पुलिस ने करोड़ों की जमीनों की खरीद फरोख्त करने वाले तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है. हाल ही में देहरादून रजिस्ट्रार ऑफिस में जमीन से जुड़े दस्तावेजों से छेड़छाड़ के मामले सामने आए थे. जिसकी शिकायत पर सीएम पुष्कर सिंह धामी ने भी यहां पहुंचकर निरीक्षण किया था. इसके बाद मुख्यमंत्री ने आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए पुलिस को निर्देश दिए थे. इस निर्देश पर एसएसपी देहरादून ने एक टीम गठित की.
गिरोह का सरगना इमरान अभी फरार: पुलिस की छानबीन में सामने आया कि गिरोह का सरगना इमरान नाम के एक वकील है. उसने संतोष अग्रवाल और दीपचंद अग्रवाल दो चचेरे भाइयों के नाम पर लगभग साढ़े बारह एकड़ जमीन रायपुर थाना क्षेत्र में टी स्टेट की भूमि में हेराफेरी की. साथ ही रजिस्ट्रार ऑफिस में तैनात एक पीआरडी जवान डालचंद की मदद से इस जमीन के दस्तावेजों से छेड़छाड़ की. पुलिस ने आरोपी संतोष अग्रवाल, दीपचंद अग्रवाल और डालचंद को गिरफ्तार किया है. आरोपी वकील इमरान अभी भी फरार है. पुलिस ने इमरान की गिरफ्तारी के लिए टीमें रवाना कर दी हैं. माना जा रहा है कि इमरान की गिरफ्तारी से देहरादून जमीन फर्जीवाड़े में कई बड़े खुलासे हो सकते हैं.
मामले के खुलासे के एसआईटी टीम का गठन: 15 जुलाई को संदीप श्रीवास्तव सहायक महानिरीक्षक निबंधन ने शिकायत दर्ज कराई कि जिलाधिकारी द्वारा 3 गठित समिति की जांच रिपोर्ट में अज्ञात आरोपियों की मिलीभगत से धोखाधड़ी की नियत से आपराधिक षडयंत्र रचकर रजिस्ट्रार कार्यालय और उप रजिस्ट्रार कार्यालय में अलग-अलग बैनामो में छेड़छाड़ की गई है. जिस संबंध में अज्ञात आरोपियों के मुकदमा पंजीकृत किया गया. मुकदमा पंजीकृत होने के बाद एसपी ने मामले के खुलासे को लेकर एसआईटी टीम का गठन किया था.
टीम आरोपियों तक कैसे पहुंची: पुलिस टीम ने रजिस्ट्रार ऑफिस से जानकारी लेते हुए रिंग रोड से सम्बन्धित 50 से अधिक रजिस्ट्रियों का अध्ययन कर सभी लोगों से पूछताछ की. पूछताछ में कुछ प्रॉप्रटी डीलर के नाम समाने आए. जिनसे पूछताछ में फर्जीवाड़े में वकील इमरान का नाम प्रमुखता से आया. साथ ही फर्जी रजिस्ट्री करने वाले सन्तोष अग्रवाल और दीपचन्द अग्रवाल के नाम भी सामने आये. इनके बनाये गये दस्तावेजों को रजिस्ट्रार कार्यालय से प्राप्त करने पर कई फर्जीवाड़े पाये गये. साथ ही इनके कई बैंक एकाउंटस में करोड़ों का लेन देन पाया गया. टीम ने इनके ठिकानों पर दबिश दी. सभी लोग पहले से ही फरार चल रहे थे.
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तीन आरोपियों को किया गिरफ्तार: मुखबिर की सूचना पर आज संतोष अग्रवाल निवासी जनपद चिरांग बीटीएडी असम और दीपचन्द अग्रवाल निवासी असम को शिमला पाईपास से गिरफ्तार किया. जिनसे पूछताछ में रजिस्ट्रार कार्यालय में नियुक्त डालचन्द और अन्य लोगों का नाम सामने आया. आरोपी डालचन्द को बन्नू स्कूल के पास रेसकोर्स से गिरफ्तार किया गया.
आरोपियों ने किस तरह की बैनामो के साथ छेड़छाड़: संतोष अग्रवाल और दीपचन्द अग्रवाल ने बताया उनका लकड़ी और कोयले का काम है. जिसके सिलसिले वह अक्सर सहारनपुर केपी सिंह के पास आते जाते थे. साल 2019 में उनकी मुलाकात केपी सिंह के माध्यम से इमरान वकील से हुई. जिसने उन्हें देहरादून आने के लिए बोला. जिस पर वह देहरादून में इमरान वकील से मिले. जिसने उन्हे बताया कि देहरादून में कई जमीने कई सालो से बीना वारिस के लावारिस पड़ी हैं. उनमें से कुछ जमीनें वह उनके नाम करा सकता है. जिसमें उन्हे लाखों करोड़ो का फायदा होगा. इसके बाद इमरान ने उन्हें कुछ जमीनों के कागजात दिखाये. उन्होंने कुछ जमीन उनके नाम पर कागज बनाये. इमरान ने गारंटी दी की वह इस मामले में उन्हें फंसने नहीं देगा. इमरान ने रजिस्ट्रार कार्यालय के कर्मचारी डालचन्द से उन्हें मिलवाया. जिसने उन्हें आश्वासन दिया. वो भी पैसों के लालच में इनकी बातों में आ गये.
इसके बाद इमरान ने आधार कार्ड, पैन कार्ड, वोटर कार्ड और माता-पिता का डेथ सार्टिफिकेट मंगवाया. फिर इमरान ने संतोष अग्रवाल और दीपचंद अग्रवाल के नाम से रिंग रोड की जमीन के कागज बनवाये. इन कागजों को बनवाने में अर्पित चावला वकील भी इमरान के साथ मिला है. इन लोगों ने महंत इन्द्रेश हॉस्पिटल के आस-पास एक कमरा किराये पर दिलाया. इन लोगों ने दो खाते कोटक महिन्द्रा और एक्सिस बैंक में खुलवाये.
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चेक बुक से इमरान ने किया 'खेल': जिसकी चेक बुक पर सन्तोष अग्रवाल और दीपचन्द अग्रवाल के साईन कराकर इमरान ने अपने पास रख ली. जब रिंग रोड की जमीन कागजों में सन्तोष अग्रवाल और दीपचन्द अग्रवाल के नाम हो गयी इसके बाद ये लोग राजपुर रोड जमीन का सौदा करने के लिये ले गये. जहां पर इमरान का साथी शहनवाज भी था. इन लोगों ने प्रॉपर्टी डीलर गोपाल, सैनी, गुलेरिया और शहजाद से जमीन का सौदा करवाया. जिसमें 25-30 लाख रुपये नकद लिए. कुछ रकम चेक्स से इमरान ने ली. इसके बाद साल 2021-22 में इन लोगों ने अलग-अलग लोगों से रजिस्ट्री करवाई. ब्लैक के सारे पैसे इमरान ही रखता था. रजिस्ट्री के रुपये चेक्स के माध्यम से संतोष अग्रवाल और दीपचन्द अग्रवाल के खाते में आते थे. ये सभी पैसे इमरान ही निकाल लेता था. इन लोगों ने करीब 25-30 लाख रूपये नकद दिये थे. इमरान और शहनवाज की रजिस्ट्रार कार्यालय के रिकॉर्ड रूम में नियुक्त डालचंद से अच्छी बातचीत थी. इन लोगों ने डालचंद की मदद से जमीन सम्बन्धी कागजात बनाये. इनके साथ और भी कई लोग उठते बैठते थे. जिन्हें वे नाम से नहीं जानते.
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एसएसपी दलीप सिंह कुंवर ने बताया आरोपी डालचंज निवासी रेसकोर्स ने पूछताछ में बताया कि वह रजिस्ट्रार कार्यालय में बाइंडर आदि का कार्य करता है. उसे इमरान ने लालच देकर कुछ पुरानी जमीनों के असली कागजात को जिल्द बही से निकालकर फर्जी कागजात लगवाये. रिकॉर्ड रूम में उसका आना जाना था. उसे सभी पुरानी जमीनों के कागजातों के बारे मे अच्छी जानकारी थी. इसके सहारे की वे धोखाधड़ी की घटनाओं को अंजाम देते थे.