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ईटीवी भारत की खबर का असर, पूर्व सैनिक को मिलिट्री अस्पताल लेकर पहुंचे मंत्री गणेश जोशी

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Published : Apr 29, 2021, 10:42 PM IST

ईटीवी भारत पर दिखाई गई खबर के बाद कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी ने खुद पूर्व सैनिक को लेकर अस्पताल पहुंचे.

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सूबेदार मेजर हरि बल्लभ अवस्थी को मिलिट्री अस्पताल लेकर पहुंचे गणेश जोशी

देहरादून: ईटीवी भारत पर दिखाई गई खबर का एक बार फिर असर हुआ है. राजधानी देहरादून में हरि बल्लभ अवस्थी नाम के रिटायर सूबेदार मेजर के लिए कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी ने बेड और ऑक्सीजन की व्यवस्था कर दी है. अब उनकी हालत ठीक है. बता दें पिछले 4 दिनों से रिटायर सूबेदार मेजर ऑक्सीजन के लिए दर-दर भटक रहे थे, लेकिन उन्हें ऑक्सीजन नहीं मिल पा रही थी.

ईटीवी भारत की खबर का संज्ञान लेते हुए उत्तराखंड सरकार में सैनिक कल्याण मंत्री गणेश जोशी ने ना केवल अवस्थी को फोन किया, बल्कि खुद मिलिट्री अस्पताल पहुंचकर उनके लिए बेड की व्यवस्था भी करवाई.

हरि बल्लभ अवस्थी लगभग 8 दिनों से कोरोना महामारी से जूझ रहे हैं. लाख कोशिशों के बाद भी उन्हें ऑक्सीजन सिलेंडर नहीं मिल पा रहा था. लिहाजा ऐसे में उनकी बेटी ने राज्य के तमाम बड़े अधिकारियों और आसपास के लोगों से संपर्क किया, मगर फिर भी उन्हें ऑक्सीजन सिलेंडर नहीं मिला. जिसके बाद थक हारकर ईटीवी भारत ने इस खबर को प्रमुखता से उठाया.

पढ़ें- गुरुवार को कोरोना ने तोड़े सारे रिकॉर्ड, 6251 नए मरीज, 85 हारे जिंदगी की जंग

अब ईटीवी भारत की खबर का असर हुआ है. खुद मंत्री गणेश जोशी ने इस मामले का संज्ञान लिया है. गणेश जोशी ने जब ईटीवी भारत से इस बाबत बात की तो उन्होंने बताया कि अवस्थी उनके बहुत पुराने दोस्त हैं, उन्हें नहीं मालूम था कि वे ऐसी हालत में हैं. वे तुरंत दफ्तर से उठकर मिलिट्री अस्पताल पहुंचे. जहां पर उन्होंने बीमारी से जूझ रहे हरि बल्लभ अवस्थी के लिए बेड और ऑक्सीजन की व्यवस्था करवाई.

पढ़ें- कोविड कर्फ्यू: सता रहा लॉकडाउन का डर, घरों को लौट रहे छात्र और मजदूर

इस पूरे मामले पर हरि बल्लभ अवस्थी की बेटी ईशा नेगी का कहना है कि उन्हें ऐसा लग रहा था कि उनके पिता बहुत बड़े संकट में हैं. अब कौन उन्हें बचा सकता है, लेकिन ईटीवी भारत के प्रयास से और मंत्री गणेश जोशी की व्यवस्था के बाद उनके पिता की जान बचाई जा सकती है. उन्होंने गणेश जोशी का दिल से धन्यवाद भी किया.

राजधानी के नींबूवाल कौलागढ़ के रहने हरि बल्लभ अवस्थी अपने दो जवान बेटों को अवस्थी पहले ही खो चुके हैं. अब उनकी देखरेख उनकी बेटी ऊषा पंत कर रही हैं. ऊषा बताती हैं कि पिछले 48 घंटे से देहरादून के अलग-अलग जगहों पर उन्होंने कई कॉल किए और कई लोगों से संपर्क किया. लेकिन ऑक्सीजन सिलेंडर कहीं से मिल नहीं रहा था. ऐसे में उनके पिता की हालत खराब हो रही थी.

देहरादून: ईटीवी भारत पर दिखाई गई खबर का एक बार फिर असर हुआ है. राजधानी देहरादून में हरि बल्लभ अवस्थी नाम के रिटायर सूबेदार मेजर के लिए कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी ने बेड और ऑक्सीजन की व्यवस्था कर दी है. अब उनकी हालत ठीक है. बता दें पिछले 4 दिनों से रिटायर सूबेदार मेजर ऑक्सीजन के लिए दर-दर भटक रहे थे, लेकिन उन्हें ऑक्सीजन नहीं मिल पा रही थी.

ईटीवी भारत की खबर का संज्ञान लेते हुए उत्तराखंड सरकार में सैनिक कल्याण मंत्री गणेश जोशी ने ना केवल अवस्थी को फोन किया, बल्कि खुद मिलिट्री अस्पताल पहुंचकर उनके लिए बेड की व्यवस्था भी करवाई.

हरि बल्लभ अवस्थी लगभग 8 दिनों से कोरोना महामारी से जूझ रहे हैं. लाख कोशिशों के बाद भी उन्हें ऑक्सीजन सिलेंडर नहीं मिल पा रहा था. लिहाजा ऐसे में उनकी बेटी ने राज्य के तमाम बड़े अधिकारियों और आसपास के लोगों से संपर्क किया, मगर फिर भी उन्हें ऑक्सीजन सिलेंडर नहीं मिला. जिसके बाद थक हारकर ईटीवी भारत ने इस खबर को प्रमुखता से उठाया.

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अब ईटीवी भारत की खबर का असर हुआ है. खुद मंत्री गणेश जोशी ने इस मामले का संज्ञान लिया है. गणेश जोशी ने जब ईटीवी भारत से इस बाबत बात की तो उन्होंने बताया कि अवस्थी उनके बहुत पुराने दोस्त हैं, उन्हें नहीं मालूम था कि वे ऐसी हालत में हैं. वे तुरंत दफ्तर से उठकर मिलिट्री अस्पताल पहुंचे. जहां पर उन्होंने बीमारी से जूझ रहे हरि बल्लभ अवस्थी के लिए बेड और ऑक्सीजन की व्यवस्था करवाई.

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इस पूरे मामले पर हरि बल्लभ अवस्थी की बेटी ईशा नेगी का कहना है कि उन्हें ऐसा लग रहा था कि उनके पिता बहुत बड़े संकट में हैं. अब कौन उन्हें बचा सकता है, लेकिन ईटीवी भारत के प्रयास से और मंत्री गणेश जोशी की व्यवस्था के बाद उनके पिता की जान बचाई जा सकती है. उन्होंने गणेश जोशी का दिल से धन्यवाद भी किया.

राजधानी के नींबूवाल कौलागढ़ के रहने हरि बल्लभ अवस्थी अपने दो जवान बेटों को अवस्थी पहले ही खो चुके हैं. अब उनकी देखरेख उनकी बेटी ऊषा पंत कर रही हैं. ऊषा बताती हैं कि पिछले 48 घंटे से देहरादून के अलग-अलग जगहों पर उन्होंने कई कॉल किए और कई लोगों से संपर्क किया. लेकिन ऑक्सीजन सिलेंडर कहीं से मिल नहीं रहा था. ऐसे में उनके पिता की हालत खराब हो रही थी.

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