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श्राइन बोर्डः गणेश गोदियाल ने त्रिवेंद्र सरकार पर साधा निशाना, फैसले को बताया जनविरोधी

पूर्व विधायक और बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति के पूर्व अध्यक्ष गणेश गोदियाल ने चारधाम श्राइन बोर्ड को लेकर सरकार पर जमकर हमला बोला है. उन्होंने कहा कि सरकार का हर फैसला जनविरोधी है.

ganesh godiyal
चारधाम श्राइन बोर्ड
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Published : Nov 29, 2019, 11:10 PM IST

Updated : Nov 29, 2019, 11:18 PM IST

देहरादूनः उत्तराखंड में चारधाम श्राइन बोर्ड प्रस्ताव को लेकर सियासत गरमा गई है. इस फैसले के विरोध में चारों धामों के तीर्थ पुरोहित अपना विरोध दर्ज करा चुके हैं. वहीं, अब बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति के पूर्व अध्यक्ष गणेश गोदियाल ने भी सरकार पर निशाना साधा है. उनका कहना है कि बीजेपी सरकार हर कदम पर तानाशाही रवैया अपना रही है. साथ ही सरकार का हर फैसला जन विरोधी है.

चारधाम श्राइन बोर्ड को लेकर बयान देते गणेश गोदियाल.

पूर्व विधायक और बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति के पूर्व अध्यक्ष गणेश गोदियाल ने सरकार पर जमकर हमला बोला है. उन्होंने कहा कि सरकार लोकतांत्रिक तरीके से नहीं चल रही है. सरकार का रवैया तानाशाही पूर्ण है और जनविरोधी है. उन्होंने कहा कि सरकार ने चारों धामों के अलावा 51 मंदिरों के लिए श्राइन बोर्ड बनाने की बात की है, लेकिन इन मंदिरों की तुलना अन्य मंदिरों से नहीं की जा सकती है.

ये भी पढ़ेंः बर्फबारी के बाद औली में बढ़ी रौनक, दुनियाभर से पहुंच रहे स्कीइंग के दीवाने

उन्होंने कहा कि इनकी तुलना रामेश्वरम, काशी विश्वनाथ, द्वारिकाधीश मंदिर से की जाए तो माना जा सकता है कि मंदिरों की व्यवस्था के लिए यह श्राइन बोर्ड बनाई गई है. ऐसे उन मंदिरों से तुलना करके श्राइन बोर्ड बनाने का कोई मतलब नहीं रह जाता है. सरकार उन मंदिरों की तुलना कर यहां श्राइन बोर्ड बना रही है, जबकि हमारी यह मंदिर पौराणिक हैं. आस्था और हक-हकूकों जैसे गंभीर मुद्दों से जुड़े हुए हैं.

वहीं, गोदियाल ने कहा कि यह एक संवेदनशील मामला है. इसमें सरकार को सधे हुए तरीके से काम करने की जरूरत है. सरकार के अधीन जो लोग संवैधानिक पदों पर बैठे हुए हैं, वे भी इस फैसले से नाखुश हैं. उन्होंने कहा कि बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति अध्यक्ष समेत चार धाम विकास परिषद के अध्यक्ष की राय भी सरकार के पक्ष में नहीं हैं, ऐसे में सभी की राय के खिलाफ फैसला लिया गया है तो इसके अच्छे परिणाम नहीं आएंगे.

देहरादूनः उत्तराखंड में चारधाम श्राइन बोर्ड प्रस्ताव को लेकर सियासत गरमा गई है. इस फैसले के विरोध में चारों धामों के तीर्थ पुरोहित अपना विरोध दर्ज करा चुके हैं. वहीं, अब बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति के पूर्व अध्यक्ष गणेश गोदियाल ने भी सरकार पर निशाना साधा है. उनका कहना है कि बीजेपी सरकार हर कदम पर तानाशाही रवैया अपना रही है. साथ ही सरकार का हर फैसला जन विरोधी है.

चारधाम श्राइन बोर्ड को लेकर बयान देते गणेश गोदियाल.

पूर्व विधायक और बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति के पूर्व अध्यक्ष गणेश गोदियाल ने सरकार पर जमकर हमला बोला है. उन्होंने कहा कि सरकार लोकतांत्रिक तरीके से नहीं चल रही है. सरकार का रवैया तानाशाही पूर्ण है और जनविरोधी है. उन्होंने कहा कि सरकार ने चारों धामों के अलावा 51 मंदिरों के लिए श्राइन बोर्ड बनाने की बात की है, लेकिन इन मंदिरों की तुलना अन्य मंदिरों से नहीं की जा सकती है.

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उन्होंने कहा कि इनकी तुलना रामेश्वरम, काशी विश्वनाथ, द्वारिकाधीश मंदिर से की जाए तो माना जा सकता है कि मंदिरों की व्यवस्था के लिए यह श्राइन बोर्ड बनाई गई है. ऐसे उन मंदिरों से तुलना करके श्राइन बोर्ड बनाने का कोई मतलब नहीं रह जाता है. सरकार उन मंदिरों की तुलना कर यहां श्राइन बोर्ड बना रही है, जबकि हमारी यह मंदिर पौराणिक हैं. आस्था और हक-हकूकों जैसे गंभीर मुद्दों से जुड़े हुए हैं.

वहीं, गोदियाल ने कहा कि यह एक संवेदनशील मामला है. इसमें सरकार को सधे हुए तरीके से काम करने की जरूरत है. सरकार के अधीन जो लोग संवैधानिक पदों पर बैठे हुए हैं, वे भी इस फैसले से नाखुश हैं. उन्होंने कहा कि बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति अध्यक्ष समेत चार धाम विकास परिषद के अध्यक्ष की राय भी सरकार के पक्ष में नहीं हैं, ऐसे में सभी की राय के खिलाफ फैसला लिया गया है तो इसके अच्छे परिणाम नहीं आएंगे.

Intro:भाजपा सरकार द्वारा श्राइन बोर्ड प्रस्ताव को लेकर सियासत गरमा गई है इस फैसले का जहां चारों धामों के तीर्थ पुरोहित सामने आकर अपना विरोध दर्ज करा चुके हैं तो वही बदरीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति के पूर्व अध्यक्ष गणेश गोदियाल ने भी सरकार पर निशाना साधा है।Body:पूर्व विधायक और बदरीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति के पूर्व अध्यक्ष गणेश गोदियाल ने सरकार पर हमला करते हुए कहा कि सरकार के किसी भी कदम से यह नहीं लगता कि यह सरकार लोकतांत्रिक तरीके से चल रही है। इनका हर कदम तानाशाही पूर्ण है और प्रत्येक फैसला जनविरोधी है सरकार ने चारों धामों के अतिरिक्त 51 मंदिरों के लिए श्राइन बोर्ड बनाने की बात की है लेकिन इन मंदिरों की तुलना अन्य मंदिरों से नहीं की जा सकती है। इनकी तुलना यदि रामेश्वरम काशी विश्वनाथ द्वारिकाधीश मंदिर से की जाए तो माना जा सकता है लेकिन जिन मंदिरों की व्यवस्था के लिए यह श्राइन बोर्ड बने हैं उन मंदिरों से तुलना करके श्राइन बोर्ड बनाने का कोई मतलब नहीं रहता। सरकार उन मंदिरों की तुलना करके यहां साइन बोर्ड बना रही है जबकि हमारी यह मंदिर पौराणिक हैं और आस्था और हक हकूकों जैसे गंभीर मुद्दों से जुड़े हुए हैं। सरकार ने आनन-फानन में कैबिनेट बैठक बुलाकर प्रस्ताव तो पास कर दिया लेकिन इसके लिए सब को विश्वास में नहीं लिया।
बाइट गणेश गोदियाल पूर्व अध्यक्ष बदरीनाथ केदारनाथ मंदिर समितिConclusion:वही गणेश गोदियाल का कहना है कि यह एक संवेदनशील मसला है और इसमें सरकार को सधे हुए तरीके से काम करने की जरूरत है। सरकार के अधीन जो लोग संवैधानिक पदों पर बैठे हुए हैं वह भी इस फैसले से नाखुश हैं। बदरीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति अध्यक्ष समेत चार धाम विकास परिषद के अध्यक्ष की राय भी सरकार के पक्ष में नहीं हैं, ऐसे में सभी की राय के खिलाफ यदि यह फैसला किया गया है तो इसके परिणाम अच्छे नहीं आएंगे।
Last Updated : Nov 29, 2019, 11:18 PM IST
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