देहरादूनः उत्तराखंड में चारधाम श्राइन बोर्ड प्रस्ताव को लेकर सियासत गरमा गई है. इस फैसले के विरोध में चारों धामों के तीर्थ पुरोहित अपना विरोध दर्ज करा चुके हैं. वहीं, अब बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति के पूर्व अध्यक्ष गणेश गोदियाल ने भी सरकार पर निशाना साधा है. उनका कहना है कि बीजेपी सरकार हर कदम पर तानाशाही रवैया अपना रही है. साथ ही सरकार का हर फैसला जन विरोधी है.
पूर्व विधायक और बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति के पूर्व अध्यक्ष गणेश गोदियाल ने सरकार पर जमकर हमला बोला है. उन्होंने कहा कि सरकार लोकतांत्रिक तरीके से नहीं चल रही है. सरकार का रवैया तानाशाही पूर्ण है और जनविरोधी है. उन्होंने कहा कि सरकार ने चारों धामों के अलावा 51 मंदिरों के लिए श्राइन बोर्ड बनाने की बात की है, लेकिन इन मंदिरों की तुलना अन्य मंदिरों से नहीं की जा सकती है.
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उन्होंने कहा कि इनकी तुलना रामेश्वरम, काशी विश्वनाथ, द्वारिकाधीश मंदिर से की जाए तो माना जा सकता है कि मंदिरों की व्यवस्था के लिए यह श्राइन बोर्ड बनाई गई है. ऐसे उन मंदिरों से तुलना करके श्राइन बोर्ड बनाने का कोई मतलब नहीं रह जाता है. सरकार उन मंदिरों की तुलना कर यहां श्राइन बोर्ड बना रही है, जबकि हमारी यह मंदिर पौराणिक हैं. आस्था और हक-हकूकों जैसे गंभीर मुद्दों से जुड़े हुए हैं.
वहीं, गोदियाल ने कहा कि यह एक संवेदनशील मामला है. इसमें सरकार को सधे हुए तरीके से काम करने की जरूरत है. सरकार के अधीन जो लोग संवैधानिक पदों पर बैठे हुए हैं, वे भी इस फैसले से नाखुश हैं. उन्होंने कहा कि बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति अध्यक्ष समेत चार धाम विकास परिषद के अध्यक्ष की राय भी सरकार के पक्ष में नहीं हैं, ऐसे में सभी की राय के खिलाफ फैसला लिया गया है तो इसके अच्छे परिणाम नहीं आएंगे.