ऋषिकेश: चारधाम यात्रा प्रारंभ होने में अभी महीने भर का वक्त बाकी है. लेकिन सरकार ने अभी से यह साफ कर दिया कि तीर्थयात्रा पर आने वाले यात्रियों को कोरोना नेगेटिव रिपोर्ट या फिर वैक्सीनेशन का प्रमाण पत्र साथ लाना होगा.
सरकार के इस फैसले पर यात्रा से जुड़े निजी परिवहन व्यवसायियों का कहना है कि बीते वर्ष कोरोना काल में यात्रा ठप होने के कारण व्यापार पूरी तरह से चौपट हो गया था. नौबत ऐसी आई थी कि वाहन मालिकों को बस चालक और परिचालकों को बिना काम किए न सिर्फ तनख्वाह देनी पड़ी, बल्कि घर-गृहस्थी चलाने में भी काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा. वहीं, उत्तराखंड परिवहन महासंघ के अध्यक्ष सुधीर राय ने बताया कि सरकार को इस तरह का कोई भी फैसला लेने से पहले एक बार यात्रा से जुड़े परिवहन व्यवसायियों के बारे में जरूर सोचना चाहिए. साथ ही उन्होंने सरकार से चारधाम यात्रा को लेकर नियम सरल करने की मांग की है.
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वहीं, संयुक्त रोटेशन यात्रा व्यवस्था समिति के अध्यक्ष मनोज ध्यानी ने कहा कि इतना बड़ा फैसला लेते वक्त सरकार ने परिवहन वासियों को विश्वास में लेने की नहीं सोची. उन्होंने यात्रा से संबंधित किसी भी तरह की गाइडलाइन और नियम को निर्धारित करने से पहले सरकार से परिवहन व्यवसायियों की भी राय लेने की मांग की है. साथ ही उन्होंने कहा कि अगर इस बार भी पिछले वर्ष की तरह हुआ तो, यात्रा पर निर्भर परिवहन व्यवसायियों के सामने भूखों मरने की नौबत आ जाएगी.