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उत्तराखंड में कोरोना वायरस का 'सफरनामा', जानिए कब-क्या हुआ?

उत्तराखंड में कोरोना वायरस ने पहली बार कब दस्तक दी थी. उत्तराखंड सरकार कोरोना वायरस को लेकर कब-क्या किया, जानने के लिए पढ़िए हमारी स्पेशन रिपोर्ट कोरोना वायरस का 'सफरनामा'.

Full story of corona virus in Uttarakhand
उत्तराखंड में कोरोना वायरस का 'सफरनामा'
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Published : Jun 13, 2020, 8:54 PM IST

देहरादून: देश-दुनिया में कोरोना वायरस का कहर कम होने का नाम नहीं ले रहा है. उत्तराखंड में मैदान से लेकर पहाड़ तक रोजाना कई लोग संक्रमित मिल रहे हैं. हमारी इस रिपोर्ट के जरिए जानिए उत्तराखंड में कोरोना की दस्तक कब हुई और इस दौरान क्या कुछ बदलाव हुए.

उत्तराखंड विषम भौगोलिक परिस्थितियों के चलते सीमित संसाधनों में सिमटा हुआ है. लॉकडाउन की वजह से उत्तराखंड के लोगों के साथ राजस्व को भी बड़ा नुकसान हुआ है. क्योंकि लॉकडाउन के चलते प्रदेश के सभी व्यवसाय पूरी तरह ठप हो गए हैं. उत्तराखंड की आय का प्रमुख स्त्रोत पर्यटन भी पूरा तरह से ठप है. जिसकी वजह से राजस्व के साथ-साथ व्यवसायियों की कमर भी टूट गई है.

उत्तराखंड में कोरोना की दस्तक

प्रदेश में कोरोना की दस्तक 15 मार्च को हुई थी. देहरादून स्थित इंदिरा गांधी राष्ट्रीय वन प्रशिक्षण अकादमी में एक ट्रेनी आईएफएस अफसर, जो स्पेन से ट्रेनिंग लेकर वापस लौटे थे. उनमें कोरोना वायरस की पुष्टि हुई थी. इसके बाद 19 मार्च को इंदिरा गांधी राष्ट्रीय वन अकादमी के ही दो और ट्रेनी आईएफएस अफसर भी कोरोना पॉजिटिव पाए गए थे.

22 मार्च को जनता कर्फ्यू का आह्वान

देश भर में कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए सरकार की तरफ से जनता कर्फ्यू का आह्वान किया गया था. 22 मार्च सुबह 7 से रात 9 बजे तक जनता कर्फ्यू लागू किया था. इस दौरान सड़कें पूरी तरह वीरान रही.

23 मार्च को उत्तराखंड में लागू हुआ लॉकडाउन

उत्तराखंड सरकार ने कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए 23 मार्च से 31 मार्च तक पूरे प्रदेश को लॉकडाउन कर दिया था. इस दौरान केवल आवश्यक चीजों के लिए ही दुकानें खुली थी. आवश्यक सेवाओं से जुड़े वाहनों को छोड़ सभी प्रकार के वाहनों पर प्रतिबंध लागू किया गया था. हालांकि 24 मार्च को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देशवासियों को संबोधित करते हुए 25 मार्च से 14 अप्रैल तक देशव्यापी लॉकडाउन की घोषणा कर दी थी.

ये भी पढ़ें: पिथौरागढ़ के दो भाई बने सेना में अफसर, एक दूसरे के कंधे पर सजाया रैंक

16 अप्रैल को राज्य में बने जोन

15 अप्रैल से पूरे देश में लॉकडाउन का दूसरा चरण लागू हुआ. जो 3 मई तक जारी रहा. इस दौरान केंद्र सरकार की गाइडलाइन के मुताबिक उत्तराखंड सरकार ने पूरे राज्य को रेड, ग्रीन और ऑरेंज जोन में बांट दिया. रेड जोन में देहरादून, ऑरेंज जोन में हरिद्वार, ऊधमसिंहनगर, नैनीताल, पौड़ी, अल्मोड़ा और ग्रीन जोन में बागेश्वर, चमोली, चंपावत, पिथौरागढ़, रुद्रप्रयाग, टिहरी और उत्तरकाशी को शामिल किया गया.

20 अप्रैल से मिली छूट

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दिशा-निर्देश पर 20 अप्रैल के बाद तमाम चीजों में छूट दी गई. जिसके तहत प्रदेश के किसानों, मनरेगा, आवश्यक सेवाओं से जुड़ी चीज के साथ-साथ ईट-भट्टों आदि को भी छूट दी गई. हालांकि आवेदन करने वाले इंडस्ट्री को भी छूट देने का निर्णय लिया गया था. ताकि प्रदेश की व्यवस्थाएं सुचारू रूप से चल सके.

वापसी के लिए रजिस्ट्रेशन

लॉकडाउन के तीसरे चरण के दौरान उत्तराखंड सरकार ने दूसरे प्रदेशों में फंसे प्रवासियों को लाने की प्रक्रिया शुरू की. इसके तहत वापस आने वाले प्रवासियों के ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन की व्यवस्था शुरू की गई. साथ ही प्रदेश से बाहर जाने वाले लोगों के लिए भी रजिस्ट्रेशन की सुविधा बनाई गई.

ये भी पढ़ें: बिना मास्क दिखे या क्वारंटाइन का किया उल्लंघन तो लगेगा बड़ा जुर्माना, राज्यपाल ने अध्यादेश को दी मंजूरी

लॉकडाउन 3.0 में राहत

4 मई से 17 मई तक लॉकडाउन के तीसरे चरण के दौरान केंद्र की गाइडलाइन के अनुसार उत्तराखंड सरकार ने राज्य के भीतर तमाम रियायतें दी गई. जिसके तहत ग्रीन जोन में बाजारों के खुलने का समय सुबह 7 बजे से शाम 4 बजे तक निर्धारित किया. साथ ही शराब की दुकानें भी खोल दी गईं. इसके साथ ही ग्रीन जोन में आने वाले जिलों में सरकारी और गैर सरकारी दफ्तर खोले जाने के भी निर्देश दिए गए थे. लेकिन स्कूल, कॉलेज, मॉल, सिनेमा घर, कॉम्प्लेक्स, होटल, रेस्टोरेंट आदि बंद ही रहे.

लॉकडाउन 4.0 में बढ़ा छूट का दायरा

18 मई से 31 मई तक लॉकडाउन के चौथे चरण में केंद्र ने छूट का दायरा बढ़ा दिया. जिसके बाद सरकार ने प्रदेश को ऑरेंज और ग्रीन में विभाजित कर दिया. इस दौरान ग्रीन और ऑरेंज जोन में सभी दुकानें सुबह 7 से शाम 4 बजे तक खोलने के निर्देश दिए थे. लेकिन रविवार को सिर्फ आवश्यक सेवाओं से जुड़ी दुकानों को ही खोलने का निर्देश दिए गए थे. यहीं नहीं कंटेनमेंट जोन में किसी भी प्रकार की दुकान या फिर ऑफिस नहीं खोलने के आदेश दिए गए थे और प्रदेश में धार्मिक, राजनीतिक आयोजनों पर पाबंदी लगाई गई थी.

लॉकडाउन 5.0 में राज्यों को मिली बड़ी राहत

केंद्र सरकार ने गाइडलाइन जारी करते हुए लॉकडाउन के पांचवें चरण के तहत 1 जून से 30 जून तक लॉकडाउन बढ़ाने का एलान किया था. हालांकि राज्य में क्या कुछ व्यवस्थाएं रहेंगी, इसका निर्णय राज्य सरकारों पर छोड़ दिया था. केंद्र की गाडइलाइन पर दुकानें सुबह 7 बजे से शाम 7 बजे तक खुलने लगी. राजधानी देहरादून के नगर निगम क्षेत्र में शनिवार और रविवार को सिर्फ आवश्यक सेवाओं को ही खोलने की अनुमति मिली. क्योंकि इन दो दिनों में नगर निगम द्वारा सैनिटाइजेशन का काम निर्धारित किया गया है.

अनलॉक 1.0 में उत्तराखंड लोगों को बड़ी राहत

केंद्र सरकार की गाइडलाइन पर प्रदेश के सभी धार्मिक स्थलों, मॉल, होटल, ढाबे आदि खोलने की अनुमति जारी की गई. हालांकि स्कूल-कॉलेज, सिनेमाघर आदि को बंद करने के निर्देश दिए गए. कोरोना के बढ़ते खतरे के बीच देहरादून और कंटेनमेंट जोन में धार्मिक स्थलों को खोलने की अनुमति नहीं दी गई. इसके साथ ही उत्तराखंड के चारधाम यात्रा सिर्फ स्थानीय लोगों के लिए खोला गया.

ये भी पढ़ें: देहरादून: सीएम के बयान पर कांग्रेस का पलटवार, आरोपों को बताया बचकाना

दूसरे राज्यों से आने वालों को राहत

अनलॉक 1.0 में एक जिले से दूसरे जिले और एक राज्य से दूसरे राज्य जाने के लिए पास की जरूरत को खत्म कर दिया गया. हालांकि देश के हॉट स्पॉट क्षेत्रों से आने वाले लोगों के लिए 7 दिन इंस्टीट्यूशनल और 14 दिन होम क्वारंटाइन अनिवार्य किया गया है.

वीवीआईपी को विशेष छूट

अनलॉक 1.0 के तहत उत्तराखंड सरकार ने राज्य के भीतर और राज्य के बाहर ऑफिशियल काम से आने-जाने वाले वीवीआईपी को क्वारंटाइन नहीं करने का फैसला लिया है. हालांकि अधिकारियों को कोरोना से बचाव के लिए जरूरी दिशा-निर्देश और नियमों का पालन करना होगा. इस फैसले के तहत अब केंद्रीय मंत्री, प्रदेश सरकार के मंत्री, हाईकोर्ट के जज, जिला जज, सांसद, विधायक और सरकारी अधिकारियों को अब क्वारंटाइन नहीं होना पड़ेगा.

हर मोर्च पर तैयार उत्तराखंड

मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के निर्देश पर उत्तराखंड में कोरोना से निपटने के लिए 500 डॉक्टरों और पैरामेडिकल स्टाफ की भर्ती की गई. साथ ही डॉक्टरों और नर्सों को प्रशिक्षण भी दिलाया गया. प्रत्येक जिले में वेंटिलेटर भेजे गए हैं और कोरोना के लिए डेडिकेटेड सेंटर्स बनाए गए.

इन शहरों में जांच की सुविधा

फिलहाल हल्द्वानी मेडिकल कॉलेज, एम्स ऋषिकेश, दून मेडिकल कॉलेज, श्रीनगर मेडिकल कॉलेज, आइआइपी और दून की एक निजी लैब में कोरोना से जुड़े सैंपलों की जांच हो रही है.

प्राइवेट लैब को भी जोड़ने की कवायद

प्रदेश में सैंपलिंग बढ़ने से सरकारी लैब में जांच का दबाव बढ़ गया है. प्रदेश में हर दिन करीब 1000-1200 नए सैंपल जांच के लिए भेजे जा रहे हैं. ऐसे में प्रदेश सरकार अब निजी पैथोलॉजी लैब में भी कोरोना सैंपल की जांच कराने की तैयारी में जुट गई है. दूसरे राज्य जिस रेट पर निजी लैब में टेस्टिंग करा रहे हैं. उसी रेट पर उत्तराखंड में भी निजी लैब से सैंपल की जांच कराई जाएगी और इसका भुगतान सरकार करेगी.

बढ़ेगा जांच का दायरा

उत्तराखंड सरकार जांच का दायरा बढ़ाने की तैयारी में है. अल्मोड़ा मेडिकल कॉलेज में भी जांच शुरू करने का प्रयास किया जा रहा है. इसके साथ ही एम्स ऋषिकेश और श्रीनगर मेडिकल कॉलेज की क्षमता बढ़ाई जाएगी.

देहरादून: देश-दुनिया में कोरोना वायरस का कहर कम होने का नाम नहीं ले रहा है. उत्तराखंड में मैदान से लेकर पहाड़ तक रोजाना कई लोग संक्रमित मिल रहे हैं. हमारी इस रिपोर्ट के जरिए जानिए उत्तराखंड में कोरोना की दस्तक कब हुई और इस दौरान क्या कुछ बदलाव हुए.

उत्तराखंड विषम भौगोलिक परिस्थितियों के चलते सीमित संसाधनों में सिमटा हुआ है. लॉकडाउन की वजह से उत्तराखंड के लोगों के साथ राजस्व को भी बड़ा नुकसान हुआ है. क्योंकि लॉकडाउन के चलते प्रदेश के सभी व्यवसाय पूरी तरह ठप हो गए हैं. उत्तराखंड की आय का प्रमुख स्त्रोत पर्यटन भी पूरा तरह से ठप है. जिसकी वजह से राजस्व के साथ-साथ व्यवसायियों की कमर भी टूट गई है.

उत्तराखंड में कोरोना की दस्तक

प्रदेश में कोरोना की दस्तक 15 मार्च को हुई थी. देहरादून स्थित इंदिरा गांधी राष्ट्रीय वन प्रशिक्षण अकादमी में एक ट्रेनी आईएफएस अफसर, जो स्पेन से ट्रेनिंग लेकर वापस लौटे थे. उनमें कोरोना वायरस की पुष्टि हुई थी. इसके बाद 19 मार्च को इंदिरा गांधी राष्ट्रीय वन अकादमी के ही दो और ट्रेनी आईएफएस अफसर भी कोरोना पॉजिटिव पाए गए थे.

22 मार्च को जनता कर्फ्यू का आह्वान

देश भर में कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए सरकार की तरफ से जनता कर्फ्यू का आह्वान किया गया था. 22 मार्च सुबह 7 से रात 9 बजे तक जनता कर्फ्यू लागू किया था. इस दौरान सड़कें पूरी तरह वीरान रही.

23 मार्च को उत्तराखंड में लागू हुआ लॉकडाउन

उत्तराखंड सरकार ने कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए 23 मार्च से 31 मार्च तक पूरे प्रदेश को लॉकडाउन कर दिया था. इस दौरान केवल आवश्यक चीजों के लिए ही दुकानें खुली थी. आवश्यक सेवाओं से जुड़े वाहनों को छोड़ सभी प्रकार के वाहनों पर प्रतिबंध लागू किया गया था. हालांकि 24 मार्च को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देशवासियों को संबोधित करते हुए 25 मार्च से 14 अप्रैल तक देशव्यापी लॉकडाउन की घोषणा कर दी थी.

ये भी पढ़ें: पिथौरागढ़ के दो भाई बने सेना में अफसर, एक दूसरे के कंधे पर सजाया रैंक

16 अप्रैल को राज्य में बने जोन

15 अप्रैल से पूरे देश में लॉकडाउन का दूसरा चरण लागू हुआ. जो 3 मई तक जारी रहा. इस दौरान केंद्र सरकार की गाइडलाइन के मुताबिक उत्तराखंड सरकार ने पूरे राज्य को रेड, ग्रीन और ऑरेंज जोन में बांट दिया. रेड जोन में देहरादून, ऑरेंज जोन में हरिद्वार, ऊधमसिंहनगर, नैनीताल, पौड़ी, अल्मोड़ा और ग्रीन जोन में बागेश्वर, चमोली, चंपावत, पिथौरागढ़, रुद्रप्रयाग, टिहरी और उत्तरकाशी को शामिल किया गया.

20 अप्रैल से मिली छूट

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दिशा-निर्देश पर 20 अप्रैल के बाद तमाम चीजों में छूट दी गई. जिसके तहत प्रदेश के किसानों, मनरेगा, आवश्यक सेवाओं से जुड़ी चीज के साथ-साथ ईट-भट्टों आदि को भी छूट दी गई. हालांकि आवेदन करने वाले इंडस्ट्री को भी छूट देने का निर्णय लिया गया था. ताकि प्रदेश की व्यवस्थाएं सुचारू रूप से चल सके.

वापसी के लिए रजिस्ट्रेशन

लॉकडाउन के तीसरे चरण के दौरान उत्तराखंड सरकार ने दूसरे प्रदेशों में फंसे प्रवासियों को लाने की प्रक्रिया शुरू की. इसके तहत वापस आने वाले प्रवासियों के ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन की व्यवस्था शुरू की गई. साथ ही प्रदेश से बाहर जाने वाले लोगों के लिए भी रजिस्ट्रेशन की सुविधा बनाई गई.

ये भी पढ़ें: बिना मास्क दिखे या क्वारंटाइन का किया उल्लंघन तो लगेगा बड़ा जुर्माना, राज्यपाल ने अध्यादेश को दी मंजूरी

लॉकडाउन 3.0 में राहत

4 मई से 17 मई तक लॉकडाउन के तीसरे चरण के दौरान केंद्र की गाइडलाइन के अनुसार उत्तराखंड सरकार ने राज्य के भीतर तमाम रियायतें दी गई. जिसके तहत ग्रीन जोन में बाजारों के खुलने का समय सुबह 7 बजे से शाम 4 बजे तक निर्धारित किया. साथ ही शराब की दुकानें भी खोल दी गईं. इसके साथ ही ग्रीन जोन में आने वाले जिलों में सरकारी और गैर सरकारी दफ्तर खोले जाने के भी निर्देश दिए गए थे. लेकिन स्कूल, कॉलेज, मॉल, सिनेमा घर, कॉम्प्लेक्स, होटल, रेस्टोरेंट आदि बंद ही रहे.

लॉकडाउन 4.0 में बढ़ा छूट का दायरा

18 मई से 31 मई तक लॉकडाउन के चौथे चरण में केंद्र ने छूट का दायरा बढ़ा दिया. जिसके बाद सरकार ने प्रदेश को ऑरेंज और ग्रीन में विभाजित कर दिया. इस दौरान ग्रीन और ऑरेंज जोन में सभी दुकानें सुबह 7 से शाम 4 बजे तक खोलने के निर्देश दिए थे. लेकिन रविवार को सिर्फ आवश्यक सेवाओं से जुड़ी दुकानों को ही खोलने का निर्देश दिए गए थे. यहीं नहीं कंटेनमेंट जोन में किसी भी प्रकार की दुकान या फिर ऑफिस नहीं खोलने के आदेश दिए गए थे और प्रदेश में धार्मिक, राजनीतिक आयोजनों पर पाबंदी लगाई गई थी.

लॉकडाउन 5.0 में राज्यों को मिली बड़ी राहत

केंद्र सरकार ने गाइडलाइन जारी करते हुए लॉकडाउन के पांचवें चरण के तहत 1 जून से 30 जून तक लॉकडाउन बढ़ाने का एलान किया था. हालांकि राज्य में क्या कुछ व्यवस्थाएं रहेंगी, इसका निर्णय राज्य सरकारों पर छोड़ दिया था. केंद्र की गाडइलाइन पर दुकानें सुबह 7 बजे से शाम 7 बजे तक खुलने लगी. राजधानी देहरादून के नगर निगम क्षेत्र में शनिवार और रविवार को सिर्फ आवश्यक सेवाओं को ही खोलने की अनुमति मिली. क्योंकि इन दो दिनों में नगर निगम द्वारा सैनिटाइजेशन का काम निर्धारित किया गया है.

अनलॉक 1.0 में उत्तराखंड लोगों को बड़ी राहत

केंद्र सरकार की गाइडलाइन पर प्रदेश के सभी धार्मिक स्थलों, मॉल, होटल, ढाबे आदि खोलने की अनुमति जारी की गई. हालांकि स्कूल-कॉलेज, सिनेमाघर आदि को बंद करने के निर्देश दिए गए. कोरोना के बढ़ते खतरे के बीच देहरादून और कंटेनमेंट जोन में धार्मिक स्थलों को खोलने की अनुमति नहीं दी गई. इसके साथ ही उत्तराखंड के चारधाम यात्रा सिर्फ स्थानीय लोगों के लिए खोला गया.

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दूसरे राज्यों से आने वालों को राहत

अनलॉक 1.0 में एक जिले से दूसरे जिले और एक राज्य से दूसरे राज्य जाने के लिए पास की जरूरत को खत्म कर दिया गया. हालांकि देश के हॉट स्पॉट क्षेत्रों से आने वाले लोगों के लिए 7 दिन इंस्टीट्यूशनल और 14 दिन होम क्वारंटाइन अनिवार्य किया गया है.

वीवीआईपी को विशेष छूट

अनलॉक 1.0 के तहत उत्तराखंड सरकार ने राज्य के भीतर और राज्य के बाहर ऑफिशियल काम से आने-जाने वाले वीवीआईपी को क्वारंटाइन नहीं करने का फैसला लिया है. हालांकि अधिकारियों को कोरोना से बचाव के लिए जरूरी दिशा-निर्देश और नियमों का पालन करना होगा. इस फैसले के तहत अब केंद्रीय मंत्री, प्रदेश सरकार के मंत्री, हाईकोर्ट के जज, जिला जज, सांसद, विधायक और सरकारी अधिकारियों को अब क्वारंटाइन नहीं होना पड़ेगा.

हर मोर्च पर तैयार उत्तराखंड

मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के निर्देश पर उत्तराखंड में कोरोना से निपटने के लिए 500 डॉक्टरों और पैरामेडिकल स्टाफ की भर्ती की गई. साथ ही डॉक्टरों और नर्सों को प्रशिक्षण भी दिलाया गया. प्रत्येक जिले में वेंटिलेटर भेजे गए हैं और कोरोना के लिए डेडिकेटेड सेंटर्स बनाए गए.

इन शहरों में जांच की सुविधा

फिलहाल हल्द्वानी मेडिकल कॉलेज, एम्स ऋषिकेश, दून मेडिकल कॉलेज, श्रीनगर मेडिकल कॉलेज, आइआइपी और दून की एक निजी लैब में कोरोना से जुड़े सैंपलों की जांच हो रही है.

प्राइवेट लैब को भी जोड़ने की कवायद

प्रदेश में सैंपलिंग बढ़ने से सरकारी लैब में जांच का दबाव बढ़ गया है. प्रदेश में हर दिन करीब 1000-1200 नए सैंपल जांच के लिए भेजे जा रहे हैं. ऐसे में प्रदेश सरकार अब निजी पैथोलॉजी लैब में भी कोरोना सैंपल की जांच कराने की तैयारी में जुट गई है. दूसरे राज्य जिस रेट पर निजी लैब में टेस्टिंग करा रहे हैं. उसी रेट पर उत्तराखंड में भी निजी लैब से सैंपल की जांच कराई जाएगी और इसका भुगतान सरकार करेगी.

बढ़ेगा जांच का दायरा

उत्तराखंड सरकार जांच का दायरा बढ़ाने की तैयारी में है. अल्मोड़ा मेडिकल कॉलेज में भी जांच शुरू करने का प्रयास किया जा रहा है. इसके साथ ही एम्स ऋषिकेश और श्रीनगर मेडिकल कॉलेज की क्षमता बढ़ाई जाएगी.

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