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कोरोना कर्फ्यू के चलते आर्थिक नुकसान से गुजर रहे फल-सब्जी विक्रेता

कोरोनाकाल में सभी वर्गों के लोगों को आर्थिक नुकसान का सामना करना पड़ रहा है. वहीं, देहरादून में फल, सब्जी विक्रेताओं को कोरोना कर्फ्यू के दौरान काफी आर्थिक नुकसान हो रहा है, जिससे वह परेशान हैं.

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Published : May 7, 2021, 9:45 AM IST

Updated : May 7, 2021, 9:55 AM IST

देहरादून: उत्तराखंड में कोरोना का कहर जारी है. कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच अब प्रदेश में 10 मई तक कर्फ्यू की अवधि बढ़ा दी गई है. ऐसे में राजधानी देहरादून में दिन के 12 बजे से शुरू हो रहे कोविड कर्फ्यू के चलते आर्थिक नुकसान हो रहा है. स्थिति कुछ यह है कि स्थानीय फल, सब्जी विक्रेता मंडी से महंगे दामों में फल-सब्जी खरीदकर ला रहे हैं. लेकिन इसके मुकाबले प्रति दिन 12 बजे तक महज 30 प्रतिशत ही सेल कर पा रहे हैं.

कोरोना कर्फ्यू के चलते आर्थिक नुकसान से गुजर रहे फल-सब्जी विक्रेता.
स्थानीय फल-सब्जी विक्रेताओं ने बताया कि कोरोना कर्फ्यू में उनके सामने सिर्फ फल-सब्जी को बेचने की ही चुनौती नहीं है, बल्कि बढ़ती गर्मी के बीच मंडियों से खरीदी गई फल-सब्जी को सड़ने से बचाने की भी एक बड़ी चुनौती है. जहां प्रतिदिन दिन के 12 बजे दुकानें बंद हो रही हैं, उससे कई फल-सब्जी खराब हो रही हैं. जिससे उन्हें भारी आर्थिक नुकसान हो रहा है.

पढ़ें: कोरोना संक्रमण पर मंत्री हरक के तीखे बोल, 'त्रिवेंद्र होते तो क्या कर लेते?'

फल-सब्जी विक्रेताओं ने कोरोना कर्फ्यू का पूरा समर्थन करने की बात कही है. लेकिन साथ ही उनका कहना है कि राज्य सरकार और जिला प्रशासन को फल-सब्जी के सड़ने से हो रहे आर्थिक नुकसान से उन्हें उबारने के लिए प्रयास करने चाहिए.

देहरादून: उत्तराखंड में कोरोना का कहर जारी है. कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच अब प्रदेश में 10 मई तक कर्फ्यू की अवधि बढ़ा दी गई है. ऐसे में राजधानी देहरादून में दिन के 12 बजे से शुरू हो रहे कोविड कर्फ्यू के चलते आर्थिक नुकसान हो रहा है. स्थिति कुछ यह है कि स्थानीय फल, सब्जी विक्रेता मंडी से महंगे दामों में फल-सब्जी खरीदकर ला रहे हैं. लेकिन इसके मुकाबले प्रति दिन 12 बजे तक महज 30 प्रतिशत ही सेल कर पा रहे हैं.

कोरोना कर्फ्यू के चलते आर्थिक नुकसान से गुजर रहे फल-सब्जी विक्रेता.
स्थानीय फल-सब्जी विक्रेताओं ने बताया कि कोरोना कर्फ्यू में उनके सामने सिर्फ फल-सब्जी को बेचने की ही चुनौती नहीं है, बल्कि बढ़ती गर्मी के बीच मंडियों से खरीदी गई फल-सब्जी को सड़ने से बचाने की भी एक बड़ी चुनौती है. जहां प्रतिदिन दिन के 12 बजे दुकानें बंद हो रही हैं, उससे कई फल-सब्जी खराब हो रही हैं. जिससे उन्हें भारी आर्थिक नुकसान हो रहा है.

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फल-सब्जी विक्रेताओं ने कोरोना कर्फ्यू का पूरा समर्थन करने की बात कही है. लेकिन साथ ही उनका कहना है कि राज्य सरकार और जिला प्रशासन को फल-सब्जी के सड़ने से हो रहे आर्थिक नुकसान से उन्हें उबारने के लिए प्रयास करने चाहिए.

Last Updated : May 7, 2021, 9:55 AM IST
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