देहरादून: सत्ता की कमान संभालते ही मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अधिकारियों के पेंच कसने शुरू कर दिए हैं. उन्होंने स्पष्ट कर दिया है कि उनकी सरकार का जितना भी कार्यकाल बचा है, उसमें वह जनता की नब्ज पकड़ने पर काम करेंगे. इसके साथ ही उन्होंने कैबिनेट मंत्रियों को जनपदों की जिम्मेदारी सौंपी है. कैबिनेट मंत्रियों ने सबसे ज्यादा अहमियत हरिद्वार ग्रामीण से विधायक स्वामी यतीश्वरानंद (swami yatishwaranand) को दी गई है. हालांकि इसके पीछे दोनों को दोस्ती बताई जा रही है. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी (pushkar singh dham) और कैबिनेट मंत्री स्वामी यतीश्वरानंद की दोस्ती किसी से छिपी नहीं है.
उत्तराखंड विधानसभा के सत्र देहरादून में हो या फिर गैरसैंण में दोनों हर जगह साथ ही देखे जाते रहे. स्वामी यतीश्वरानंद (swami yatishwaranand) का कुमाऊं दौरा या फिर पुष्कर सिंह धामी (pushkar singh dham) का देहरादून आना दोनों हर जगह हमेशा एक साथ ही दिखे. बताया जाता है कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की एक टीम है, जिसमें सबसे महत्वपूर्ण स्थान यतीश्वरानंद रखते हैं. विधायकों की इस टीम में राजेश शुक्ला और संजय गुप्ता जैसे नेताओं का नाम भी शामिल है. लेकिन यतीश्वरानंद से मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का रिश्ता कुछ अलग ही है, जिसका उन्हें फायदा भी मिला है.
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यही कारण है कि तीरथ सरकार में राज्य मंत्री बनाए गए स्वामी यतीश्वरानंद को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अपनी सरकार में कैबिनेट मंत्री बनाया. इसके अलावा मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कैबिनेट मंत्री स्वामी यतीश्वरानंद को उनके गृह जिले उधमसिंह नगर का प्रभारी मंत्री बनाया है. जबकि तीरथ सरकार में राज्य मंत्री रहते हुए स्वामी यतीश्वरानंद को टिहरी जिले का प्रभारी बनाया गया था.
दोनों एक ही गाड़ी से पहुंचे थे बीजेपी मुख्यालय
यहां गौर करने वाली बात ये भी है कि जिस दिन बीजेपी में मुख्यमंत्री को लेकर मंथन चल रहा था, तब भी दोनों एक ही गाड़ी से पार्टी कार्यालय पहुंचे थे. हालांकि तबतक मुख्यमंत्री के नाम की घोषणा नहीं हुई थी, लेकिन गाड़ी से उतरते समय स्वामी यतीश्वरानंद की बॉडी लैंग्वेज बता रही थी कि उत्तराखंड की कमान पुष्कर सिंह धामी के हाथों में ही जानी है. मुख्यमंत्री बनने के बाद से लेकर आजतक हर कार्यक्रम में स्वामी यतीश्वरानंद हर जगह मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी साथ देखे गए हैं. ऐसे में मुख्यमंत्री बनने से लेकर आज तक हर कार्यक्रम और सभी बैठकों में स्वामी यतीश्वरानंद पुष्कर सिंह धामी के साथ देखे जा रहे हैं.
मिली महत्वपूर्ण विभाग की जिम्मेदारी
इतना ही नहीं स्वामी यतीश्वरानंद को सीएम धामी ने ग्राम विकास मंत्रालय भी दे दिया है. इस विभाग की महत्वता इसी से लगाई जा सकती है कि अब तक ये विभाग त्रिवेंद्र और तीरथ ने अपने पास रखा हुआ था. इतना ही नहीं नारायण दत्त तिवारी सरकार में भी ये मंत्रालय सीएम के पास था, जबकि निशंक सरकार में बिशन सिंह चुफाल के पास तो वही बहुगुणा और हरीश रावत सरकार में ये विभाग प्रीतम सिंह के पास था.
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स्वामी यतीश्वरानंद ने हरीश रावत को दी थी मात
स्वामी यतीश्वरानंद हरिद्वार ग्रामीण सीट से दो बार विधायक रह चुके हैं. उन्होंने 2017 के उत्तराखंड विधानसभा चुनाव में उन्होंने तत्कालीन मुख्यमंत्री और कांग्रेस के दिग्गज नेता हरीश रावत को हराया था. 2017 के विधानसभा चुनाव में स्वामी यतीश्वरानंद को 44,872 वोट मिले थे, जबकि हरीश रावत को 32,645 वोट ही मिल पाए थे. हरिद्वार जिले से बीजेपी ने मदन कौशिक को प्रदेश अध्यक्ष बनाया था, जिसके बाद से ही उम्मीद की जाने लगी थी कि स्वामी यतीश्वरानंद को सरकार में कुछ बड़ा ओहदा दिया जाएगा. पुष्कर सिंह धामी के मुख्यमंत्री बनते ही स्वामी यतीश्वरानंद की अहमियत बढ़ गई और उन्हें राज्य मंत्री से कैबिनेट मंत्री बना दिया गया.
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स्वामी यतीश्वरानंद यदि इसी तरह मजबूत होते रहे तो हरिद्वार की राजनीति में उनकी पकड़ पहले से मजबूत हो जाएगी और ये मदन कौशिक के लिए थोड़ी मुश्किलें जरूर खड़ी कर सकता है. इसके अलावा सरकार में स्वामी यतीश्वरानंद का ओहदा बढ़ने से हरिद्वार में कांग्रेस के कुछ बड़े नेता भी परेशान दिखाई दे रहे हैं. बहरहाल स्वामी यतीश्वरानंद के साथ मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी अपनी दोस्ती खूब निभा रहे हैं.