ETV Bharat / state

4600 ग्रेड पे का साइड इफेक्ट! उत्तराखंड में कांस्टेबल के 20 फीसदी पद फ्रीज, बेरोजगार युवाओं का बढ़ा संकट

author img

By

Published : Jul 1, 2023, 7:20 AM IST

उत्तराखंड के चौकी थानों में अब सिपाहियों की संख्या धीरे-धीरे कम होती हुई दिखाई देगी. ऐसा पुलिस मुख्यालय के प्रस्ताव के बाद शासन स्तर पर लिए गए उस फैसले के कारण होगा, जिसमें राज्य भर में पुलिस कांस्टेबल के कुल पदों में 20% पदों को सरेंडर किए जाने का फैसला लिया गया. शासन ने यह निर्णय पुलिस कांस्टेबल के प्रमोशन को लेकर बनाए गए फार्मूले के आधार पर लिया है.

police recruitment
पुलिस भर्ती

देहरादून: उत्तराखंड में पुलिस कांस्टेबल की 4600 ग्रेड पे की मांग का असर सिपाहियों के कुल पदों के ढांचे पर भी दिखाई दिया है. दरअसल पिछले साल सिपाहियों के बढ़े हुए ग्रेड पे की मांग पर पुलिस मुख्यालय ने विचारोपरांत कुछ प्रस्ताव शासन को भेजे. इसके बाद ग्रेड पे की जगह सिपाहियों को प्रमोशन दिए जाने का फैसला लिया गया. इस कड़ी में राज्य में एडिशनल सब इंस्पेक्टर के लिए नए पद भी सृजित किये गए. जाहिर है कि ऐसा करने से राज्य पर वित्तीय बोझ पड़ता. लिहाजा उस दौरान ऐसा फार्मूला निकाला गया कि पुलिस कांस्टेबल को प्रमोशन का लाभ भी मिल जाए और नए पदों का बोझ भी राज्य पर ना पड़े. इसी फार्मूले के तहत शासन ने जो आदेश किया वह बेरोजगार युवाओं पर भारी पड़ा.

कांस्टेबल के 20 फीसदी पद सरेंडर: दरअसल राज्य में सिपाहियों के कुल 17,503 पद सृजित हैं. यानी सिपाहियों के लिए सभी संवर्ग में इतनी संख्या में ही सिपाही भर्ती किये जा सकते हैं. लेकिन नए फार्मूले को लागू करने के बाद शासन ने सिपाहियों के 17,503 पदों में से 20% पद सरेंडर कर दिए. यानी सिपाहियों के 3500 पद खत्म कर दिए गए. यह वह पद हैं जिन पर सीधी भर्ती के जरिए युवा रोजगार का मौका तलाशते हैं. इस तरह देखा जाए तो पुलिस के स्तर पर हुए इस फैसले के चलते युवाओं के रोजगार को तगड़ा झटका लगा है.

पदों को भरने की बाजीगरी: हालांकि सीधी भर्ती के इन पदों में 3500 पद खत्म करके इनमें आधी संख्या यानी 1750 पद मुख्य आरक्षी के बढ़ा दिए गए. इस तरह मुख्य आरक्षी पद का ढांचा अब 3440 से बढ़कर 5190 कर दिया गया. हालांकि मुख्य आरक्षी का यह पद पूर्ण रूप से प्रमोशन का पद है. लिहाजा इसका फायदा नए युवाओं को नहीं होगा. इसी तरह 1750 एडिशनल सब इंस्पेक्टर के नए पद सृजित किए गए हैं. यह पद भी पूरी तरह से प्रमोशन का पद है. लिहाजा यहां भी युवाओं की रोजगार के रूप में सीधी एंट्री नहीं होगी.
ये भी पढ़ें: उत्तराखंड पुलिस में बनेगा एडिशनल SI का नया पद, CM धामी ने ग्रेड-पे की समस्या का निकाला हल

20 फीसदी पद सरेंडर का थानों चौकियों पर पड़ेगा असर: खास बात यह है कि कांस्टेबल के पद पर 3500 की संख्या कम करने के बाद चौकी थानों में भी कॉन्स्टेबल की संख्या कम होगी. जबकि चौकी थानों में सबसे महत्वपूर्ण जिम्मेदारी सिपाही की ही होती है. जमीनी स्तर पर उन्हीं के द्वारा काम को पूरा किया जाता है.
ये भी पढ़ें: एडिशनल एसआई पद को लेकर DGP का बयान, 'दो स्टार के साथ मिलेगी चौकी की जिम्मेदारी'

देहरादून: उत्तराखंड में पुलिस कांस्टेबल की 4600 ग्रेड पे की मांग का असर सिपाहियों के कुल पदों के ढांचे पर भी दिखाई दिया है. दरअसल पिछले साल सिपाहियों के बढ़े हुए ग्रेड पे की मांग पर पुलिस मुख्यालय ने विचारोपरांत कुछ प्रस्ताव शासन को भेजे. इसके बाद ग्रेड पे की जगह सिपाहियों को प्रमोशन दिए जाने का फैसला लिया गया. इस कड़ी में राज्य में एडिशनल सब इंस्पेक्टर के लिए नए पद भी सृजित किये गए. जाहिर है कि ऐसा करने से राज्य पर वित्तीय बोझ पड़ता. लिहाजा उस दौरान ऐसा फार्मूला निकाला गया कि पुलिस कांस्टेबल को प्रमोशन का लाभ भी मिल जाए और नए पदों का बोझ भी राज्य पर ना पड़े. इसी फार्मूले के तहत शासन ने जो आदेश किया वह बेरोजगार युवाओं पर भारी पड़ा.

कांस्टेबल के 20 फीसदी पद सरेंडर: दरअसल राज्य में सिपाहियों के कुल 17,503 पद सृजित हैं. यानी सिपाहियों के लिए सभी संवर्ग में इतनी संख्या में ही सिपाही भर्ती किये जा सकते हैं. लेकिन नए फार्मूले को लागू करने के बाद शासन ने सिपाहियों के 17,503 पदों में से 20% पद सरेंडर कर दिए. यानी सिपाहियों के 3500 पद खत्म कर दिए गए. यह वह पद हैं जिन पर सीधी भर्ती के जरिए युवा रोजगार का मौका तलाशते हैं. इस तरह देखा जाए तो पुलिस के स्तर पर हुए इस फैसले के चलते युवाओं के रोजगार को तगड़ा झटका लगा है.

पदों को भरने की बाजीगरी: हालांकि सीधी भर्ती के इन पदों में 3500 पद खत्म करके इनमें आधी संख्या यानी 1750 पद मुख्य आरक्षी के बढ़ा दिए गए. इस तरह मुख्य आरक्षी पद का ढांचा अब 3440 से बढ़कर 5190 कर दिया गया. हालांकि मुख्य आरक्षी का यह पद पूर्ण रूप से प्रमोशन का पद है. लिहाजा इसका फायदा नए युवाओं को नहीं होगा. इसी तरह 1750 एडिशनल सब इंस्पेक्टर के नए पद सृजित किए गए हैं. यह पद भी पूरी तरह से प्रमोशन का पद है. लिहाजा यहां भी युवाओं की रोजगार के रूप में सीधी एंट्री नहीं होगी.
ये भी पढ़ें: उत्तराखंड पुलिस में बनेगा एडिशनल SI का नया पद, CM धामी ने ग्रेड-पे की समस्या का निकाला हल

20 फीसदी पद सरेंडर का थानों चौकियों पर पड़ेगा असर: खास बात यह है कि कांस्टेबल के पद पर 3500 की संख्या कम करने के बाद चौकी थानों में भी कॉन्स्टेबल की संख्या कम होगी. जबकि चौकी थानों में सबसे महत्वपूर्ण जिम्मेदारी सिपाही की ही होती है. जमीनी स्तर पर उन्हीं के द्वारा काम को पूरा किया जाता है.
ये भी पढ़ें: एडिशनल एसआई पद को लेकर DGP का बयान, 'दो स्टार के साथ मिलेगी चौकी की जिम्मेदारी'

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.