देहरादून: हर तरह की मुश्किल परिस्थितियों में संकट मोचक की भूमिका निभाने वाली एसडीआरफ (राज्य आपदा राहत बल) कोरोना से लड़ने में भी पीछे नहीं है, लेकिन चिंता का बात यह कि एसडीआरएफ के जवान लगातार कोरोना पॉजिटिव आ रहे हैं. वहीं, प्रदेश के अलग-अलग जिलों में आपदा एवं राहत बचाव के लिए एसडीआरएफ के जवानों की मांग बढ़ती जा रही है. ऐसे में 180 जवानों की नई कंपनी गठित की जाएगी, जिसके लिए शासन से मंजूरी मिल गई है.
उत्तराखंड की भौगोलिक परिस्थितियों काफी विषम है. मौसम की दुश्वारियों यहां कभी ही खत्म नहीं होती है, हर साल मॉनसून यहां बड़ी तबाही लेकर आता है. आपदा के इस दौर में पीड़ित लोगों के लिए यदि कोई देवदूत बनकर आता है तो वह है एसडीआरएफ के जवान. इसके अलावा पहाड़ों पर जो सड़क हादसे होते है उसमें भी एसडीआरएफ के जवान रेस्क्यू करने में सबसे आगे रहते हैं. यही कारण है कि एसडीआरएफ के जवानों की संख्या बढ़ाने पर विचार किया गया था. इसीलिए अब प्रदेश में एसडीआरएफ की चौथी कंपनी का गठन किया जाएगा.
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एसडीआरएफ आईजी संजय गुंज्याल ने बताया कि जो नई कंपनी गठित होनी है उसके लिए अलग-अलग पुलिस ईकाइयों से ही जवानों का चयन होना है, जो मैदानी और खासकर दुर्गम पर्वतीय क्षेत्रों में राहत के बचाव कार्य कर सकें. इसके लिए उन्हें विशेष ट्रेनिंग दी जाती है.