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देहरादून के आसमान में 4 फाइटर जेट्स ने भरी उड़ान

देहरादून के आसमान में एयरफोर्स के 4 जेट्स ने उड़ान भरते नजर आए. वहीं, उत्तरकाशी के चिन्यालीसौड़ में एयरफोर्स ने हवाई पट्टी को भी एक्टिव कर दिया है.

fighter jets fly over Dehradun
देहरादून के आसमान में फाइटर जेट्स.
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Published : Jul 3, 2020, 4:54 PM IST

Updated : Jul 3, 2020, 5:24 PM IST

देहरादून: लद्दाख में भारत-चीन सीमा विवाद के बीच सेना ने अपनी मुस्तैदी बढ़ा दी है. गलवान घाटी संघर्ष के बाद से ही भारत और चीन के बीच तनाव चरम पर है. जिसके बाद एयरफोर्स के फाइटर जेट्स भी लगातार उड़ान भर रहे हैं. डोईवाला देहरादून के आसमान में 4 लड़ाकू विमानों ने जौलीग्रांट एयरपोर्ट से उड़ान भरी. सभी जेट्स सहारनपुर से सरसाव एयरबेस से जौलीग्रांट एयरपोर्ट पहुंचे थे. दोपहर एक बजे सभी लड़ाकू विमानों ने उड़ान भरते हुए वापस सरसावा एयरबेस लौट गए. दिनों-भारत चीन बॉर्डर पर तनाव की स्थिति बनी हुई है. माना जा रहा है कि इसी के मद्देनजर उत्तराखंड की सीमा के आसपास लड़ाकू विमान हवाई उड़ान भरते नजर आए.

भारत-चीन सीमा पर तनाव की स्थिति बनी हुई है. ऐसे में उत्तराखंड से सटी चीन सीमाओं पर भी चौकसी बढ़ाई गई है. इसी बीच जौलीग्रांट हवाई अड्डे के ऊपर 4 लड़ाकू विमान उड़ान भरते हुए नजर आए हैं. गौरतलब है कि इससे पहले 10 जून को सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण उत्तरकाशी जिले की चिन्यालीसौड़ पट्टी पर वायुसेना के एनएन-32 मालवाहक विमान की सफल लैंडिंग हुई थी. ये विमान आगरा एयर बेस से चिन्यालीसौड़ हवाईपट्टी पहुंचा था. बता दें कि चिन्यालीसौड़ से चीन सीमा की दूरी 125 किमी है और चीन सीमा पर तनातनी के बाद से ही एयरफोर्स एयर पेट्रोलिंग में जुटी हुई है.

ये भी पढ़ें: उत्तराखंड में चारधाम यात्रा शुरू, यात्रा पर जाने से पहले जानिए नियम

उत्तराखंड 345 किलोमीटर लंबी भारत-चीन सीमा साझा करता है. LAC का मिडिल सेक्टर हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड है. चीन कई बार चमोली के बाड़ाहोती और माणापास में घुसपैठ की हिमाकत कर चुका है. भारत-चीन बॉर्डर पर तल्खी के बाद उत्तराखंड में गढ़वाल और कुमाऊं सेक्टर में सैन्य बल बढ़ा दिया गया है.

उत्तराखंड में केंद्रीय आर्मी कमांड के बड़ी संख्या में सैनिक तैनात हैं. वहीं, उत्तरकाशी के चिन्यालीसौड़ में एयरफोर्स ने हवाई पट्टी को एक्टिव कर दिया है. चीन की नजर यहां भी हमेशा रही है तो इस मोर्चे पर भारत पूरी तरह तैयार हो चुका है. उत्तराखंड के बाड़ाहोती के मैदानी भू-भाग को लेकर भी चीन अक्सर घुसपैठ करता रहता है.

देहरादून: लद्दाख में भारत-चीन सीमा विवाद के बीच सेना ने अपनी मुस्तैदी बढ़ा दी है. गलवान घाटी संघर्ष के बाद से ही भारत और चीन के बीच तनाव चरम पर है. जिसके बाद एयरफोर्स के फाइटर जेट्स भी लगातार उड़ान भर रहे हैं. डोईवाला देहरादून के आसमान में 4 लड़ाकू विमानों ने जौलीग्रांट एयरपोर्ट से उड़ान भरी. सभी जेट्स सहारनपुर से सरसाव एयरबेस से जौलीग्रांट एयरपोर्ट पहुंचे थे. दोपहर एक बजे सभी लड़ाकू विमानों ने उड़ान भरते हुए वापस सरसावा एयरबेस लौट गए. दिनों-भारत चीन बॉर्डर पर तनाव की स्थिति बनी हुई है. माना जा रहा है कि इसी के मद्देनजर उत्तराखंड की सीमा के आसपास लड़ाकू विमान हवाई उड़ान भरते नजर आए.

भारत-चीन सीमा पर तनाव की स्थिति बनी हुई है. ऐसे में उत्तराखंड से सटी चीन सीमाओं पर भी चौकसी बढ़ाई गई है. इसी बीच जौलीग्रांट हवाई अड्डे के ऊपर 4 लड़ाकू विमान उड़ान भरते हुए नजर आए हैं. गौरतलब है कि इससे पहले 10 जून को सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण उत्तरकाशी जिले की चिन्यालीसौड़ पट्टी पर वायुसेना के एनएन-32 मालवाहक विमान की सफल लैंडिंग हुई थी. ये विमान आगरा एयर बेस से चिन्यालीसौड़ हवाईपट्टी पहुंचा था. बता दें कि चिन्यालीसौड़ से चीन सीमा की दूरी 125 किमी है और चीन सीमा पर तनातनी के बाद से ही एयरफोर्स एयर पेट्रोलिंग में जुटी हुई है.

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उत्तराखंड 345 किलोमीटर लंबी भारत-चीन सीमा साझा करता है. LAC का मिडिल सेक्टर हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड है. चीन कई बार चमोली के बाड़ाहोती और माणापास में घुसपैठ की हिमाकत कर चुका है. भारत-चीन बॉर्डर पर तल्खी के बाद उत्तराखंड में गढ़वाल और कुमाऊं सेक्टर में सैन्य बल बढ़ा दिया गया है.

उत्तराखंड में केंद्रीय आर्मी कमांड के बड़ी संख्या में सैनिक तैनात हैं. वहीं, उत्तरकाशी के चिन्यालीसौड़ में एयरफोर्स ने हवाई पट्टी को एक्टिव कर दिया है. चीन की नजर यहां भी हमेशा रही है तो इस मोर्चे पर भारत पूरी तरह तैयार हो चुका है. उत्तराखंड के बाड़ाहोती के मैदानी भू-भाग को लेकर भी चीन अक्सर घुसपैठ करता रहता है.

Last Updated : Jul 3, 2020, 5:24 PM IST
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