देहरादून: यूकेएसएसएससी पेपर लीक (UKSSSC paper leak) मामले में पंतनगर विश्वविद्यालय के अधिकारी दिनेश चंद्र जोशी (Dinesh Chandra Joshi got bail) समेत चार लोगों को देहरादून कोर्ट से जमानत मिल गई है. हालांकि, इस केस में जिन 21 मुख्य आरोपियों पर गैंगस्टर लगाई गई है, उनकी जमानत के फिलहाल कोई आसार नजर नहीं आ रहे हैं.
यूकेएसएसएससी पेपर लीक मामले में एसटीएफ ने कुल 41 लोगों को गिरफ्तार किया था, जिसमें आज चार को जमानत मिल गई है. चारों आरोपी को जमानत जज आशुतोष कुमार मिश्र की कोर्ट ने दी. जिन चार आरोपियों को कोर्ट से जमानत मिली है, उनमें पंतनगर विश्वविद्यालय के पूर्व AEO दिनेश चंद्र जोशी के अलावा अभ्यर्थी तुषार चौहान, भावेश जगूड़ी और अंकित रमोला हैं.
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इस मामले में पहली बार किसी आरोपी को कोर्ट से जमानत मिली है. वहीं, इस मामले में उत्तराखंड एसटीएफ का कहना है कि उन्होंने पर्याप्त सबूत और साक्ष्यों के आधार पर 5 अक्टूबर से पहले ही कोर्ट में चार्जशीट दाखिल कर दी है. अब जमानत मिलना एक कानूनी प्रक्रिया है. लेकिन इस मामले में 21 मुख्य आरोपी जिन पर गैंगस्टर लगा है या फिर जिनके खिलाफ एसटीएफ के पास पर्याप्त सबूत हैं, उनको जमानत मिलना आसान नहीं है.
उत्तराखंड बार काउंसिल के सदस्य और वरिष्ठ अधिवक्ता चंद्रशेखर तिवारी के मुताबिक, देहरादून जिला न्यायालय एडीजी चुतुर्थ आशुतोष मिश्र की अदालत से पंतनगर यूनिवर्सिटी के पूर्व अधिकारी दिनेश चंद्र जोशी की जमानत मंजूर हुई हैं. चंद्रशेखर तिवारी ने बताया कि जमानत को लेकर कोर्ट में दो दिनों तक बहस हुई. इसके बाद शुक्रवार को कोर्ट ने इस तर्क पर दिनेश चंद्र जोशी को जमानत दी कि उनके पास से कोई धनराशि की रिकवरी नहीं हुई है.
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इसके अलावा दिनेश चंद्र जोशी पर आरोप लगाया गया था कि उन्होंने 80 लाख रुपए में अभ्यर्थियों को पेपर बेचा है, लेकिन इसका भी कोई पर्याप्त सबूत एसटीएफ पेश नहीं कर सकी. इतना ही नहीं जिन छात्रों को पेपर बेचने का आरोप लगाया गया है, उनको केस में आरोपी ना बनाकर मात्र उनके बयानों के आधार पर ही जोशी को आरोपी बनाया गया है. आरोपियों को एक-एक लाख रुपए के मुचलके और एक लाख रुपए का बॉन्ड भरवाया गया है. इतना ही नहीं जमानत मिलने वाले आरोपियों को देश छोड़ने पर पाबंदी लगाई गई है.